Uttarakhand News : भारतीय जनता पार्टी को बैठे-बिठाये गर्म मुद्दा दे गई आम आदमी पार्टी की तिरंगा यात्रा
Uttarakhand News : तिरंगा यात्रा में राष्ट्रीय ध्वज की गरिमा को तार-तार करते दर्जनों फोटो यात्रा की समाप्ति के बाद से सोशल मीडिया पर चलने शुरू हो गए हैं....
सलीम मलिक की रिपोर्ट
Uttarakhand News हल्द्वानी। उत्तराखण्ड की राजनीति में भाजपा-कांग्रेस (BJP-Congress) के लिए चुनौती बन रही आम आदमी पार्टी (AAP) ने अपनी हल्द्वानी (Haldwani) में आयोजित तिरंगा यात्रा (Tiranga Yatra) से अपने प्रतिद्वंदियों को बैठे-बिठाये अपने को घेरने का मौका मुहैया करा दिया है।
आम आदमी पार्टी की इस "तिरंगा यात्रा" में कोविड नियमों का उल्लंघन (Social Distancing- Mask) तो हुआ ही, राष्ट्रीय ध्वज "तिरंगे" की गरिमा भी तार-तार हो गयी। तिरंगा यात्रा में शामिल होने आए लोग तिरंगे को मफलर की तरह गले में लपेटे दिखे तो किसी ने पार्टी के चुनाव चिन्ह "झाड़ू" में ही तिरंगा लपेट लिया। कोई तिरंगे को डंडे में लपेटकर बत्ती बनाये घूम रहा था तो किसी ने तिरंगे को गाड़ी में झंडी की तरह बांध रखा था। इसको लेकर पार्टी की अब मुश्किलों में इजाफा होना तय है।
मालूम हो कि मनमोहन सरकार (Dr. Manmohan Singh) के विरोध में संघ प्रायोजित "अन्ना आंदोलन" (Anna Hazare Movement) की कोख से निकल राजनीति के फलक पर चमके अरविन्द केजरीवाल (Arvind Kejriwal) नाम के धूमकेतु ने संघ की कठपुतली न बनकर अपनी राह अलग कर आम आदमी पार्टी की स्थापना की थी। केजरीवाल की इस राजनीतिक पार्टी ने संघ की राजनैतिक शाखा भारतीय जनता पार्टी के लिए ही मुश्किल खड़ी कर दिल्ली की राज्य की राजनीति पर कब्जा कर अपनी सरकार बना ली थी। पार्टी के फैलाव की कई राज्यों में कोशिश के क्रम में उत्तराखण्ड में भी आम आदमी पार्टी ने विधानसभा चुनाव से कुछ पहले हाथ-पैर मारने शुरू किए हैं।
पार्टी का राज्य में कोई संगठन न होने के चलते पार्टी केजरीवाल के दिल्ली मॉडल व केजरीवाल की कुछ लोक-लुभावन घोषणाओं से अपनी हलचल किये हुए है। हालांकि कुछ क्षत्रपों (देहरादून-काशीपुर-बागेश्वर) की अपनी निजी ताकत के बल पर पार्टी का शोर-शराबा सुनने को आ रहा है लेकिन ज़मीनी स्तर पर पार्टी का न तो कोई सांगठनिक ढांचा बन पाया है और न ही पार्टी के पास कोई प्रशिक्षित कार्यकर्ताओं की फौज-फ़र्रा है। ऐसे में राज्य में आम आदमी पार्टी के झंडावरदार चेहरों के सामने अपने राष्ट्रीय संयोजक के कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए किराये की भीड़ का ही रास्ता रह जाता है।
हालांकि बड़ी रैली में किराए की भीड़ ले जाकर कार्यक्रम सफल बनाना भाजपा-कांग्रेस जैसे दल भी करते आये हैं। लेकिन आम आदमी पार्टी ने अतिरेक में आकर राष्ट्रीय ध्वज की गरिमा से अंजान ऐसे-ऐसे लोगों के हाथों में "तिरंगा" थमा दिया, जिनके लिए तिरंगा भारत राष्ट्र की गरिमा का प्रतीक न होकर मुंह पर आए पसीने को पोंछने वाले गमझे से अधिक नहीं था। फिर इन लोगों ने तिरंगे के साथ वही किया, जो ऐसी रैलियों में ढोकर लायी भीड़ कर सकती थी। तस्वीरों में साफ दिख रहा है कि जिनके पास तिरंगा है, वह तिरंगे की गरिमा से किस प्रकार अनभिज्ञ हैं। पार्टी की इस तिरंगा यात्रा में जिस प्रकार कोविद नियमों का उल्लंघन किया गया, उससे तो पार्टी को शायद ही कोई फर्क पड़े। लेकिन सैन्य बहुल उत्तराखण्ड में राष्ट्रीय ध्वज का यह अपमान पार्टी को जरूर भारी पड़ेगा।
तिरंगा यात्रा में राष्ट्रीय ध्वज की गरिमा को तार-तार करते दर्जनों फोटो यात्रा की समाप्ति के बाद से सोशल मीडिया पर चलने शुरू हो गए हैं। तमाम यूजर्स ने राष्ट्रीय ध्वज के इस अपमान को लेकर आम आदमी पार्टी को न केवल घेरना शुरू कर दिया है बल्कि इसका प्रशासन ने भी संज्ञान ले लिया है। सोशल मीडिया (Social Media) पर इससे जुड़ी तस्वीरों के सामने आने के बाद अब लोगों की ओर से प्रशासन से शिकायत कर कार्रवाई की मांग की जा रही है। जिसके बाद शिकायत मिलते ही सिटी मजिस्ट्रेट ने मामले में जांच के आदेश दे दिए हैं। मामले को लेकर सिटी मजिस्ट्रेट ऋचा सिंह का कहना है कि आम आदमी पार्टी के रोड शो के दौरान राष्ट्रीय ध्वज की अवमानना की शिकायतें मिल रही हैं। प्रशासन की ओर से मामले की जांच की जा रही है। मामले में दोषी पाए जाने वाले लोगों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की जाएगी।
बहरहाल, आम आदमी पार्टी (AAP) की हल्द्वानी की इस तिरंगा यात्रा से उसे कितना राजनैतिक लाभ हुआ, इसका आकलन बाद कि बाद है। लेकिन उसने भाजपा-कांग्रेस जैसे अपने प्रतिद्वंदियों को जो कि अब तक आम आदमी पार्टी की हमलावर बॉलिंग से डिफेंसिव बल्लेबाजी कर रहे थे, खुलकर आक्रामक बल्लेबाजी का मौका मुहैया करा दिया है। राष्ट्रवाद की लहरों पर सवार होकर चुनावी वैतरणी पार करने की "विशेषज्ञ" भारतीय जनता पार्टी आप की इस चूक का पूरा लाभ उठाते हुए इसे "देशभक्ति और राष्ट्रवाद" से जोड़कर आम आदमी पार्टी की "मुफ्त योजनाओं" के गुब्बारे में सूराख करने में अब शायद ही देर लगाए।