UP Assembly Election 2022 : 'मेरा भी खुद का परिवार नहीं लेकिन योगी की तरह दिखावे के लिए नहीं पहना गेरुआ चोला', मायावती का हमला

Mayavati : मायावती ने स्पष्ट कहा कि अभी मैं पार्टी में काम करने के लिए स्वस्थ हूं। समय आएगा तब इसका जवाब मिल जाएगा कि उत्तराधिकारी कौन होगा। लोग चाहते हैं कि पांचवीं बार वो मुझे मुख्यमंत्री बनाएं।;

Update: 2021-11-09 13:58 GMT
Mayawati News : यूपी में मदरसों पर भाजपा सरकार की कड़ी नजर, मायावती ने साधा केंद्र सरकार पर निशाना

Mayawati News : यूपी में मदरसों पर भाजपा सरकार की कड़ी नजर, मायावती ने साधा केंद्र सरकार पर निशाना

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Mayavati : बहुजन समाज पार्टी (BSP) की अध्यक्ष मायावती (Mayavati) उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में भाजपा (BJP) को टक्कर देने के लिए पूरी तरह से तैयारी कर ली है। इसी कड़ी में मायावती ने मंगलवार को लखनऊ में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर भाजपा के साथ-साथ अन्य राजनीतिक पार्टियों पर भी हमला बोला। उन्होंने सत्ताधारी भाजपा सरकार और मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी पर मिलीभगत का आरोप लगाया है।

योगी पर सधा निशाना

मायावती ने कहा कि भाजपा और सपा इन दोनों ही पार्टियों की राजनीति हमेशा एक दूसरे की पूरक रही हैं। मायावती ने अपनी तुलना उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से भी कर दी। उन्होंने कहा कि 'यहां मैं यूपी के मुख्यमंत्री योगी जी को यह भी अवगत करा देना चाहती हूं कि आपकी तरह मेरा भी खुद का परिवार नहीं है। फर्क केवल इतना है कि इन्होंने केवल दिखावे के लिए सन्यासी होने का गेरुआ चोला पहन लिया है लेकिन मैंने यह सब नहीं किया है।'

बीएसपी सुप्रीमो ने योगी सरकार पर धर्म की राजनीति करने का आरोप लगते हुए कहा कि "इनका मूल परिवार सिर्फ आरएसएस है लेकिन मेरा मूल परिवार सभी वर्गों, सभी धर्मों के लोग हैं। मैंने अपनी सरकार में सभी धर्म के लोगों के हितों का एक समान ध्यान रखा है लेकिन इन्होंने सिर्फ एक ही धर्म के लोगों में से कुछ विशेष जातियों के हितों का खास ध्यान रखा है।"

विधानसभा चुनाव को हिन्दू मुस्लिम मुद्दे पर केंद्रित करना चाहती है बीजेपी

मायावती प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान सभी राजनीतिक पार्टियों पर लगातार हमलावर रहीं। इसके साथ ही मायावती ने स्पष्ट कहा कि अभी मैं पार्टी में काम करने के लिए स्वस्थ हूं। समय आएगा तब इसका जवाब मिल जाएगा कि उत्तराधिकारी कौन होगा। आगे उन्होंने कहा कि लोग चाहते हैं कि पांचवीं बार वो मुझे मुख्यमंत्री बनाएं।

मायावती ने आरोप लगाया कि भाजपा खासकर उत्तर प्रदेश में अपनी सरकार की घोर विफलताओं पर पर्दा डालने और ध्यान बांटने के लिए सपा से अंदरूनी मिलीभगत और सांठगांठ कर रही है। साथ ही जिन्ना और अयोध्या पुलिस गोलीबारी जैसे अनेक अन्य नए-नए गढ़े हुए सांप्रदायिक और धार्मिक मुद्दों को उठाने का पूरा प्रयास कर रही है। मायावती ने कहा कि भाजपा ऐसा इसलिए कर रही है ताकि विधानसभा चुनाव हिंदू-मुस्लिम के मुद्दे पर केंद्रित हो जाए।

सपा और बीजेपी की सोच जातिवादी है

उत्तर प्रदेश की वर्तमान राजनीति को समझाते हुए मायावती ने कहा कि सपा और भाजपा दोनों ही पार्टियों का अंदर-अंदर चुनावी मुद्दे को धर्म पर केंद्रित करने का प्रयास चल रहा है। जो स्वाभाविक तौर पर सपा और बीजेपी की स्वार्थ की राजनीति को पुनः उजागर करता है। मायावती ने आगे कहा कि यह सही है कि सपा और भाजपा की राजनीति हमेशा एक दूसरे की पूरक रही है और इन दोनों पार्टियों की सोच जातिवादी एवं सांप्रदायिक होने के कारण इनका अस्तित्व एक दूसरे पर ही आधारित रहा है। इसी कारण जब सपा सत्ता में होती है तो भाजपा मजबूत होती है और जब बसपा सत्ता में रहती है तो भाजपा कमजोर होती है। हालांकि जनता अब सपा और भाजपा से काफी सजग भी है। बसपा को यह पूरी उम्मीद भी है कि अब प्रदेश की जनता इनके इस प्रकार के किसी भी षड्यंत्र का शिकार होने वाली नहीं है।

चुनाव आते ही जनता को बरगलाना शुरू हो गया है

प्रेस कॉन्फ्रेंस में मायावती ने कहा कि 'यूपी में विधानसभा चुनाव आते ही बीजेपी और बाकी पार्टियों का बरगलाना शुरू हो गया है। यूपी में थोक में उद्घाटन और शिलान्यास का सिलसिला चुनाव में बीजेपी की हार को दिखाता है।" मायावती ने कहा कि बसपा के अलावा सभी विपक्षी पार्टियों ने भी चुनाव की घोषणा होने से बहुत पहले प्रदेश की जनता को लुभाने के लिए घोषणाएं और वादे किए हैं। वे भी उनके लिए अनेक सवाल खड़े करता है। उन्होंने कहा कि एसपी की तरह कांग्रेस ने जो असंख्य वादे किए हैं। उनपर यहां की जनता विश्वास करने वाली नहीं है। साथ ही उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि "अगर कांग्रेस ने अपने शासन में 50% चुनावी वादे पूरे किए होते तो वह केंद्र और राज्य से बाहर नहीं होती।"

प्रियंका गांधी के वादे पर उठाया सवाल

प्रियंका गांधी ने उत्तर प्रदेश की राजनीति में महिलाओं को 40 प्रतिशत टिकट देने का वादा किया था। प्रियंका के इस वादे पर मायावती ने कहा कि "पहले तो जिन राज्यों में कांग्रेस की सरकार है वहां ये लागू करें। जब कांग्रेस शासन में थी तो 33 फीसदी महिला आरक्षण का कानून भी नहीं बना पाई। लोग तो यह भी कहते हैं कि कांग्रेस की हालत बहुत खराब है। इसलिए वह ऐसी बात कह रही है। उत्तराखंड, पंजाब जैसे राज्यों में ऐसा क्यों नहीं कर रहे हैं।"

चुनावी जीत के दावे को बताया बचकाना

मायावती ने कहा कि सपा आगामी विधानसभा चुनाव में 400 और भाजपा 300 सीटें जीतने का दावा कर रही है। जो कि बचकाना और हवा हवाई है। आगे मायावती ने तंज कसते हुए कहा कि इस लिहाज से देखें तो चुनाव आयोग को विधानसभा सीटों की संख्या बढ़ाकर लगभग 1000 ही कर देनी चाहिए।

मायावती ने अन्य पार्टी के साथ अपने गठबंधन को स्पष्ट किया। उन्होंने कहा कि 'बीएसपी किसी पार्टी के साथ नहीं जाएगी। कोई चुनावी समझौता नहीं करेगी। अकेले अपने बलबूते चुनाव लड़ेगी। हमारा समझौता सर्वसमाज के साथ है।'

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