International Daughters Day की संध्या बेला में गम और गुस्से के माहौल में हजारों लोगों ने Ankita Bhandari को दी अंतिम विदाई

Ankita Bhandari Murder case : अंतिम संस्कार में लोगों के उमड़े सैलाब को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को तमाम दुश्वारियों का सामना करना पड़ा, हर तरफ गम और गुस्सा से भरे लोग देखने में बाहर से बेहद शांत थे, लेकिन उनके चेहरे के भाव बता रहे थे कि वह बहुत कुछ कहना चाहते थे..

Update: 2022-09-25 16:09 GMT

नवरात्र की पूर्व और राष्ट्रीय बेटी दिवस की संध्या बेला में पंचतत्व में विलीन हुई उत्तराखंड की अंकिता, गम और गुस्से के मिले-जुले माहौल में हजारों लोगों ने दी अंतिम विदाई, व्यवस्था बनाए रखने में पुलिस के छूटे पसीने

Ankita Bhandari Murder case : भाजपा नेता विनोद आर्य के बेटे पुल्कित आर्य के हाथों नृशंस मौत का शिकार बनी उत्तराखंड की बेटी अंकिता भंडारी नवरात्रि की पूर्व व राष्ट्रीय बेटी दिवस की सांझ बेला में अपनी अनंत यात्रा पर निकल गई है। हजारों लोगों की भीड़ की मौजूदगी में गम और गुस्से की मिले-जुले माहौल में अंकिता का अंतिम संस्कार श्रीनगर के NIT घाट पर किया गया है।

इस दौरान घाट पर अंतिम संस्कार में लोगों के उमड़े सैलाब को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को तमाम दुश्वारियों का सामना करना पड़ा। हर तरफ गम और गुस्सा से भरे लोग देखने में बाहर से बेहद शांत थे लेकिन उनके चेहरे के भाव बता रहे थे कि वह बहुत कुछ कहना चाहते थे।

पोस्टमार्टम के बाद अंकिता के शव को श्रीनगर मोर्चरी में रखा गया था। परिवार ने पोस्टमार्टम की मिली अंतरिम रिपोर्ट से नाइत्तेफाकी जताते हुए पूरी पोस्टमार्टम रिपोर्ट मिले बिना अंकिता का अंतिम संस्कार करने से मना कर दिया था। हजारों लोगों ने मोर्चरी पर डेरा डाल दिया था। बद्रीनाथ हाइवे पर जाम की वजह से हजारों वाहन वहां फंसे हुए थे।

सारा दिन प्रशासन अंकिता के परिजनों को अंतिम संस्कार के लिए मनाता रहा, लेकिन परिजन अंतिम संस्कार के लिए उस वक्त तैयार हुए जब मुख्यमंत्री ने उनकी मांग मान लेने की हामी भर दी। शाम छः बजे करीब अंकिता का शव एंबुलेंस से घाट पर पहुंचाया गया। इस दौरान अंकिता के पिता और भाई भी साथ थे। एनआईटी घाट पर पहले से ही भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया था।

चूंकि अंकिता के शव को सूर्यास्त से पहले ही घाट तक पहुंचाया जाना जरूरी था, लिहाजा बेहद तेजी से अंकिता के शव को लेकर घाट तक पहुंचाया गया। अंतिम संस्कार के लिए पहले से ही तमाम तैयारियां कर ली गईं थीं। शव को तुरंत ही चिता पर रखा गया और इसके बाद अन्य धार्मिक क्रियाओं के बाद अंकिता के भाई ने चिता को मुखाग्नि दी। जिसके बाद अंकिता अपने हत्यारे पुल्कित और उसके रिजॉर्ट के तमाम राज लिए हमेशा के लिए पंचतत्व में विलीन हो गई।

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