यूपी पुलिस ने बेकसूर रिक्शाचालक को नंगा कर न सिर्फ पीटा बल्कि दरिंदगी की हद पार करते हुए उसके गुप्तांग में डंडा तक घुसेड़ दिया...
फरीद आरजू की रिपोर्ट
बलरामपुर, जनज्वार। योगीराज में पुलिस की गुंडई और हिंसा किस हद तक बढ़ रही है, इसका ताजा उदाहरण है वो रिक्शाचालक जिसे बिना जुर्म पुलिस न केवल थाने ले गई, बल्कि थाने में उसकी नंगे कर बर्बरतापूर्वक पिटाई की गई, यहां तक कि उसके गुप्तांग में डंडा तक डाला गया।
उत्तर प्रदेश पुलिस पर गरीबों और निरीह पर बर्बरता के आरोप लगातार बढ़ते जा रहे हैं। ताजा मामला बलरामपुर का है, जहाँ पर उतरौला थाने की पुलिस चोरी के शक में पालापुर गांव के रिक्शाचालक निब्बर को उसके घर से उठा लाई और थाने में बंद कर पट्टे से बर्बरतापूर्वक उसकी पिटाई की। इससे पहले भी इस तरह के कई मामलों में पुलिस संलिप्त रह चुकी है।
इस मामले में उतरौला थाने की पुलिस ने रिक्शा चालक निब्बर को नंगा कर जमकर पीटा और उसके गुप्तांग में डंडा तक डाल दिया। हद तो तब हो गई जब इतनी हिंसा के बाद एक सादे कागज पर अंगूठा लगवाकर उसे छोड़ा गया।
पीड़ित निब्बर के परिजनों ने जब इंसाफ की गुहार लगाई तो पुलिस ने उसके घर जाकर चार सौ रुपये देते हुए खामोश रहने की नसीहत दी। अब दहशतजदा पीड़ित परिवार ने एसपी से मुलाकात कर इंसाफ की गुहार लगाई है।
एसपी राजेश कुमार इस मामले में जांच कराने की बात तो कर रहे हैं, लेकिन मीडिया के सामने कुछ भी बोलने से कन्नी काट रहे हैं। इस मामले में हैरतनाक बात यह है कि इतनी बर्बरता के बावजूद पुलिस के खिलाफ अभी तक एफआईआर तक दर्ज नहीं की गई है।
जानकारी के मुताबिक यह घटना 8 जून की है। उतरौला थाने की पुलिस सिर्फ शक के आधार पर 40 वर्षीय रिक्शा चालक निब्बर को न केवल उसके घर से उठा ले गई, बल्कि थाने में उसके साथ हिंसा की इंतहा पार कर दी गई।
मगर यह खबर किसी अखबार, टीवी चैनल के लिए मसाला नहीं थी, इसलिए किसी ने इसका जिक्र तक करना मुनासिब नहीं समझा। आज इस मामले की शिकायत लेकर निब्बर के परिजन एसपी राजेश कुमार के पास न्याय की गुहार लगाने गये और उनसे न्याय दिलाने की गुजारिश की। कहा कि दोषी पुलिसवालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करें।
इस घटना से निब्बर सदमे जैसी हालत में चला गया है। वह बस एक ही सवाल पूछ रहा है कि उसका दोष क्या है, जो पुलिस ने उसकी यह हालत की। उसे नंगा कर पीटा और बबर्रता की हद पार करते हुए गुप्तांग में डंडा तक घुसा दिया।