3 माह तक रचता रहा अफीमची किसान परिवार के कत्ल की साजिश क्राइम सीरीज देख मां-बाप और 2 बच्चों को मार खुद भी की आत्महत्या !
हालांकि जो कहानी सामने आ रही है उसमें एक पेंच यह भी है कि जिस पत्नी के अलग होने की बात पर शंकर ने पूरे परिवार को खत्म कर डाला, उसने उसे क्यों नहीं मारा? क्या इस कहानी के पीछे कोई और सच छुपा है या फिर वाकई शंकर सिर्फ अपनी पत्नी को जिंदा रखना चाहता था....
Top Crime Cases India : भारत के वे सात मर्डर मिस्ट्री केस जिन्होने हिलाकर रख दिया था पूरा देश
जोधपुर। अफीम के नशे के आदी एक किसान की मानसिक स्थिति इतनी खराब हो गयी कि वह तीन महीने तक यूट्यूब के वीडियो देख देखकर अपनी मौत के साथ ही अपने ही परिवार की हत्या का तानाबाना बुनने में लगा रहा। हैरानी की बात यह है कि पत्नी से अनबन होने के बाद भी इस अफीमची ने उसकी जिंदगी न केवल बख्श दी, बल्कि खुद के मरने के बाद उसे विधवा के तौर पर सरकार से क्या क्या सहायता मिल सकती है, इसके लिए उसने राजस्थान सरकार की वेवसाइट पर जाकर उन सबकी जानकारी भी ली। पुलिस का दावा है कि नशे में मनोरोगी की हालत तक पहुंचे इस व्यक्ति की मौत के बाद उसके मोबाइल की हिस्ट्री चेक की तो यह अजीबोगरीब खुलासे हुए हैं।
जोधपुर के लोहावट में रहने वाले इस शंकरलाल नाम के किसान की बाकी कहानी बताने से पहले पाठकों को इसकी पृष्ठभूमि से परिचित कराते हुए बता दें कि शंकर लाल ने 3 नवंबर को अपने मां-बाप और दो बेटों का कत्ल करने के बाद खुदकुशी कर ली थी। खबरों के मुताबिक किसान शंकर लाल को अफीम के नशे की बुरी लत लग चुकी थी। अफीम का उस पर इतना गहरा नशा होने लगा कि उसे इस बात की सनक चढ़ गई कि उसने अपने पूरे परिवार को ठिकाने मारना है। उसकी पत्नी बार-बार अफीम के नशे को न करने के लिए टोकती थी, इसलिए उसकी अपनी पत्नी से भी अनबन होने लगी थी, जिसके बाद पत्नी ने शंकर से अलग रहने का फैसला सुनाते हुए उससे अलग रहना शुरू कर दिया।
हालांकि जो कहानी सामने आ रही है उसमें एक पेंच यह भी है कि जिस पत्नी के अलग होने की बात पर शंकर ने पूरे परिवार को खत्म कर डाला, उसने उसे क्यों नहीं मारा? क्या इस कहानी के पीछे कोई और सच छुपा है या फिर वाकई शंकर सिर्फ अपनी पत्नी को जिंदा रखना चाहता था।
यूट्यूब पर क्राइम स्टोरी देख रची कहानी
पुलिस का दावा है कि शंकर ने अफीम के नशे की इसी सनक में तीन महीने पहले सितंबर से ही परिवार के मर्डर की प्लानिंग करनी शुरू कर दी थी। इसके लिए शंकर ने इंटरनेट पर मर्डर और उसके तरीकों को सर्च करना शुरू कर दिया। उसने क्राइम पेट्रोल और सावधान इंडिया की क्राइम सीरीज देखना शुरू किया। गूगल पर मर्डर की प्लानिंग, नींद की गोलियां और जहर को लेकर भी उसने कई बार सर्च किया। शंकर ने 14 सितंबर से ही फेसबुक के साथ इंटरनेट और अन्य प्लेटफॉर्म पर क्राइम सीरीज देखनी शुरू कर दी थी। शुरुआती दिनों में क्राइम पेट्रोल के तीन से चार सीरीज देखी। इसके बाद उसने प्लान बनाना शुरू किया। इसके बाद वह कई सीरीज देखने लग गया। जैसे-जैसे सीरीज में उसे मर्डर करने के आइडिया मिलते वह अपना प्लान आगे बढ़ाता रहता।
प्लान की आखिरी पॉलिश
शंकर ने पूरा प्लान क्राइम सीरीज देखकर बनाकर फिर उसे अमलीजामा पहनाने की सोची। परिवार को मारने के लिए शंकर ने सोच लिया था कि उन्हें पहले नींद की गोलियां देनी है और जहर भी देना है। सर्च किया कि सबसे अच्छी नींद की गोली कौन सी है। इसके साथ जानकारी जुटाई कि सबसे अच्छा जहर कौन सा है? इन नींद की गोलियों और असरदार जहर को लेकर कई जानकारी भी उसने इंटरनेट से जुटाई थी कि यह कैसे और कब तक असरदार होगा।
इस तरह खत्म कर डाला शंकर ने अपना परिवार
आरोप है कि 38 वर्षीय शंकर लाल ने 3 नवंबर की शाम पहले अपने 65 वर्षीय पिता सोनाराम पर कुल्हाड़ी से हमला कर घायल कर दिया और भाग गया। सोनाराम को घायल देख कुछ लोगों ने उन्हें अस्पताल पहुंचाया, जहां देर रात इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। उसके बाद शंकर ने घर में बाकी परिजन के खाने में नींद की गोलियां मिला दीं। सभी बेहोश हो गए तो सबसे पहले अपनी 55 वर्षीय मां चंपा को घर में बनी पानी की टंकी में फेंक दिया था। उसका 14 वर्षीय बेटा लक्ष्मण भी वहीं सो रहा था, उसे भी टंकी में फेंक दिया। शंकर का 8 वर्षीय छोटा बेटा दिनेश अपनी मां के पास सो रहा था, सुबह करीब 5 बजे उसे भी शंकर ने टंकी में फेंक दिया था। दावा है कि उसने टंकी में भी जहर मिलाया था। पुलिस का दावा है कि सबको खत्म करने के बाद शंकर खुद भी अपने मामा के यहां बनी टंकी में कूद गया।
पत्नी की फिक्र में रहा आखिरी समय तक
शंकर की अपनी पत्नी से भले ही इसलिए अनबन थी क्योंकि वह शंकर के साथ नहीं रहना चाहती थी और इसी सनक में उसने पूरे परिवार को खत्म कर दिया, लेकिन आखिर तक शंकर को उसका पूरा ख्याल रहा। अपनी मौत से पहले तक शंकर राजस्थान सरकार की वेबसाइट पर जाकर विधवा महिलाओं को मिलनी वाली सरकारी मदद की जानकारी जुटाता रहा। इसके साथ ही उसने यह भी सर्च किया था कि परिवार की मौत के बाद सरकार क्या आर्थिक सहायता देती है। कुल मिलाकर शंकर की दिलचस्पी इस बात में कुछ ज्यादा ही थी कि उसके मरने के बाद पत्नी को विधवा पेंशन योजना के तहत कितने रुपए मिलेंगे।
स्वर्ग-नर्क के फेर में रहा शंकर
शंकर ने अफीम के नशे में भले ही अपने परिवार को ठिकाने लगाने का मन बना लिया हो, लेकिन स्वर्ग और नरक के फेर में वह आखिरी समय तक फंसा रहा। उसे इस बात का भी डर रहा था कि हत्या के बाद उसका क्या होगा? उसने गूगल पर यह भी सर्च किया कि परिवार को मारने पर क्या उसे स्वर्ग मिलेगा। क्या वो खुद नर्क में जाएगा या स्वर्ग में जाएगा?
लगातार दो दिन दी परिवार को नींद की गोलियां
शंकर की भाभी ने पुलिस को दिये बयान में बताया कि बुधवार 2 नवंबर की रात को आरोपी ने परिवार के सभी लोगों को 22 नींद की गोलियां दी थीं। शंकर ने परिवार को बोला कि सभी खेत में दिनभर काम करते हैं, इसलिए थक जाते हैं। ये गोलियां खाने से नींद अच्छी आएगी। गुरुवार 3 नवंबर को भी सभी को शिकंजी में तीन-तीन नींद की गोलियां डालकर दी थीं।