Salman Khurshid Controversy : सलमान खुर्शी के समर्थन में सामने आईं महबूबा मुफ्ती, बोलीं - RSS पूरे मुल्क को लड़ाना चाहता है
Salman Khurshid Controversy : पीडीपी प्रमुख और पूर्व सीएम महबूबा मुफ्ती ने खुलकर सलमान खुर्शीद का समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि आईएस से किसी पार्टी की तुलना करने में कोई बुराई नहीं है।
Salman Khurshid Controversy : कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद ( Salman Khurshid ) के बयान को लेकर देशभर में हंगामा जारी है। इस बीच जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ( Mehbooba Mufti ) ने भी इस मुद्दे पर विवादित बयान देकर इसे तूल देने की कोशिश की है। उन्होंने कहा कि कि आरएसएस ( RSS ) पूरे मुल्क को लड़ाना चाहता है। सलमान खुर्शीद के समर्थन में उन्होंने कहा कि आईएस ( ISIS ) से किसी पार्टी की तुलना करने में कोई बुराई नहीं है।
बीजेपी और आरएसएस ने हिंदुत्व को हाईजैक किया
जम्मू-कश्मीर ( Jammu-Kashmir ) की पूर्व मुखयमंत्री Mehbooba Mufti ने कहा कि भाजपा और आरएसएस ( BJP and RSS ) दोनों सांप्रदायिक संगठन हैं। दोनों ने हिंदुत्व ( Hindtwa ) और हिंदू धर्म को हाईजैक कर लिया है। जो पार्टियां हिंदुओं और मुसलमानों के बीच संघर्ष चाहती हैं उनकी तुलना न केवल आईएसआईएस ( ISIS ) से बल्कि इसी तरह के अन्य संगठनों से भी की जा सकती है। वे धर्म के नाम पर लोगों को मारते हैं।
बजरंग दल ने महबूबा को जेल में बंद करने की मांग की
बता दें कि महबूबा मुफ्ती ( Mehbooba Mufti ) शुक्रवार शाम चार बजे श्रीनगर से जम्मू पहुंची थीं। महबूबा 17 नवंबर तक जम्मू में ही रहेंगी। इससे पहले शुक्रवार को जम्मू एयरपोर्ट पर महबूबा मुफ्ती के आने की भनक पाकर बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ( Bajran dal workers ) ने वहां पहुंचकर प्रदर्शन किया और महबूबा मुफ्ती वापस जाओ के नारे लगाए। बजरंग दल ने कहा कि महबूबा मुफ्ती आतंकवादियों व पाकिस्तान की समर्थक हैं। उन्हें जेल में बंद करने से कश्मीर में पूर्ण शांति बहाली में बड़ी मदद मिलेगी।
बजरंग दल के अध्यक्ष राकेश बजरंगी ने कहा कि महबूबा मुफ्ती आतंकवादियों व पाकिस्तान की समर्थक हैं। उन्हें जेल में बंद करने से कश्मीर में पूर्ण शांति बहाली में बड़ी मदद मिलेगी। जम्मू के लोग राष्ट्र भक्त हैं और महबूबा मुफ्ती को यहां कोई समर्थन मिलने वाला नहीं है। पाकिस्तान क्रिकेट टीम की सेमीफाइनल में आस्ट्रेलिया से हार के बाद जम्मू में जिस कदर भारी आतिशबाजी हुई, उससे महबूबा को समझ जाना चाहिए कि जम्मू उसकी राष्ट्रद्रोही बातों में आने वाला नहीं है।