अंकिता भण्डारी हत्याकांड में अगली सुनवाई 11 नवंबर को, हाईकोर्ट में आज दाखिल नहीं हो सकी SIT की स्टेटस रिपोर्ट
वरिष्ठ न्यायाधीश न्यायमूर्ति संजय कुमार मिश्रा की एकलपीठ ने एसआइटी को लिखित रूप से यह बताने को कहा है कि रिसोर्ट में जिस स्थान पर बुलडोजर चलाया गया, वहां से कौन कौन से सबूत एकत्र किए गए....
नैनीताल। अंकिता भण्डारी हत्याकांड में उत्तराखंड उच्च न्यायालय द्वारा विशेष जांच दल (एसआईटी) से मांगी गई केस की स्टेटस रिपोर्ट गुरुवार 3 रनवंबर को कोर्ट में दाखिल नहीं हो पाई, जिसके बाद कोर्ट ने एसआईटी को यह रिपोर्ट 11 नवम्बर तक दाखिल करने की मोहलत देते हुए मामले की अगली सुनवाई 11 नवम्बर तय कर दी है।
बता दें कि एसआईटी जांच पर लोगों का भरोसा न जमने की वजह से पत्रकार आशुतोष नेगी की ओर से पौड़ी गढ़वाल के चीला क्षेत्र में रिसोर्ट रिसेप्शनिस्ट अंकिता भंडारी हत्याकांड की सीबीआई जांच को लेकर एक याचिका दायर की थी। इस याचिका को स्वीकार करते हुए कोर्ट ने हत्याकांड की जांच कर रही एसआईटी से तीन नवम्बर तक इस पूरे केस की स्टेटस रिपोर्ट्स तलब की थी, जिसके बाद नैनीताल हाईकोर्ट ने आज गुरुवार यानि तीन नवंबर को इस याचिका पर फिर सुनवाई की। लेकिन इस मामले में एसआईटी आज कोई स्टेटस रिपोर्ट पेश नहीं कर सकी।
वरिष्ठ न्यायाधीश न्यायमूर्ति संजय कुमार मिश्रा की एकलपीठ ने एसआइटी को लिखित रूप से यह बताने को कहा है कि रिसोर्ट में जिस स्थान पर बुलडोजर चलाया गया, वहां से कौन कौन से सबूत एकत्र किए गए। इस मामले में एसआईटी को 11 नवंबर तक जवाब दाखिल करने को कहा गया है। अब इस मामले की अगली सुनवाई 11 नवंबर को होगी।
पौड़ी गढ़वाल के आशुतोष नेगी ने याचिका दायर कर कहा है कि पुलिस व एसआईटी इस मामले के महत्वपूर्ण सबूतों को छुपा रहे हैं। एसआईटी ने अभी तक रिसेप्शनिस्ट के पोस्टमार्टम की रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं की है। जिस दिन उसका शव बरामद हुआ था, उसकी दिन शाम को अंकिता का कमरा तोड़ दिया।
रिसेप्शनिस्ट के शव का पोस्टमार्टम भी पुलिस ने बिना किसी महिला डॉक्टर की उपस्थिति में कराया गया जो सर्वोच्च न्यायलय के आदेश के विरुद्ध है। याचिका में तर्क दिया गया कि मेडिकल कराते समय एक महिला का होना आवश्यक था, जो इस केस में पुलिस ने नहीं किया। जिस दिन उसकी हत्या हुई थी, उस दिन छह बजे अभियुक्त पुलकित उसके कमरे में था, वह रो रही था। याचिका में यह भी कहा गया है कि रिसेप्शनिस्ट के साथ दुराचार हुआ है, जिसे पुलिस नही मान रही है। पुलिस इस केस में लीपापोती कर रही है। इसलिए इस केस की जांच सीबीआई से कराई जाए।
बता दें कि पौड़ी जिले के यमकेश्वर प्रखंड के अंतर्गत गंगा भोगपुर स्थित वनन्तरा रिसोर्ट से 18 सितंबर की रात से संदिग्ध परिस्थितियों में रिसेप्शनिस्ट अंकिता भंडारी लापता हो गई थी। पुलिस ने जब जांच की तो पता चला कि हत्या कर उसका शव चीला नहर में फेंक दिया गया था। इस मामले में रिसोर्ट मालिक पुलकित आर्य, प्रबंधक सौरभ भास्कर और सहायक प्रबंधक अंकित गुप्ता को गिरफ्तार किया था।
अंकिता हत्याकांड में मुख्य आरोपी पुलकित आर्य पूर्व बीजेपी नेता और पूर्व मंत्री विनोद आर्य का बेटा पुलकित आर्य है। पुलकित आर्य रिजॉर्ट का मालिक है। विनोद आर्य और उनके दूसरे बेटे अंकित आर्य को बीजेपी ने निष्कासित कर दिया है। वहीं कहा गया कि अंकिता पर किसी वीआइपी को खुश करने के लिए दबाव बनाया गया था। विरोध करने पर उसकी हत्या कर दी गई।