जंगलराज : UP के बलरामपुर में दिनदहाड़े पत्रकार समेत 2 की जलाकर हत्या

पत्रकार राकेश आग से 90 प्रतिशत झुलस चुके थे। राकेश के साथ ही नगर कोतवाली के विशुनीपुर मुहल्ला निवासी विश्व हिंदू महासंघ के नगर उपाध्यक्ष पिंटू साहू का शव घटनास्थल पर जला हुआ मिला, इलाज के दौरान पत्रकार राकेश सिंह ने जलाने का आरोप लगाकर वीडियो वायरल किया है...

Update: 2020-11-28 08:18 GMT

मरने से पहले दिये गये बयान में पत्रकार राकेश सिंह निर्भीक ने लगाया हत्या का आरोप

बलरामपुर, जनज्वार। आज शनिवार 28 नवंबर की सुबह देहात के कोतवाली क्षेत्र से दिल दहलाने वाला मामला सामने आया है। यहां संदिग्ध परिस्थितियों में घर में लगी आग से पत्रकार समेत दो की मौत हो गई। आग इतनी भीषण थी कि आवास की एक दीवार तक गिर गई। साथ ही साथ आग में घर का सारा सामान जलकर खाक हो गया।

पूरा मामला देहात कोतवाली क्षेत्र के कलवारी गांव का है। यहां रहने वाले 45 वर्षीय राकेश सिंह निर्भीक पत्रकार थे। आज 28 नवंबर की सुबह उनके आवास में संदिग्ध परिस्थितियों में आग लग गई। आग इतनी जबरदस्त थी कि मकान की एक दीवार तक गिर गई। बेड व अन्य सामान जल गया है।

गंभीर रूप से जले पत्रकार राकेश सिंह निर्भीक को आनन-फानन जिला मेमोरियल चिकित्सालय ले जाया गया। यहां से उन्हें लखनऊ मेडिकल कॉलेज रेफर किया गया था, जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई।

आग इतनी जबरदस्त थी कि मकान की एक दीवार तक गिर गई

शुरुआती जानकारी के मुताबिक राकेश आग से 90 प्रतिशत झुलस चुके थे। राकेश के साथ ही नगर कोतवाली के विशुनीपुर मुहल्ला निवासी विश्व हिंदू महासंघ के नगर उपाध्यक्ष पिंटू साहू का शव घटनास्थल पर ही जला हुआ मिला। इलाज के दौरान पत्रकार राकेश सिंह ने जलाने का आरोप लगाकर वीडियो वायरल किया है।

इसमें उन्‍होंने कहा है कि उसके घर में कुछ नकाबपोश लोग घुसे थे। पहले मारपीट की, उसके बाद आग लगा दी। डीएम कृष्णा करुणेश व एसपी देवरंजन वर्मा ने घटनास्थल का जायज़ा लिया। मामले की जांच की जा रही है।

आईएफडब्ल्यूजे के उपाध्यक्ष और उत्तर प्रदेश मान्यता प्राप्त संवाददाता समिति के अध्यक्ष हेमंत तिवारी ने बलरामपुर जिले में पत्रकार राकेश सिंह की जलाकर हुई जघन्य हत्या पर क्षोभ जताते हुए प्रदेश सरकार से कड़ी कारवाई की मांग की है। हेमंत तिवारी ने कहा कि बलरामपुर जिले में तैनात अधिकारियों की नाक के नीचे बीते काफी समय से पत्रकारों का उत्पीड़न और उन पर हमले होते रहे हैं पर सरकार ने कोई एक्शन नहीं लिया।

बलरामपुर जिले में लंबे समय से तैनात जिलाधिकारी ने न केवल पत्रकार की सुरक्षा की मांग की अनदेखी की बल्कि कई पत्रकारों पर मुकदमे दर्ज कराया। आपको बता दें कि जिलाधिकारी से दिवंगत पत्रकार ने अपनी हत्या की आशंका भी जताई थी।

Tags:    

Similar News