उत्तराखंड : नशा मुक्ति केंद्र से भागने को मजबूर हुईं युवतियां, संचालक पर लगाया दुष्कर्म का आरोप
पुलिस ने जानकारी मिलने के बाद शुक्रवार देर शाम उन्हें रेसकोर्स स्थित एक होटल से बरामद किया था। लड़कियों ने पूछताछ में चौंकाने वाले खुलासा करते हुए केंद्र संचालक पर दुष्कर्म के आरोप लगाए....
सलीम मलिक की रिपोर्ट
देहरादून। महिलाओं के बढ़ते यौन उत्पीड़न के मामलों में उत्तराखण्ड प्रदेश की राजधानी से एक ऐसे मामले का खुलासा हुआ है, जो महिलाओं की सुरक्षा पर बड़े सवाल खड़ा करता है। नशामुक्ति केन्द्र में नशे की लत छुड़ाने के लिए भर्ती कराई कुछ लड़कियों ने केन्द्र संचालक पर दुष्कर्म का सनसनीखेज आरोप लगाकर महिलाओं की सुरक्षा को एक बार फिर सवालों के घेरे में ला दिया है।
अपने यौन उत्पीड़न से त्रस्त यह लड़कियां एक दिन पहले ही नशामुक्ति केन्द्र से भागने को मजबूर हुई थी। भागने के बाद पुलिस ने इन्हें एक होटल से बरामद किया। जहां पूछताछ में इस घिनोने सच का खुलासा हुआ।
पुलिस की पूछताछ में युवतियों ने आपबीती सुनाते हुए नशा मुक्ति केंद्र के संचालक पर दुष्कर्म करने का सनसनीखेज आरोप लगाते हुए बताया कि संचालक की गंदी हरकतों के कारण ही वह इस सेन्टर से भाग गईं थीं। युवतियों के इस आरोप के बाद राज्य का महिला आयोग भी सक्रिय हो गया है। तो दूसरी तरफ पुलिस ने नशा मुक्ति केंद्र से जुड़े दो व्यक्तियों को पकड़ लिया है।
इस मामले में विस्तार से जानकारी देते हुए थाने के एसओ धर्मेंद्र रौतेला ने बताया कि देहरादून की तीन और रुड़की की एक लड़की को परिजनों ने प्रकृति विहार, टर्नर रोड, क्लेमेनटाउन, देहरादून में स्थित 'वॉक एंड विन सोबेर लीविंग होम एंड काउंसिलिंग सेंटर' नशा मुक्ति केंद्र में छः महीने पहले फरवरी माह में नशा छुड़वाने के लिए भर्ती कराया गया था। यह चारो लड़कियां पांच अगस्त की शाम केंद्र से फरार हो गई थीं।
पुलिस ने जानकारी मिलने के बाद शुक्रवार देर शाम उन्हें रेसकोर्स स्थित एक होटल से बरामद किया था। लड़कियों ने पूछताछ में चौंकाने वाले खुलासा करते हुए केंद्र संचालक पर दुष्कर्म के आरोप लगाए। लड़कियों का कहना है कि इसी वजह से वह केंद्र से भागी हैं। लड़कियों के इस सनसनीखेज खुलासे के बाद पुलिस ने सेन्टर के दो लोगों को पूछताछ के लिए अपनी हिरासत में ले लिया है। ताजा जानकारी मिलने तक तीसरे आरोपी को भी गिरफ्तार कर लिया गया है।
मामले की नजाकत को देखते हुए राज्य महिला आयोग इस प्रकरण में सक्रिय हो गया है। महिला आयोग ने स्वतः संज्ञान लेते हुए इस पर नाराजगी जताते हुए आयोग की अध्यक्ष विजय बड़थ्वाल ने एसएसपी देहरादून को मामले की जल्द जांच करने के निर्देश दिए हैं।
नशा मुक्ति केंद्र में हो रहे इस मामले के खुलासे के साथ ही राज्य में चल रहे तमाम स्पा सेन्टर भी इन दिनों देह व्यापार के अडडे बने हुए हैं। कुमाऊं के हल्द्वानी शहर के साथ ही रुद्रपुर शहर में बीते कुछ ही दिनों में पुलिस कई स्पा सेंटर्स पर छापा मारकर कई लोगों गिरफ्तारी कर चुकी है। बिहार के नारी-निकेतन कांड और आखिर में हुए उसके हश्र के बाद तो नारी-निकेतनों से आनी वाली ऐसी खबरों का अब नोटिस तक नहीं लिया जाता है।
बहरहाल, इन ताज़ा मामलों से साबित हो गया कि महिला रोजगार के लिए घर से बाहर कदम निकाले या कहीं इलाज के लिए भर्ती हो, उसकी अंतिम पनाह यौन शोषण की इस दलदल में फंसना ही होती है।
महिलाओं के सम्मान और उनकी सुरक्षा के मामलों में देश अभी कबीलाई संस्कृति से आगे नहीं बढ़ पा रहा है। महिलाओं के अस्तित्व को बतौर नागरिक स्वीकार करना दूर की बात है।