रामनगर की महिलाओं ने पहली महिला शिक्षक सावित्रीबाई फुले को शिद्दत से किया याद
समाज की तमाम सड़ी-गली रुढ़िवादी परम्पराओं को तोड़ने वाली क्रांतिकारी सावित्री बाई फुले के प्रताप के कारण ही आज समाज में महिलाओं को पढ़ने-लिखने का अवसर मिल रहा है...
रामनगर, जनज्वार। भारत की पहली महिला शिक्षक सावित्रीबाई फुले के जन्मदिन 3 जनवरी पर महिला एकता मंच ने याद करते हुये उन्हें अपनी भावभीनी श्रद्धांजलि दी।
सावल्दे पूर्वी में महिला एकता मंच की सह संयोजक सरस्वती जोशी के संचालन में आयोजित कार्यक्रम के दौरान आसपास के कई गांवों से जुटी तमाम महिलाओं ने सावित्री बाई फुले के संघर्ष को याद करते हुये कहा कि समाज की तमाम सड़ी-गली रुढ़िवादी परम्पराओं को तोड़ने वाली क्रांतिकारी सावित्री बाई फुले के प्रताप के कारण ही आज समाज में महिलाओं को पढ़ने-लिखने का अवसर प्राप्त हो रहा है।
महिला एकता मंच संयोजिका ललिता रावत ने शिक्षा व स्वास्थ्य के लगातार बढ़ते बाजारीकरण पर चिन्ता व्यक्त करते हुये कहा कि शिक्षा व स्वास्थ्य प्रत्येक नागरिक का मूलभूत अधिकार है, जिसे सरकार को प्रत्येक नागरिक तक निःशुल्क मुहैया कराना चाहिये।
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सावल्दे नई बस्ती की ग्राम प्रधान गंगा देवी ने बेहतर नागरिक बनने के लिये अपने आप को शिक्षित किये जाने व जनसंघर्षों को आगे बढ़ाये जाने की आवश्यकता पर जोर देते हुये कहा कि इसके लिये सभी को अपने स्तर से एकजुट होकर पहलकदमी लेनी होगी।
वक्ताओं ने वर्तमान सरकार द्वारा पोषित अवैज्ञानिक विचार का पुरजोर विरोध करते व फूट डालो राज करो की नीति पर चल रही सरकार को मुंहतोड़ जवाब दिये जाने का भी आह्वान किया।
इस दौरान कालूसिद्ध, देवीचैड़, सुन्दरखाल, छोई, पूछड़ी, ढेला, हिम्मतपुर सहित आदि गांवों से गीता देवी, शांति देवी, कमला देवी, दीपा देवी, तुलसी जोशी, प्रभात ध्यानी, ललित उप्रेती, केसर राणा, इन्द्रजीत सिंह, राजकुमार, मुन्नी देवी, पावर्ती देवी, तुलसी रावत, महेश जोशी, मदन मेहता, गंगा देवी, किरन रावत सहित कई लोग मौजूद रहे।