बिलकिस बानो गैंगरेप के दोषियों को रिहा कर BJP ने किया था महिलाओं का अपमान, सुप्रीम कोर्ट का निर्णय ऐतिहासिक : माले
Bilkis Bano Case : भाजपा नेतृत्व वाली गुजरात सरकार ने अमृतकाल के नाम पर गैंगरेप के दोषियों को 2022 में रिहा करने का जो गलत व अपमानजनक फैसला किया था, उसे पलटकर शीर्ष अदालत ने न सिर्फ पीड़िता के साथ न्याय किया है, बल्कि इससे व्यापक लोकतांत्रिक जनमत का भी सम्मान हुआ है...
Bilkis Bano Case : आज सुप्रीम कोर्ट ने बिलकिस बानो गैंगरेप मामले में गुजरात सरकार द्वारा दिये गये 11 दोषियों की रिहाई रद्द करने का फैसला सुनाया है। भाकपा (माले) ने बिलकिस बानो गैंगरेप मामले में 11 दोषियों की रिहाई रद्द करने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हुए इसे महिला सम्मान के पक्ष में बताया है।
माले के राज्य सचिव सुधाकर यादव ने आज 8 जनवरी को आये इस ऐतिहासिक फैसले पर बयान जारी करते हुए कहा, भाजपा नेतृत्व वाली गुजरात सरकार ने अमृतकाल के नाम पर गैंगरेप के दोषियों को 2022 में रिहा करने का जो गलत व अपमानजनक फैसला किया था, उसे पलटकर शीर्ष अदालत ने न सिर्फ पीड़िता के साथ न्याय किया है, बल्कि इससे व्यापक लोकतांत्रिक जनमत का भी सम्मान हुआ है। अमृतकाल के नाम पर भाजपा ने गैंगरेप के दोषियों को रिहाई देकर आधी आबादी का अपमान और दुस्साहस किया था। भाजपा को पीड़िता से और महिलाओं से माफी मांगनी चाहिए।
माले नेता ने कहा कि भाजपा एक तरफ बेटी बचाओ का नारा लगाती है और दूसरी तरफ उसकी सरकार गैंगरेप के दोषियों की ससम्मान रिहाई करती है। बिलकिस बानो केस के 11 दोषियों को गुजरात सरकार ने जेल से जब रिहा किया, तो फूलमाला पहनाकर उनका स्वागत भी कराया था। यही नहीं, भाजपा की सरकार ने महिला पहलवानों के यौन उत्पीड़न के आरोपी सांसद बृजभूषण को पूरा संरक्षण दिया, जिससे वे गिरफ्तारी से बचे रहे। उन्नाव रेप मामले में विधायक सेंगर से लेकर नाबालिग से रेप में दुद्धी के विधायक गोंड़ तक दोष सिद्ध हो चुके हैं। दोनों भाजपा से हैं।
बीएचयू आईआईटी गैंगरेप के सभी तीनों आरोपी भी भाजपा से जुड़े हैं। ये घटनाएं भाजपा की कथनी और करनी के बीच आकाश-पाताल के अंतर को उजागर करती हैं। माले नेता ने बिलकिस बानो मामले के सभी 11 दोषियों को न्यायहित में बिना किसी देरी के फिर से जेल भेजने की मांग की।
वहीं बिल्किस बानो मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर खुशी जताते हुए प्रियंका गांधी कहती हैं, 'अंततः न्याय की जीत हुई है। सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात दंगों के दौरान गैंगरेप की शिकार बिल्किस बानो के आरोपियों की रिहाई रद्द कर दी है। इस आदेश से भारतीय जनता पार्टी की महिला विरोधी नीतियों पर पड़ा हुआ पर्दा हट गया है। इस आदेश के बाद जनता का न्याय व्यवस्था के प्रति विश्वास और मजबूत होगा। बहादुरी के साथ अपनी लड़ाई को जारी रखने के लिए बिल्किस बानो को बधाई।'