भाजपा नेता के बेटे पुल्कित ने साथियों के साथ मिलकर की थी अंकिता की हत्या, वेश्वावृत्ति से इंकार पर किया था बुरी तरह टाॅर्चर
Ankita Bhandari missing and murder case : अंकिता हत्याकांड का मुख्य आरोपी पुल्कित आर्य हरिद्वार से भाजपा के पूर्व राज्य मंत्री विनोद आर्य का बेटा है, अंकिता इसके रिजॉर्ट में एक महीना पहले ही रिशेप्सनिस्ट की नौकरी पर आई थी, लेकिन आदमी की खाल में छिपा यह भेड़िया अंकिता को जबरन देह व्यापार के धंधे में झोंकने पर आमादा था...
Ankita Bhandari murder case : भाजपा नेता के ऋषिकेश स्थित रिजॉर्ट से अपहरण करके ले जाई गई अंकिता भंडारी की रिजॉर्ट मालिक पुल्कित आर्य ने अपने साथियों के साथ मिलकर हत्या कर उसके शव को चीला नहर में फेंक दिया। पुलिस हिरासत में आरोपियों ने अपने पाप को स्वीकार कर लिया है। मुख्य आरोपी पुल्कित आर्य हरिद्वार के भारतीय जनता पार्टी के पूर्व राज्य मंत्री विनोद आर्य का बेटा है। अंकिता इसके रिजॉर्ट में एक महीना पहले ही रिशेप्सनिस्ट की नौकरी पर आई थी, लेकिन आदमी की खाल में छिपा यह भेड़िया अंकिता को जबरन देह व्यापार के काले धंधे में झोंकने पर आमादा था।
जानकारी के अनुसार पौड़ी जिले के यमकेश्वर प्रखंड के गंगा भोगपुर स्थित ऋषिकेश रोड पर हरिद्वार निवासी भारतीय जनता पार्टी के पूर्व राज्य मंत्री विनोद आर्य के युवा पुत्र पुल्कित आर्य के वननतारा नाम का एक रिसोर्ट है। इसी रिजॉर्ट में करीब महीने भर पहले नादलस्यूं पट्टी, श्रीकोट गांव की अंकिता भंडारी पुत्री उपेंद्र सिंह भंडारी रिशेप्सन पर काम करने आई थी। लेकिन पुल्कित आर्य और उसकी गैंग में शामिल प्रबंधक सौरभ भास्कर, सहायक प्रबंधक अंकित गुप्ता की नियत शुरू से ही खराब थी। सौरभ व अंकित नाम के यह युवा रिजॉर्ट में नाम के ही प्रबंधक थे। इनका मुख्य काम सारा दिन रिसोर्ट में गलत कामों को प्रेरित करना और रिसोर्ट स्टाफ पर दबंगई करना ही था।
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अपनी इसी रणनीति के तहत इस गिरोह ने अपना यह जाल अंकिता पर भी फेंकना शुरू कर दिया। अंकिता ने शुरू में इनकी वरिष्ठता का लिहाज करते हुए इनकी हरकतों को इग्नोर किया। लेकिन जल्द ही यह शैतान अपने असली रूप में आ गए। 18 सितंबर को इन लोगों ने अंकिता को इन्होंने देह व्यापार के धंधे में झोंकने के लिए इतना प्रताड़ित किया कि अंकिता ने रोते हुए रिसोर्ट स्टाफ से अपने को बचाने की गुहार लगाई।
अंकिता भंडारी ने होटल के स्टाफ ओर होटल मालिक के बारे शराब पीकर छेड़छाड़ करने और स्पेशल गेस्ट को एक्सट्रा सर्विस के लिए मजबूर करने के आरोप लगाए हैं। अंकिता का कहना था कि रिजॉर्ट में आने वाले अय्याश और बिगड़ैल ग्राहकों को एकस्ट्रा सर्विस देने के नाम पर उसे दस हजार रुपए का प्रलोभन दिया जा रहा था।
अंकिता के किसी भी हालत में देह व्यापार के धंधे को न कबूलने पर 18 सितंबर की शाम को पुल्कित सौरभ व अंकित की मदद से अंकिता का अपहरण करके ले गए। जहां इन लोगों ने अपनी क्रूरता का परिचय देते हुए अंकिता को दर्दनाक मौत देकर उसकी लाश चीला नहर में फेंक दी। अंकिता ऋषिकेश के गंगा भोगपुर में वनंत्रा रिजॉर्ट से संदिग्ध परिस्थितियों में गायब हुई थी।वो पौड़ी गढ़वाल की नंदालस्यूं पट्टी के श्रीकोट गांव की रहने वाली है।
अंकिता के गायब होने पर परिजनों ने राजस्व क्षेत्र होने के कारण पटवारी से संपर्क किया तो पटवारी इस मामले को लगातार टरकाता रहा। सोशल मीडिया पर यह मामला उजागर होने के बाद यह केस रेगुलर पुलिस को सौंपा गया तो पुलिस ने इस मामले में छह लोग को हिरासत में लेते हुए पुलिस ने रिसॉर्ट में ताला जड़ दिया था। इस मामले में लक्ष्मण झूला पुलिस ने रिसार्ट के मालिक को पुलकित आर्य, प्रबंधक सौरभ भास्कर और सहायक प्रबंधक अंकित गुप्ता को हिरासत में लेकर पूछताछ की तो इन लोगों ने अंकिता की निर्मम हत्या की बात स्वीकार करते हुए उसकी लाश नहर में फेंकने की बात स्वीकार कर ली है। पुलिस हिरासत में दिए गए बयान के बाद पुलिस अंकिता का शव तलाशने में जुटी है।
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पहले से ही बिगड़ैल है मंत्री का यह बेटा, लॉकडाउन में भी दबंगई दिखाने पहुंचा था बाप की कार लेकर
अंकिता की निर्मम हत्या के आरोप में गिरफ्तार हुआ पुल्कित आर्य पुराना बिगड़ैल बताया जाता है। बाप की सत्ता के नशे में चूर यह पुल्कित कोरोना काल में जब पूरे देश के लोग अपने घरों में बंद थे, अपने पिता की कार से तफरीह के लिए जोशीमठ के उर्गम गांव तक पहुंच गया था। 24 मई को कोरोना काल के दौरान तमाम नियम कानूनों को अपने जूते से रौंदकर जोशीमठ के उर्गम गांव पहुंचे राज्यमंत्री विनोद आर्य का बेटे पुलकित आर्य के खिलाफ तब भी कोई बड़ी कार्यवाही सत्ता के दबाव में नहीं हो पाई थी।
मंत्री के इस बिगड़ैल पुत्र की यहां पर तफरीहबाजी की रिपोर्ट भी हुई थी। तब लोगों ने इसके खिलाफ कार्यवाही करने के लिए आवाज भी उठाई थी, लेकिन तब भी इसको बिना कोई गम्भीर कार्यवाही के जाने दिया गया था। पूरा विवरण अपने फेसबुक पर साझा करते हुए जोशीमठ के अतुल सती ने लिखा है कि "तब भी हमने लिखा कि यह ठीक नहीं है। यदि तब उस पर कठोर कार्यवाही हो गयी होती और ऊपरी दबाव में जिलाधिकारी उपजिलाधिकारी उसे जाने नहीं देते तो आज शायद यह घटना न घटती।
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अंकिता पर यह मुसीबत न आती। लेकिन व्यवस्था ही ऐसी है कि ऊंचे लोगों की धौंस में अफसर उन्हें कुछ भी छूट देने को हमेशा तैयार रहते हैं। जबकि आम आदमी को मामूली बातों पर भी इतना परेशान किया जाता है कि जिसका कोई जवाब नहीं। अतुल ने इस घटना को बड़ा सबक बताते हुए लिखा है कि अंकिता के साथ हुए इस कृत्य के लिए जितना जिम्मेदार पुल्कित है, उतने ही तत्कालीन चमोली जिले के जिलाधिकारी उपजिलाधिकारी भी। यदि समय रहते इसे तभी कानून का सम्मान करने का सबक सिखा दिया होता तो आज शायद इसकी इतनी हिम्मत न होती कि किसी बेटी की यह निर्मम हत्या कर सके।
जस्टिस फॉर अंकिता ट्रेंड हुआ उत्तराखंड में
अंकिता की हत्या की खबर पब्लिक होते ही पूरे उत्तराखंड में अंकिता के हत्यारों के प्रति गुस्सा अपने चरम पर है। शुक्रवार 23 सितंबर को पुलिस द्वारा आरोपियों को न्यायालय में पेशी के लिए ले जाए जाने के दौरान अक्रोशित लोगों ने पुलिस के वाहन को घेरकर इन्हें पुलिस के कब्जे से छुड़ाने का भी प्रयास किया, लेकिन पुलिस की मुस्तैदी की वजह से कोई बड़ी घटना नहीं हुई। सैकड़ों लोगों ने इन्हें इन्हें कड़ी सजा की मांग की। दूसरी तरफ अंकिता के हत्यारों को कड़ी सजा दिलाए जाने की मांग को लेकर सोशल मीडिया पर जस्टिस फॉर अंकिता भी ट्रेंड होने लगा है।