UP : पंचायत चुनाव हिंसा से विपक्ष को भटकाने के लिए योगी सरकार ने लिया कार्रवाई का सहारा, 900 लोगों पर FIR 60 गिरफ्तार

मतदान के समय लखीमपुर खीरी में जो कुछ हुआ वह राजनितिक लिहाज से कतई ठीक नहीं था। पहले सपा प्रत्याशी की महिला प्रस्तावक अनीता यादव का चीरहरण करने की कोशिश की गई, तो वहीं प्रत्याशी रितु सिंह को अर्धनग्न कर दिया गया था...

Update: 2021-07-12 02:48 GMT

यूपी पंचायत चुनाव हिंसा को लेकर भाजपा से अधिक सपा समर्थकों पर मुकदमा हुआ है.

जनज्वार, लखनऊ। यूपी पंचायत चुनाव के बाद ब्लॉक प्रमुख नामांकन व मतदान को लेकर राजनैतिक प्रबंधन दुरस्त रखने के चलते प्रदेश सरकार ने कार्रवाई का पर्दा डलवाया है। इस कार्वाई से हमलावर विपक्ष भी कुछ शांत हो सकेगा। सरकारी कार्रवाई में 900 से अधिक लोगों पर मुकदमा हुआ जबकि 60 लोग हिरासत में लिए गये हैं।

ब्लॉक प्रमुख मतदान के समय लखीमपुर खीरी में जो कुछ हुआ वह राजनितिक लिहाज से कतई ठीक नहीं था। पहले सपा प्रत्याशी की महिला प्रस्तावक अनीता यादव का चीरहरण करने की कोशिश की गई, तो वहीं प्रत्याशी रितु सिंह को अर्धनग्न कर दिया गया। इस मामले में भाजपा सांसद रेखा वर्मा के प्रतिनिधि को अरेस्ट किया गया है।

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इटावा एसपी प्रशांत कुमार को थप्पड़ जड़ने वाले की पहचान भाजपा नेता विमल भारद्वाज के तौर पर की जा चुकी है, बाकि वह अभी गिरफ्त से बाहर है। किसी और दल का होता तो पकड़ जाता। पुलिस की टीमें उसकी तलाश में मेहनत कर रही हैं। इटावा के इस बवाल में 20 से अधिक अज्ञात लोगों पर केस दर्ज किया गया है।

प्रतापगढ़ में वोटों की गिनती में फर्जीवाड़े का आरोप लगाकर सपाइयों ने हंगामा किया था। पुलिस पर हुए पथराव में कई घायल हुए थे। पट्टी विधानसभा से सपा के पूर्व एमएलए राम सिंह पटेल सहित 161 लोगों पर नामजद मुकदमा किया गया है। वहीं कुल मुकदमा 411 लोगों के खिलाफ हुआ है।

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उन्नाव के आसीवन में मतदान के दौरान मीडियाकर्मियों से मारपीट करने व धमकी देने को लेकर पुलिस ने दो अलग-अलग रिपोर्ट दर्ज की हैं। पीटे गये कथित पत्रकार ने भाजपा नेता जिसने कृष्णा तिवारी को पीटा था, रविवार देर शाम तक पुलिस को उसके खिलाफ कोई तहरीर नहीं मिली है। और ना ही अब मिलने की उम्मीद है।

इस बीच एक बात गौर करने वाली यह है कि पुलिस ने भाजपा के अगर एक नेता पर मुकदमा कायम किया है तो विपक्ष के एक के बदले 10 नेताओं के नाम हैं। अगर विपक्ष का 10 नेता रिपोर्ट की जद में है तो विपक्ष के 100 नेता मुकदमें में आ गये। यह राजनैतिक विद्वेश को साफ दर्शाता है, जिससे नेता निकल नहीं पा रहे हैं। फिर भले ही वह कोई संत ही क्यों ना हो।   

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