Banda News: बांदा में ईओ के बाद SDM भी निलंबित, जिंदा गायों के साथ हैवानियत का यह था पूरा मामला!

इस मामले में अब एसडीएम (SDM) को भी निलंबित कर दिया गया। इससे पहले जिलाधिकारी द्वारा भेजी गई जांच रिपोर्ट के आधार पर ईओ को निलंबित किया जा चुका है...

Update: 2021-12-11 05:46 GMT

(बांदा में जिंदा गायों को दफनाया गया था)

Banda News: बांदा के नरैनी में जिंदा गायों को दफन करने का मामला तूल पकड़ने के बाद कार्रवाई तेज हो गई है। इस मामले में अब एसडीएम (SDM) को भी निलंबित कर दिया गया। इससे पहले जिलाधिकारी द्वारा भेजी गई जांच रिपोर्ट के आधार पर ईओ को निलंबित किया जा चुका है। 

अपर मुख्य सचिव नियुक्ति एवं कार्मिक डॉ. देवेश चतुर्वेदी ने बताया कि केंद्रीय निर्वाचन आयोग की अनुमति लेकर उप जिलाधिकारी सुरजीत को निलंबित कर दिया गया है। सुरजीत सिंह की जगह अब बांदा में ही कार्यरत उपजिलाधिकारी रावेंद्र कुमार को तैनात किया गया है।

क्या है पूरा मामला? 

तीन दिसंबर की रात नरैनी की मोतियारी मंडी में संचालित अस्थाई गोशाला से गोवंशों को कई ट्रकों में लादकर मध्यप्रदेश के पहाड़ी खेरा (पन्ना) के जंगलों छोड़ा गया था। ट्रक में लादी गईं कुछ गायें रास्ते में ही मर गईं थीं। लेकिन इसमें कई गायें जिंदा भी थीं। इन गायों को रातों रात ठिकाने लगाने के लिए नगर पंचायत अधिकारियों ने जेसीबी से खुदाई करवाकर इन्हें जंगल में दफन करवा दिया था। 

बहुत भयावह थीं वायरल तस्वीरें 

इस मामले में जो तस्वीरें और वीडियो वायरल हुए थे वह रूह कंपा देने वाले थे। जिंदा दफन की गईं कुछ गायों की सांसें चल रहीं थीं। तो कुछ की आंखें खुली हुई थीं और नाक से खून रिस रहा था। गायों को पूजने वाले इस देश में आला अफसरों की यह शर्मनाक करतूत पूरे तौर पर ना देख सकने वाली थीं।

ईओ के बाद SDM निलंबित 

बांदा की इस घटना को संज्ञान में लेकर जिलाधिकारी के अधीन जांच बिठाई गई थी। जिलाधिकारी ने सीडीओ को जांच सौंपी थी। इस जांच में ईओ अमर बहादुर सिंह को दोषी पाया गया था। जिन्हें निलंबित कर दिया गया। इसके बाद उपजिलाधिकारी सुरजीत सिंह की भूमिका पर भी सवाल खड़े हुए थे। इस मामले में केंद्रीय निर्वाचन आयोग से अनुमति लेकर एसडीएम को भी निलंबित कर दिया गया है।

इसलिए लेनी पड़ी निर्वाचन आयोग से अनुमति 

बांदा के उपजिलाधिकारी सुरजीत सिंह मतदाता पुनरीक्षण अभियान के अंतर्गत निर्वाचन रजिस्ट्रीकरण अधिकारी की जिम्मेदारी संभाल रहे थे। लिहाजा उनके खिलाफ कार्रवाई व उनके स्थान पर नई तैनाती के लिए शासन ने केंद्रीय निर्वाचन आयोग की अनुमति लेने का फैसला किया था। आदेश मिलने के बाद एसडीएम को निलंबित कर दिया गया।  

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