योगी कैबिनेट के मंत्री बोले हमारे समर्थक चले गए थे छुट्टियां मनाने बाहर इसलिए कैराना और नूरपुर हार गई भाजपा

Update: 2018-06-02 08:22 GMT

बजाय अपनी हार के कारणों की समीक्षा करने के दर्प में चूर हो मीडिया में कहते फिर रहे हैं योगी सरकार के मंत्री कि नूरपुर और कैराना में हमें इसलिए मिली हार क्योंकि हमारे समर्थक छुट्टियां मनाने चले गए थे बाहर... 

जनज्वार। लगता है भाजपा के नेताओं ने भाजपा को गर्त में धकेलने का पूरा इंतजाम कर लिया है। कभी कोई न्यूटन और आइंस्टीन जैसे महान वैज्ञानिकों की खोजों पर सवाल उठाता है तो कोई कहता है कि हमारे देश का विज्ञान पहले से ही इतना उन्नत था जितना कि आज तक नहीं हुआ है।

अभी प्रदेश के उप मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री जोकि खुद शिक्षक भी हैं, का यह बयान विवादों में ही है कि सीता टेस्ट ट्यूब बेबी थीं, तब तक भाजपा के एक और कैबिनेट मंत्री बजाय अपनी हार के कारणों की समीक्षा करने के दर्प में चूर हो मीडिया में यह कहते फिर रहे हैं कि नूरपुर और कैराना में हमें हार इसलिए मिली क्योंकि हमारे समर्थक छुट्टियां मनाने बाहर चले गए थे।

जी हां, यह बयान है योगी सरकार में मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी का। वह इतना कहकर ही नहीं रुके, बल्कि आगे यह भी जोड़ दिया कि उपचुनाव और आम चुनाव में बहुत बड़ा फर्क होता है। उपचुनाव के मुकाबले आम चुनाव में ज्यादा लोग हिस्सा लेते हैं। हमारे समर्थकों ने इसीलिए इस चुनाव को इतना सीरियसली नहीं लिया और छुट्टियां मनाने चले गई।

उपचुनावों की जीत बताती है कि चुनावी महामार्ग पर सबसे आगे होगा महागठबंधन

गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश के कैराना और नूरपुर में उपचुनाव हुए थे, जिसमें नूरपुर में समाजवादी पार्टी तो कैराना में राष्ट्रीय लोकदल के उम्मीदवार ने जीत हासिल की है। मगर सपा और लोकदल की जीत को स्वीकारने के बजाय योगी मंत्रिमंडल सत्ता के नशे में इतना चूर है कि अभी भी अपनी हार को स्वीकार नहीं कर रहा।

देखा जाए तो देशभर में हुए उपचुनावों में जिस तरह से भाजपा को एक के बाद एक शिकस्त मिल रही है उससे ऐसी बदजुबानियों और उल—जुलूस हरकतों से बाज आना चाहिए, मगर भाजपा सरकार के मंत्रीगण उपचुनाव की हार को एक दूसरे नजरिए से देख उस पर पर्दा डाल रहे हैं।

गौरतलब है कि ऐसी बयानबाजी न सिर्फ लक्ष्मी नारायण चौधरी ने की है, बल्कि भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ. महेंद्र नाथ पाण्डेय कैराना और नूरपुर के चुनाव परिणामों में पार्टी को मिली कड़ी शिकस्त पर कहते हैं, "विकास की राजनीति पर थोड़े समय के लिए फतवों व जातिवादी, सिद्धांतविहीन राजनीति भारी पड़ी है। वहां के स्थानीय समीकरण चुनौतीपूर्ण थे, परंतु फिर भी हमने कैराना लोकसभा में दो विधानसभाओं में कथित गठबंधन को हराया, लेकिन तीन विधानसभाओं में कहां कमियां रह गईं, साथ ही नूरपुर में भाजपा को कथित गठबंधन के बावजूद विधानसभा चुनाव के मुकाबले 11 हजार वोट अधिक प्राप्त हुए। फिर भी कुछ वोटों के अंतर से चुनावी नतीजे हमारे अनुकूल नहीं रहे, हम इसकी गहन समीक्षा करेंगे। फिर आगे की रणनीति एवं कार्ययोजना बनाएंगे।'

कैराना और नूरपुर में भाजपा की हार, सांप्रदायिकता के खिलाफ सेकुलरवाद की जीत

योगी सरकार के राज्यमंत्री डॉ. नीलकंठ तिवारी ने तो ट्वीट किया कि 'कैराना में जीत जातिवाद एवं संप्रदायवाद की जीत है जो तात्कालिक है। मोदी जी ने नारा दिया जातिवाद मुक्त, संप्रदाय मुक्त भारत का और जनता काम कर रही है, लेकिन लौ बुझने से पहले तेज जलती है। उपचुनाव का परिणाम भी यही है।'

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