आपदा में अवसर खोज रहा था न्यूज चैनल का एंकर, पुलिस ने ऑक्सीजन सिलिंडर बेचते रंगे हाथ दबोचा

पूछताछ करने पर पता चला कि यह लोग 2 महीने पहले मेरठ से 80-90 ऑक्सीजन सिलिंडर लाए थे। यह लोग छोटे सिलिंडर 35 से 40 हजार तो बड़े सिलिंडर 55 हजार रूपये तक बेचते थे। पकड़े गए अभियुक्त अब तक 70 से 80 सिलिंडरों की कालाबाजारी करते हुए बेच चुके हैं...

Update: 2021-05-12 10:25 GMT

सिलिंडर के साथ अभियुक्त व दाएं सफेद शर्ट में एंकर photo - janjwar

जनज्वार, कानपुर। यूपी में कानपुर क्राईम ब्रांच ने शहर में चलने वाले एक लोकल न्यूज चैनल के मालिक को आपदा के इस समय में ऑक्सीजन सिलिंडर और मेडिकल उपकरणों की कालाबाजारी करने के आरोप में अरेस्ट किया है। पुलिस ने चैनल के एंकर तथाकथित कैमरामैन सहित तार लोगों को हिरासत में लिया है।

पुलिस के मुताबिक कानपुर से चलने वाले यू ट्यूब चैनल भारत एटूजेड का एमडी व एंकर अश्वनी जैन, चैनल  कैमरामैन अभिषेक तिवारी, रिषभ जैन व प्रदीप बाजपेयी को गिरफ्तार किया गया है। क्राईम ब्रांच कानपुर व पनकी पुलिस की टीम का कहना है कि इन चारों को पत्रकारिता की आड़ में ऑक्सीजन सिलिंडर की कालाबाजारी करते हुए रंगे हाथ पकड़ा गया है।

पुलिस का कहना है कि पूछताछ करने पर पता चला कि यह लोग 2 महीने पहले मेरठ से 80-90 ऑक्सीजन सिलिंडर लाए थे। यह लोग छोटे सिलिंडर 35 से 40 हजार तो बड़े सिलिंडर 55 हजार रूपये तक बेचते थे। पकड़े गए अभियुक्त अब तक 70 से 80 सिलिंडरों की कालाबाजारी करते हुए बेच चुके हैं। इसके अलावा पनकी इंडस्ट्रियल एरिया में माल डम्प करवाया जाता था। 

पुलिस मेरठ से सिलिंडर लाने की जांच कर रही है। इसके साथ ही पुलिस अन्य कड़ियों की पड़ताल भी कर रही है। इनके पास से 4 बड़े तथा 6 छोटे ऑक्सीजन सिलिंडर बरामद करने सहित एक वेगन आर कार UP 78GA8751 व पत्रकारिता के माईक-आईडी मिली हैं। पकड़े गए सभी अभियुक्त कानपुर नगर के निवासी हैं।

पुलिस उपायुक्त सलमान ताज पाटिल ने बताया कि ऑक्सीजन सिलेंडर और मेडिकल उपकरणों की कालाबाजारी करने की तमाम शिकाएतें पुलिस को मिल रहीं हैं। इसी कड़ी में चार लोगों को हिरासत में लिया गया है। जिनमें से एक खुद को चैनल का एमडी व एंकर बता रहा है तथा एक उसका कैमरामैन भी है। उन्होने कहा कि ऑक्सीजन सिलिंडरों की कालाबाजारी करने वालों के विरूद्ध कठोर कार्यवाही की जाएगी। 

शहर के वरिष्ठ पत्रकार रामजी पाड़े कहते हैं कि कानपुर में बहुत कुछ हो रहा है, कुछ सामने आता है कुछ दब जाता है। ये तब है जब प्रेस क्लब के प्रेजिडेंट कहते हैं कि जान भी चली जाए मगर लोगों को बचाएंगे, लेकिन शहर में पत्रकारिता की आड़ में क्या हो रहा है। कौन सी पत्रकारिता कर रहे हैं ये लोग कई स्तरों पर जांच का विषय है।

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