Kisan Andolan Ke Ek Sal Pure : किसान आंदोलन के एक साल पूरा होने पर केजरीवाल ने किया किसान के जज्बे को सलाम

Kisan Andolan Ke Ek Sal Pure : केजरीवाल ने कहा कि किसानों की जो भी मांगे हैं हम उसका पूरा समर्थन करते हैं। अजय मिश्रा टेनी को केंद्रीय मंत्रिमंडल से बर्खास्त किया जाना चाहिए। किसानों की MSP की मांग जायज है। किसानों पर जितने भी झूठे मामले दर्ज किए गए हैं उन्हें वापस लिया जाए।;

Update: 2021-11-26 10:35 GMT
Arvind Kejriwal News : बिजली सब्सिडी मामले में दिए जांच के आदेश पर अरविंद केजरीवाल ने बोला एलजी पर हमला, कहा - फ्री बिजली रुकने नहीं दूंगा

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Kisan Andolan Ke Ek Sal Pure : विवादास्पद कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली की सीमाओं पर जारी किसान आंदोलन के एक साल पूरा होने पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शुक्रवार 26 नवंबर को कहा कि देश के किसानों ने हम सभी को यह सिखाया है कि धैर्य के साथ अधिकार के लिए कैसे लड़ना है। मुख्यमंत्री केजरीवाल ने ट्वीट कर कहा कि ''आज किसान आंदोलन को पूरा एक साल हो गया है। इस ऐतिहासिक आंदोलन ने गर्मी-सर्दी, बरसात-तूफान के साथ अनेक साजिशों का भी सामना किया। देश के किसान ने हम सबको सिखा दिया कि धैर्य के साथ हक की लड़ाई कैसे लड़ी जाती है। किसान भाइयों के हौसले, साहस, जज्बे और बलिदान को मैं सलाम करता हूं।''

मांगों का समर्थन

मीडिया रिपोर्टस के दिल्ली के अनुसार मुख्यमंत्री केजरीवाल ने कहा कि किसानों की जो भी मांगे हैं हम उसका पूरा समर्थन करते हैं। अजय मिश्रा टेनी को केंद्रीय मंत्रिमंडल से बर्खास्त किया जाना चाहिए। किसानों की MSP की मांग जायज है। किसानों पर जितने भी झूठे मामले दर्ज किए गए हैं उन्हें वापस लिया जाए। किसान आंदोलन के दौरान जिन 700 से ज्यादा किसानों की मौत हुई है उनके परिवारों को भी उचित मुआवजा दिया जाए। साथ ही केजरीवाल ने कहा कि किसान जब तक वहां बैठें हैं। हम उनके साथ हैं। किसान तय करेंगे कि वो वहां से कब उठेंगे।

बता दें कि किसान पिछले साल 26 नवंबर 2020 से दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर कृषि कानूनों का विरोध कर रहे हैं। इस दौरान किसान संघों के संगठन संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने किसान आंदोलन की पहली वर्षगांठ पर विभिन्न राज्यों में विरोध प्रदर्शन आयोजित किए हैं।

निकालेंगे ट्रैक्टर मार्च

बीते हफ्ते प्रधान मंत्री प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घोषणा की थी कि केंद्र सरकार इस महीने के अंत में शुरू होने वाले संसद के शीतकालीन सत्र में कृषि कानूनों को निरस्त करने के लिए आवश्यक विधेयक लाएगी। साथ ही प्रधानमंत्री ने यह भी घोषणा की थी कि सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) के लिए एक नए ढांचे पर काम करने के लिए एक समिति का गठन करेगी। वहीं भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के नेता राकेश टिकैत ने कहा कि फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी और अन्य मांगों के लिए सरकार पर दबाव बनाने के लिए 29 नवंबर को संसद तक ट्रैक्टर मार्च निकाला जाएगा।  

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