पति के सामने दलित महिला का गैंगरेप करने वाले 5 आरोपियों में सिर्फ एक गिरफ्तार

Update: 2019-05-07 13:05 GMT

गैंगरेप करने वाले गुर्जर युवाओं ने दलित महिला का वीडियो भी बनाया, वीडियो हो रहा सोशल मीडिया पर वायरल, महिला को दी धमकी इस घटना की रिपोर्ट लिखाई या किसी को बताया तो तुम्हारा बलात्कार का वीडियो कर देंगे वायरल और पति को उतार देंगे मौत के घाट....

जनज्वार। महिला और दलितों पर होने वाली हिंसा ने भाजपा शासन में चरम को छू लिया है। बलात्कार की घटनाओं की तो जैसे बाढ़ ही आ गई है। ऐसी ही एक शर्मनाक घटना सामने आई है राजस्थान के अलवर से, जहां दबंग जाति के 5 युवाओं ने दलित महिला का गैंगरेप उसके पति के सामने ही किया और बाद में वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया।

हालांकि हालिया घटना जिस राज्य राजस्थान में घटी है, वहां फिलहाल कांग्रेस सत्तासीन है। मगर इससे पहले भी वहां हालात बहुत बुरे थे। लोग अभी तक शंभू रैगर द्वारा किए गए ​लाइव मर्डर को भूले नहीं होंगे, जो भाजपा शासन में हुई नृशंस हिंसा की हाइट थी।

घटनाक्रम के मुताबिक 5 दबंगों ने बाइक पर जा रहे नवविवाहित दलित पति पत्नी को पहले जबर्दस्ती रोका और उसके बाद दलित महिला से छेड़खानी करने लगे। जब पति ने इसका विरोध किया तो उसके साथ दुर्व्यवहार किया और उसके सामने पत्नी का सामूहिक बलात्कार किया। इतना ही नहीं गैंगरेप का वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर डाल दिया, जो वायरल हो गया।

दलित युवक के मुताबिक उन बदमाश और दबंग युवाओं ने गैंगरेप के बाद न सिर्फ मेरी पत्नी का वीडियो बनाया, बल्कि सोशल मीडिया पर वायरल करने के नाम पर मुझसे पैसे भी वसूले। जब मैंने घटना की रिपोर्ट पुलिस थाने में दर्ज कराई तो पुलिस ने भी 4 दिन बाद घटना की छानबीन शुरू की।

इस मामले आज 7 मई को पुलिस ने एक आरोपी युवक इंद्राज गुर्जर को गिरफ्तार किया है। बाकी चारों गैंगरेप के आरोपियों छोटेलाल, अशोक, महेश गुर्जर और हंसराज अभी पुलिस की पकड़ से बाहर हैं। डीजीपी कपिल गर्ग ने प्रेस वार्ता कर मामले के बारे में जानकारी मीडिया को जानकारी दी। आईजी सेंगथिर ने कहा कि 22 साल के इंद्राज गुर्जर को कोटपूतली के पास से पकड़ा गया है, जो सरुंड थाना क्षेत्र में पातरेडी गांव के कसानो की ढाणी का रहने वाला है।

विचलित कर देने वाली इस घिनौने कृत्य के बाद गैंगरेप के फोटो और वीडियो सोशल मीडिया पर डाले जाने से पीड़ित परिवार गहरे सदमे में है। पीड़ित परिवार का कहना है कि आरोपी गुर्जर हमें जान से मार डालेंगे इसलिए जान-माल की सुरक्षा की गुहार भी लगाई है।

मीडिया में आई खबरों के मुताबिक यह घटना 26 अप्रैल को अलवर जिले के थानागाजी थाना क्षेत्र में घटित हुई, जिसकी शिकायत पीड़ित जोड़े ने 2 मई को पुलिस के पास की थी, मगर चुनावों के कारण पुलिस ने भी इस खबर को दबाये रखा। अब 4 दिन बाद पुलिस ने मामला दर्ज कर आरोपियों की तलाश शुरू की है।

इस घटना में सबसे बड़ी बात तो यह है कि जो वीडियो वायरल हुआ है, उसमें आरोपियों के चेहरे साफ—साफ देखे जा सकते हैं, उसके बाद भी पुलिस अब तक इस मामले में कोई ठोस कार्रवाई नहीं कर पाई है, कहा जा रहा है कि बलात्कारियों को राजनीतिक संरक्षण प्राप्त है, जिस कारण पुलिस कुछ नहीं कर पा रही है। आरोपियों में से एक छोटेलाल तो पहले से ही बलात्कार, हत्या जैसे मामलों में नामजद है।

खबर के मुताबिक 26 अप्रैल को पीड़ित दलित महिला अपने पति के साथ ससुराल जा रही थी तो रास्ते में कुछ दबंगों ने उसके पति को धमका कर उसके साथ बारी-बारी से गैंगरेप किया और अश्‍लील फोटो और वीडियो बनाकर धमकी दी कि अगर किसी को इसकी जानकारी दी तो वीडियो को सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया जाएगा। इसी के नाम पर युवक के पास जो नकदी थी, वह हड़प ली। घटना के बाद वीडियो वायरल के नाम पर ये बलात्कारी युवा इस दलित परिवार से पैसे वसूल चुके थे, जबकि दूसरी बार पैसे वसूलने आने के बाद परिवार ने पुलिस में मामला दर्ज कराया।

पीड़ित महिला ने अपनी शिकायत में पुलिस को बताया कि अलवर जनपद के थानागाजी थाना क्षेत्र के बामनवास काकड़ रास्ते अलवर की बाईपास सड़क पर कलाखोरा गांव के पास दबंग गुर्जर युवकों ने उसके पति की बाइक को जबरन रोका। बाइक रोकने के बाद डरा-धमकाकर उन्हें सड़क के पास रेत के गहरे टीलों में ले गए और वहां पर उसके पति के साथ मारपीट करने के बाद उन पांचों ने उसका गैंगरेप किया।

इस घटना को लेकर और पुलिस द्वारा इतने ज्यादा समय बाद इस पर कार्रवाई करने के खिलाफ लोगों में जबर्दस्त आक्रोश है। लोग बलात्कारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।

थानागाजी क्षेत्र के थानाधिकारी सरदार सिंह के मुताबिक पुलिस ने अपराधियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है और सभी की गिरफ्तारी के लिए पुलिस जोर-शोर से लगी हुई है। इस मामले में गुर्जर युवकों छोटेलाल, जीतू और अशोक समेत 5-6 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है।

जहां पीड़ित परिवार का कहना है कि चुनावों के चलते पुलिस ने इस मामले को दबाकर रखा, वहीं पुलिस कह रही है कि दलित महिला के साथ सामूहिक बलात्कार करने वाले दबंग यहां की मजबूत मानी जाने वाली जाति गुर्जर समाज से आते हैं और क्षेत्र में उनका राजनीतिक प्रभाव भी है, इसलिए शुरु में डर के कारण बलात्कार पीड़िता की ओर से रिपोर्ट दर्ज नहीं करवाई गई थी।

पीड़िता द्वारा दर्ज कराई गई रिपोर्ट में लिखा है कि आरोपी लड़के आपस में एक दूसरे का नाम छोटेलाल उर्फ सचिन, जीतू व अशोक बुला रहे थे। दो लड़कों के नाम वह नहीं सुन पाई। आरोपियों ने सामूहिक दुष्कर्म करने के साथ ही उसका वीडियो भी बनाया और जाते समय उसे धमकी दी की अगर इस घटना की रिपोर्ट लिखाई या किसी को बताया तो तुम्हारा बलात्कार का वीडियो वायरल करके तुम्हारे पति की हत्या कर देंगे। इसी धमकी के डर से 26 अप्रैल को घटित गैंगरेप की वारदात की रिपोर्ट पीड़ित परिवार ने 2 मई को लिखवाई और पुलिस ने और भी देरी करते हुए 4 दिन बाद मामले में संज्ञान लिया है। अभी भी बलात्कार करने वाले गुर्जर युवा पीड़िता के पति को रोजाना मोबाइल पर धमकाने के साथ घटना का वीडियो वायरल करने की धमकी दे रहे थे।

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