मरीज की मौत के बाद डाॅक्टर ने सोशल मीडिया ट्रायल से परेशान होकर कर ली आत्महत्या

डाॅ अनूप की पहचान एक होनहार डाॅक्टर के रूप में थी, उन्होंने बच्ची का ऑपरेशन करना तब भी स्वीकार किया जब कई डाॅक्टरों ने कोरोना संक्रमण के भय से ऐसा करने से इनकार कर दिया था। दुर्भाग्य से बच्ची की मौत हो गई, इसके बाद उन पर चौतरफा हमलों की शुरुआत हो गई...

Update: 2020-10-03 06:03 GMT

डाॅ अनूप कृष्णा का फाइल फोटो।

जनज्वार। केरल के कोल्लाम जिले के किलीकोलूर में एक युवा डाॅक्टर ने अपनी एक मरीज की मौत के बाद आत्महत्या कर ली। पेशे से ऑर्थाेपेडिक सर्जन 35 वर्षीया डाॅक्टर अनूप कृष्णा ने अपने अस्पताल में सात साल की एक बच्ची का बीते दिनों ऑपरेशन किया था, जिसके बाद उसकी तबीयत बिगड़ गई। बच्ची के परिजन उसे डाॅ अनूप के अस्पताल से लेकर दूसरी अस्पताल गए लेकिन उसे बचाया नहीं जा सका।

इस घटना के बाद बच्ची के परिजनों व अन्यलोगों ने डाॅक्टर के अस्पताल के बाहर प्रदर्शन किया और उन्हें बच्ची की मौत के लिए जिम्मेवार बताया। यह भी कहा गया कि इलाज में लापरवाही बरती गई। डाॅक्टर अनूप ने 23 सितंबर को बच्ची की सर्जरी अपने निजी अस्पताल में की थी, इस दौरान उसे कार्डियक अरेस्ट आया और दूसरे अस्पताल ले जााया गया, लेकिन उस बच्ची को नहीं बचाया जा सके।

बच्ची की मौत के बाद विभिन्न तरीकों से डाॅ अनूप का विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया। बच्ची के परिजनों ने पुलिस थाने में उनके व अस्पताल के खिलाफ लापरवाही का मामला दर्ज कराया और मौत का जिम्मेवार बताया। अस्पताल के बाहर भी विरोध प्रदर्शन किए गए। इसके साथ ही विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर भी डाॅक्टर की घेराबंदी शुरू हुई और उन्हें बच्ची की मौत के लिए दोषी बताया गया। इस हमलों से डाॅ अनूप कृष्णा अंदर से परेशान हो गए।

अनूप कडप्पाकडा में अपने घर पर ही अनूप आर्थाे केयर हाॅस्पिटल नाम से अस्पताल चलाते थे। उन्होंने गुरुवार को अपने उसी आवास में आत्महत्या कर ली और इससे पहले बाथरूम की दीवार पर उन्होंने साॅरी लिखा। इस मामले में कलीकोलूर पुलिस ने अप्राकृतिक मौत का मामला दर्ज किया है और जांच शुरू की है।

हालांकि इस घटना के बाद डाॅक्टरों का संगठन अनूप के पक्ष में उठ खड़ा हुआ है और उनके उत्पीड़न किए जाने की बात कही है। केरल में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की उपाध्यक्ष व इएनटी विशेषज्ञ डाॅ सुल्पी नोहू ने अपने फेसबुक पोस्ट में कहा है कि डाॅ अनूप ने बच्ची का ऑपरेशन तब भी किया जब कोरोना संक्रमण के डर से कई डाॅक्टरों ने उसका ऑपरेशन करने से इनकार कर दिया था।

उन्होंने बच्ची की मौत को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है और कहा है कि इस घटना के बाद सोशल मीडिया पर सोशल मीडिया ट्रायल करने के लिए एक फौज आयी और उसने डाॅक्टर अनूप पर दोषी होने का आरोप लगाया। कई लोगों ने उन पर बच्ची की हत्या का आरोप लगाया। पर, केरल ने एक होनहार डाॅक्टर खो दिया, लेकिन सोशल मीडिया ट्रायल करने वालों ने कुछ भी नहीं खोया। अनूप के परिवार ने अपने बेटा, पति व प्यारा सदस्य खो दिया, उनके दोस्तों ने अपना एक शानदार दोस्त खो दिया।

वहीं, एक अन्य डाॅक्टर जीेनेश पीएस ने इस मामले में दुःख व्यक्त करते हुए लिखा कि डाॅक्टरों के पास ऐसी कोई जादुई दवा नहीं होती है कि वह हर मरीज को ठीक कर दे। उनके अनुसार, सभी तरह की सर्जरी में चुनौतियां व खतरे होते हैं, हम उस मामले में अधिक से अधिक सतर्क हो सकते हैं।

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