Lockdown के बीच भारत में बढ़े महिलाओं पर हिंसा के मामले

Update: 2020-04-03 06:08 GMT

महिलाओं पर बढ़ती हिंसा पर एनसीडब्ल्यू की प्रमुख ने कहा कि मैंने लॉकडाउ के कारण विभिन्न प्रकार की शिकायतें देखने को मिली हैं। इस दौरान महिलाएं पुलिस तक नहीं पहुंच पाती हैं और वे पुलिस में भी नहीं जाना चाहती हैं...

जनज्वार। कोरोनावायरस के बढ़ते प्रकोप के कारण पूरे देश में 21 दिनों के लॉकडाउन की घोषणा की है। कोरोना वायरस के कारण देश में कोविड-19 के मामले बढ़कर गुरुवार को 1,965 हो गए और वहीं इससे अब तक 50 लोगों की जान जा चुकी है। केंद्रीय स्वास्थय मंत्रालय के अनुसार देश में कोरोना वायरस से अभी 1,764 लोग संक्रमित हैं। जबकि 150 लोग वे हैं। जिन्हें या तो इलाज के बाद छुट्टी मिल चुकी है या दूसरे देश जा चुके हैं।

मंत्रालय द्वारा गुरुवार सुबह जारी किए आकंड़ों के अनुसार देश में कोरोना वायरस के नौ नए मामले सामने आए है। जिनमें से चार महाराष्ट्र, तीन मध्य प्रदेश और आंध्र प्रदेश तथा पंजाब से एक-एक मामला आया है। कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप के बीच मजदूरों को परेशानी का सामना तो करना ही पड़ रहा हैं। इसके अलावा घरेलू हिंसा के मामलों में काफी वृध्दि पाई गई है। राष्ट्रीय महिला आयोग ने इस बात की जानकारी दी है। आयोग के अनुसार घरेलू हिंसा से जुड़े अलग अलग मामले इस दौरान देखने को मिले हैं।

मामले पर राष्ट्रीय महिला आयोग की चेयरपर्सन रेखा शर्मा का कहना है कि लॉकडाउन के दौरान महिलाओं के ऊपर घरेलू हिंसा के मामलों में बढ़ोतरी हुई है। इस दौरान घरेलू हिंसा से जुडे़ अलग-अलग मामले सामने आ रहे हैं। कई मामलों में पतियों द्वारा महिलाओँ को प्रताड़ित करने के साथ ही उन्हें कोविड-9 तक कहा गया है। 24 मार्च से 1 अप्रैल तक एनसीडब्लयू को 69 घरेलू हिंसा की शिकायतें मिली है और इन मामलों में लगातार दिन पर दिन बढ़ोतरी होती जा रही है।

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रेखा का कहना है कि मुझे रोज कम से कम एक या दो ईमेल मिल रहे हैं। यहां तक कि सीधे मेरी व्यक्तिगत ईमेल आईडी पर भी कई मेल आ रहे हैं। मेरे स्टाफ के सदस्यों को हमारे आधिकारिक ईमेल आईडी और फोन नंबर के अलावा उनके व्यक्तिगत ईमेल और व्हाट्सएप नंबर पर घरेलू हिंसा की शिकायतं भी मिल रही हैं।

हिलाओं पर बढ़ती हिंसा पर एनसीडब्ल्यू की प्रमुख ने कहा कि मैंने लॉकडाउ के कारण विभिन्न प्रकार की शिकायतें देखने को मिली हैं। इस दौरान महिलाएं पुलिस तक नहीं पहुंच पाती हैं और वे पुलिस में भी नहीं जाना चाहती हैं। क्योंकि अगर पति एक या दो दिन में पुलिस स्टेशन से वापस आ जाता है तो वह फिर से महिला को प्रताड़ित करना शुरू कर देगा। यह एक अलग तरह की समस्या है। पहले महिलाएं अपने माता-पिता के पास पहुंच जाती थी।

लेकिन अभी यह विकल्प भी बंद हो गया है। घरेलू हिंसा के मामलों के बढ़ने का एक बड़ा कारण यह हो सकता है कि पहले महिलाएं अपने माता-पिता के घर, नौकरी की जगहों या सार्वजनिक स्थानों पर मुक्त होकर सांस ले पाती थीं, लेकिन लॉकडाउन के कारण उन्हें अपने हिंसक साथियों के साथ रहना पड़ रहा है।

शिकायतों के बारे में बताते हुए रेखा शर्मा कहती है कि आज मुझे नैनीताल से एक महिला की शिकायत मिली जिसमें उसका कहना था कि उसका पति उसे पीटने के अलावा गालियां भी देता है। क्योंकि में यात्रा करने में सक्षम नहीं जिस कारण में अपने मायके भी नहीं जा पा रही हूं। वह महिला हॉस्टल या किसी ऐसी जगह की तलाश में है जहां वह लॉकडाउन में जा सके। वह पुलिस के पास भी नहीं जाना चाहती क्योंकि अगर उसके पुलिस उसके पति को गिरफ्तार करती है तो उसके ससुराल वाले उसे यातना देंगे।

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स दौरान रेखा शर्मा ने एक अन्य शिकायत का ज्रिक करते हुए बताया जिसमें पीड़िता के पति ने उसे पीटते हुए कोविड-19 भी कह दिया था। उन्होंने कि कि कल मुझे मोहाली से एक फोन आया जिसमें एक महिला अपने पति के साथ रुकी हुई थी। उसका पति उसे गाली देने के अलावा उसको कोविड-19 कह कर बुला रहा था। शर्मा का कहना है कि महिलाएं के ऊपर बढ़ रहे अत्याचारों पर सख्त कदम उठाने की जरुरत है।

शर्मा ने कहा कि एनसीडब्ल्यू इन शिकायतकर्ताओं के संपर्क में है। उन्होंने कहा, "मैं व्यक्तिगत रूप से उन्हें फोन कर रही हूं। मेरी टीम अपना बेहतर प्रयास कर रही है और हम वहां उनके लिए 24 घंटे सातों दिन उपलब्ध हैं। अगर मीडिया को इस तरह का कोई मामला मिलता है, तो उन्हें इसे रिपोर्ट करना चाहिए।"

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