केंद्र सरकार की बात मानेंगे प्राइवेट स्कूल? लॉकडाउन में स्कूलों को फीस न बढ़ाने को कहा

Update: 2020-04-17 14:09 GMT

केंद्र सरकार ने कोरोनावायरस और लॉकडाउन के इस दौर में प्राइवेट स्कूलों से फीस न बढ़ाने की अपील की है। इसके साथ ही स्कूलों को सलाह दी गई है कि वे एक साथ तीन महीने की फीस न वसूलें...

जनज्वार। केंद्र सरकार ने कोरोनावायरस और लॉकडाउन के इस दौर में प्राइवेट स्कूलों से फीस न बढ़ाने की अपील की है। इसके साथ ही स्कूलों को सलाह दी गई है कि वे एक साथ तीन महीने की फीस न वसूलें। केंद्र सरकार ने विभिन्न राज्यों से अभिभावकों एवं स्कूलों के हितों में सामंजस्य स्थापित करने को कहा है। देश के विभिन्न हिस्सों से अभिभावक लगातार इस विषय पर केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय को अपनी याचिकाएं भेज रहे हैं।

भिभावकों की चिंता का मुख्य विषय प्राइवेट स्कूलों द्वारा फीस वृद्धि और तीन महीने की फीस इकट्ठा जमा करवाने का फरमान है। केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा, देश भर से कई अभिभावकों द्वारा मेरे संज्ञान में यह बात लाई गई है कि इस संकट के समय में भी कई स्कूल अपनी सालाना फीस में वृद्धि और तीन महीने की वर्तमान फीस एक साथ ले रहे हैं।

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स वैश्विक आपदा के समय मेरा सभी स्कूलों से निवेदन है कि सालाना स्कूल फीस वृद्धि और तीन महीने की फीस एक साथ न लेने पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करें। उन्होंने कहा, मैं सभी राज्यों के शिक्षा विभागों से यह आशा करता हूं कि वे संतोषजनक तरीके से अभिभावकों और स्कूलों के हितों के संरक्षण की दिशा में बेहतर सामंजस्य स्थापित कर रहे होंगे।

गौरतलब है कि दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने शुक्रवार को एक आदेश जारी किया है। इस आदेश में कहा गया है कि कोई भी प्राइवेट स्कूल छात्रों से एक महीने की ट्यूशन फीस से अधिक रकम नहीं लेगा। इसके साथ ही कोई भी प्राइवेट स्कूल फीस में बढ़ोतरी नहीं कर सकेगा।

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ट्यूशन फीस प्रत्येक महीने के हिसाब से जमा करवानी होगी। स्कूल तीन महीने की ट्यूशन फीस एक साथ नहीं ले सकेंगे। राज्य सरकारों द्वारा जारी किए जा रहे इस प्रकार के निर्देशों पर निशंक ने कहा, मुझे खुशी है कि कुछ राज्यों ने इस पर सकारात्मक कदम उठाए हैं। मैं उनकी इस पहल की सराहना करता हूं एवं आशा करता हूं कि सभी राज्य उपरोक्त अनुरोध पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करेंगे। उन्होंने कहा, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने भी इस महामारी के समय मानवीय मूल्यों को प्राथमिकता देने का आग्रह किया है, इस परिप्रेक्ष्य में आशा है कि सभी स्कूल अपने टीचर्स और पूरे स्टाफ को समय पर सैलरी उपलब्ध कराने की चिंता कर रहे होंगे।

पढ़ाने के लिए शिक्षक भी लेंगे ऑनलाइन प्रशिक्षण

लॉकडाउन के बीच छात्र नियमित रूप से दूरदर्शन, डिश टीवी, जियो टीवी एप, यूट्यूब, स्काइप और डीटीएच चैनलों के माध्यम से अपनी कक्षा एवं विषय के अनुसार स्कूली पढ़ाई में मदद ले रहे हैं। अब अध्यापकों को भी ऑनलाइन पढ़ाई करवाने के लिए ऑनलाइन प्रशिक्षण देने की तैयारी की जा रही है। छात्रों को ऑनलाइन पढ़ा रहे शिक्षक अब खुद भी ऑनलाइन ट्रेनिंग लेंगे। नई कक्षा और पाठ्यक्रम पाठ्यक्रम के हिसाब से अध्यापकों की क्षमता ऑनलाइन ही विकसित की जाएगी। शिक्षकों की क्षमता विकसित करने की यह प्रक्रिया इसलिए शुरू की गई है, ताकि शिक्षक छात्रों को सही तरीके से ऑनलाइन माध्यमों के जरिए शिक्षा प्रदान कर सकें।

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रकार द्वारा शिक्षकों को 'नेशनल रिपोजिटरी ऑफ ऑनलाइन एजुकेशन रिसोर्स' के माध्यम से अपने स्किल डेवलप करने की सलाह दी गई है। केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल 'निशंक' ने कहा, "छात्रों के साथ ही शिक्षक भी इस अवसर का लाभ ले सकते हैं। अध्यापक मुफ्त ऑनलाइन संसाधनों का उपयोग कर सकते हैं। यह संसाधन टीचर्स एजुकेशन से संबंधित हैं और केवल एक क्लिक से इनका इस्तेमाल संभव है।" निशंक ने शिक्षकों से आवाहन करते हुए कहा, "यह समय का सदुपयोग करने का सही अवसर है। घर पर रहते हुए ही आप अपने कौशल को और निखार सकते हैं, जिसकी आपको प्रतिदिन क्लास रूम में आवश्यकता होती है।"

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गौरतलब है कि अब एनओआईएस, केंद्रीय विद्यालय, नवोदय विद्यालय और सीबीएसई के अंतर्गत आने वाले कई प्राइवेट स्कूल विभिन्न ऑनलाइन माध्यमों से छात्रों को शिक्षा प्रदान कर रहे हैं। देशभर के कई विद्यालयों में स्काइप के जरिए विभिन्न शैक्षणिक पाठ्यक्रमों का सीधा प्रसारण प्रसारण किया जा रहा है। 'स्वयं' पोर्टल पर नौवीं से 12वीं कक्षा तक के छात्रों के लिए वीडियो लेक्चर भी प्रसारित किए जा रहे हैं। जिन छात्रों के पास इंटरनेट के जरिए इस शिक्षाप्रद कार्यक्रम को देखने की सुविधा नहीं है, उनके लिए मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने स्वयंप्रभा टीवी चैनल शुरू किया है। स्वयंप्रभा पर भी विभिन्न कक्षाओं के लिए वीडियो लेक्चर से लेकर अन्य पठन सामग्री उपलब्ध कराई गई है।

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