कुकड़ी प्रथा के तहत वर्जिनिटी टेस्ट में फेल हुई दुल्हन तो पंचायत ने लगाया 10 लाख का जुर्माना, ससुराल पक्ष की बेटी इसी कुप्रथा के कारण कर चुकी है आत्महत्या
Bhilwara news : घिनौनी रस्म के नाम पर दुल्हन की जिंदगी के सबसे खास दिन को सबसे खौफनाक बना दिया जाता है। चादर पर खून के धब्बों से तय होता दुल्हन वर्जिन है या नहीं। अगर चादर पर खून के धब्बे नही है तो दुलहन को मौत से भी खौफनाक सजा दी जाती है ....
Bhilwara news : एक तरफ स्त्री सशक्तीकरण के हजार दावे सरकारों द्वारा किये जाते हैं, बेटी पढ़ाओ-बेटी बढ़ाओ का अभियान चलाया जाता है, दूसरी तरफ समाज ऐसी कु्रप्रथाओं में जकड़ा हुआ है, जिसकी कल्पना करके ही सिहरन होती है।
बढ़ती शिक्षा और टेक्नोलॉजी के इस युग में भी वर्षों से एक ऐसी कुप्रथा राजस्थान में चलती आ रही है, जिसने इंसानियत शब्द को शर्मसार कर दिया है। आज हजारों युवतियों को इस कुप्रथा के आग में झोंक दिया गया है। ये बात शायद अटपटी लगे, लेकिन ये सच है कि राजस्थान समेत देश के के हिस्सों में शादी करना गाड़ी खरीदने जैसा ही है।
जैसे कोई इंसान गाड़ी खरीदने से पहले टेस्ट ड्राइव करता है, ठीक उसी तरह दुल्हन को भी शादी की पहली रात वर्जिनिटी टेस्ट से गुजरना पड़ता है। इस टेस्ट को राजस्थान के कुकड़ी की रस्म का नाम दिया गया है। इस घिनौनी रस्म के नाम पर दुल्हन की जिंदगी के सबसे खास दिन को सबसे खौफनाक बना दिया जाता है। चादर पर खून के धब्बों से तय होता दुल्हन वर्जिन है या नहीं। अगर चादर पर खून के धब्बे नही है तो दुलहन को मौत से भी खौफनाक सजा दी जाती है और कैरेक्टर लेस ठहरा दिया जाता है।
कुकड़ी प्रथा के तहत वर्जिनिटी टेस्ट में पास न होने पर एक दुल्हन को ऐसी सजा दी गयी, जिसके बारे में सोचकर ही खौफ होता है। राजस्थान के भीलवाड़ा जिले के बागोर थाना इलाके से एक शर्मसार कर देने वाली घटना के तहत एक युवती शादी के बाद कुकड़ी प्रथा में पास नही हुई तो घरवालों द्वारा उसे प्रताड़ित किया गया है। पारंपरिक कुकड़ी रस्म में जब नई नवेली दुल्हन वर्जिनिटी साबित नहीं कर पाई तो युवती को ससुराल वालों ने घर से निकाल दिया और गांव में पंचायत भी बुलाई गई। वहीं पंचायत ने फरमान सुनाया कि युवती और उसके घरवालों पर 10 लाख रुपये का जुर्माना लगाया जाए। इतनी भारी रकम देने में सक्षम नहीं होने पर परिजनों को लगातार दबाव डाला जा रहा है।
दरअसल भीलवाड़ा की रहने वाली 24 वर्षीय एक युवती की शादी 11 मई 2022 को हुई थी, जिसके बाद उनके समाज की पारंपरिक कुकड़ी प्रथा के तहत उसका वर्जिनिटी टेस्ट शादी की पहली रात हुआ। पहली बार दूल्हे से शारीरिक संबंध बनाने के बाद चादर पर खून के धब्बे नहीं दिखने पर उसे ससुरालियों ने चरित्रहीन घोषित कर दिया और आरोप लगाया कि उसके किसी और से संबंध पहले बन चुके हैं।
जब ससुराल वालों ने जोर जबरदस्ती करके नई नवेली दुल्हन से इस बारे में पूछा तो पीड़िता ने बताया कि शादी से पहले पड़ोस में रहने वाला एक युवक उसका बलात्कार कर चुका है। यह सुनते ही नई नवेली दुलहन के सपनों का आशियाना जलकर खाक हो गया और ससुराल में सभी लोगों ने मिलकर उसकी जमकर पिटाई भी की। आग बबूला होते हुए ससुराल वालों ने दुल्हन के ससुराल भादू माता मंदिर में एक जातीय पंचायत बुलाई।
मीडिया में आई खबरों के मुताबिक, 31 मई को भादू माता मंदिर में गांव वालों के साथ साथ युवती के परिजनों को भी बुलाया गया। पंचायत ने लड़की के वर्जिनिटी टेस्ट में पास नहीं होने के नाम पर 10 लाख रुपये का जुर्माना देने का आदेश दिया, जिसके बाद परिजनों ने दुखी होकर मामले की जानकारी पास के पुलिस स्टेशन में दे दी। जुर्माने की भारी भरकम राशि न चुका पाने के कारण युवती के परिजनों को लगातार पिछले 5 माह से लड़के के घरवालों द्वारा परेशान किया जा रहा है।
प्रताड़ना से तंग आकर लड़की और उसके परिवार वालों ने बागोर थाने में कल 3 सितंबर को केस दर्ज कराया है, जिसके बाद यह मामला मीडिया की सुर्खियों में आया। पीड़िता की ओर से दर्ज कराई गई एफआईआर में पुलिस ने पति, ससुर और सास के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है। पुलिस का कहना है शुरुआती जांच में मामला सही पाया गया है, हम मामले की जांच कर रहे हैं।
इस मामले में मांडल के डीएसपी सुरेंद्र कुमार कहते हैं,. पीड़िता के परिजनों की रिपोर्ट के बाद इस मामले की पूरी जांच की गई। जिस मंदिर में पंचायत बुलाई गई थी, वहां के पुजारी, समाज के पंचों और अन्य लोगों के बयान लिए गए। जांच में सामने आया कि पीड़िता की शादी के बाद कुकड़ी प्रथा की गई, जिसमें वह पास नहीं हो पाई थी। पंचायत ने पीड़िता के परिजनों पर 10 लाख का जुर्माना अनुष्ठान के नाम पर लगाया गया था। जुर्माना राशि को लेकर पिछले पांच माह से पीड़िता को प्रताड़ित किया जा रहा है।
इस मामले में हैरानी की बात यह भी सामने आयी है कि कुछ साल पहले ही युवती के ससुराल पक्ष की बेटी को इस कुकड़ी प्रथा की बलि चढ़ा दिया गया था, फिर भी इन लोगों की आंखें नहीं खुली।विवाहिता के ससुराल पक्ष की बेटी ने कुकड़ी प्रथा से प्रताड़ित होकर एक साल पहले सुसाइड किया है। गौर करने वाली बात है कि जो परिवार इस समय एक लड़की के परिजनों से कुकड़ी प्रथा में पास न होने पर 10 लाख का जुर्माना अनुष्ठान के नाम पर वसूलना चाहता है, उसी ने अपनी बेटी के मरने पर इस कुप्रथा का घोर विरोध किया था।
भीलवाड़ा और उसके आसपास के इलाकों में सालों से कुकड़ी प्रथा की रस्म निभायी जा रही है। इस समाज में कई लड़कियां कुकड़ी प्रथा की भेंट चढ़ चुकी हैं। वर्जिनिटी टेस्ट में पास न होने पर अन्य कोई विकल्प न होने पर लड़कियों ने मौत का रास्ता अख्तियार कर लिया।
क्या है कुकड़ी प्रथा
कुकड़ी एक ऐसी कुप्रथा है, जिसमें महिलाओं को अपनी पवित्रता यानी वर्जिनिटी का प्रमाणपत्र देना होता है। इसमें सुहागरात के दिन पति अपनी पत्नी के पास एक सफेद चादर लेकर आता है और जब शारीरिक संबंध बनाता है तो उस चादर पर यदि खून के निशान आ गए तो उसकी पत्नी पवित्र है, यानी दुल्हन को वर्जिन माना जाता है। इसके बाद दुल्हन कुछ ब्लड सूत की गेंद (कुकड़ी) पर भी लगाती है। दोनों परिवारों के सदस्यों को खून लगा सफेद कपड़ा और कुकड़ी दिखाई जाती है। सबूत के तौर पर सफेद कपड़ा पीहर पक्ष और कुकड़ी ससुराल पक्ष को दी जाती है। यदि उस चादर पर खून के निशान नहीं आए तो दुल्हन को चरित्रहीनता का प्रमाणपत्र थमा दिया जाता है। मान लिया जाता है कि दुल्हन का पहले किसी के साथ शारीरिक संबंध रहा है। दूल्हा खुद सेक्स करने के बाद अपने परिवार वालों को चिल्लाकर बताता है कि ये लड़की चरित्रहीन है, किसी और के साथ पहले ही यह मुंह काला कर चुकी है।
कई घटनाओं में नई नवेली दुल्हन को चादर पर खून न मिलने पर ससुराल वाले कपड़े उतारकर उसे पीटते हैं। लड़की पर दबाव डालकर गंदी गंदी भाषा में ससुर, जेठ, सास, जेठानी समेत तमाम रिश्तेदार पूछते हैं कि वह अपने यार का नाम बताये। इस घोर बेइज्जती के बाद जाति पंचायत बैठती है, जिसमें लड़की के परिवार पर लाखों रुपए का जुर्माना लगाया जाता है।
अगर कोई नई नवेली दुल्हन कुकड़ी प्रथा का विरोध करती है तो उसे डराया धमकाया जाता हे। ऐसा करने के लिए उस लड़की को मजबूर कर दिया जाता है। कई बार वर्जिन होने के बावजूद ससुराल वाले ज्यादा दहेज और पैसे के लालच में भी जबरन लड़की को चरित्रहीन ठहरा देते हैं।