Bridge Stolen Case : कौन है 60 फुट लंबे पुल चोरी का मास्टरमाइंड जिसने दुनियाभर में करायी देश की फजीहत, कैसे रची साजिश?

Bridge Stolen Case : राधेश्याम सिंह कैमूर जिले के कुदरा थाना क्षेत्र के फुली गांव निवासी है, वो करीब दो साल से रोहतास जिले के सासाराम में सोन नहर अवर प्रमंडल में नासरीगंज के एसडीओ के पद पर तैनात था....

Update: 2022-04-11 08:13 GMT

Bridge Stolen Case : कौन है 60 फुट लंबे पुल चोरी का मास्टरमाइंड जिसने दुनियाभर में करायी देश की फजीहत, कैसे रची साजिश?

Bridge Stolen Case : बिहार के रोहतास (Rohtas) में पचास साल पुराने 60 फुट लंबे पुल की चोरी (Bridge Stolen In Sasaram) के मामले में पुलिस आठ लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है। इसके साथ ही इस पूरे कांड को अंजाम देने वाले मास्टरमाइंड राधेश्याम सिंह (Radheyshyam Singh) का भी पर्दाफाश हो गया। पुल चोरी की यह घटना नासरीगंज प्रखंड के आदर्श ग्राम अमियावर में हुई थी जो आरा कैनाल पर बना था। यह पुलिस आधे दर्जन गांव को जोड़ता था। हैरान करने वाली बात यह है कि राधेश्याम सिंह ने ही पुल चोरी की घटना की एफआईआर दर्ज करायी थी। आइए जानते हैं, कौन हैं राधेश्याम सिंह और कैसे उसने इस पूरे कांड को अंजाम दिया-

कौन है राधेश्याम सिंह

राधेश्याम सिंह कैमूर जिले (Kaimur) के कुदरा थाना क्षेत्र के फुली गांव निवासी है। वो करीब दो साल से रोहतास जिले के सासाराम में सोन नहर (Son Canal) अवर प्रमंडल में नासरीगंज के एसडीओ (SDO) के पद पर तैनात था। पुल चोरी के लिए उसने पूरी योजना बनायी थी और एक स्थानीय नेता कल्याण भारद्वाज (Kalyan Bhardwaj) को भी अपने साथ मिला लिया था ताकि कोई बवाल खड़ा न हो। आरजेडी (RJD) नेता कल्याण भारद्वाज अमियार गांव का रहने वाला है। लोगों को इस बात की भनक तक नहीं थी कि उनके बीच के अफसर इतना मास्टरमाइंड है।

पुलिस ने बरामद किया बुलडोजर और 247 किलो लोहा

जानकारी के मुताबिक पचास साल पुराना यह पुल जर्जर हालत में था, इसलिए इस पर लोगों की आवाजाही नहीं हो रही थी। ऐसे में राधेश्याम सिंह ने ने दिमाग लगाया और पुल को ही गायब कर दिया। राधेश्याम सिंह ने सोचा क्यों न एक हजार किलो लोहे को बेच दिया जाए। पुलिस ने आरोपी से चोरी कांड में इस्तेमाल किए गए बुलडोजर, पिकअप वैन, 247 किलो लोह, दो गैस सिलेंडर और दो गैस कटर को बरामद किया है। पुलिस के मुताबिक आरेजेडी शिव कल्याण ने अपराधियों को बचाने के बदले एसडीओ से दस हजार रुपये लिए थे।

ऐसे रची साजिश

आरोपी राधेश्याम सिंह ने अपने विभाग के कुछ कर्मचारियों को इस चोरी के लिए तैयार किया। इसके बाद तय समय पर जेसीबी, कटर वगैरह लेकर सब मौके पर पहुंच गए। पुलिस चोरी अंजाम देने वाले सभी सरकारी कर्मचारियों ने अपना परिचय मजदूर के तौर पर दिया जिससे उन्हें किसी के विरोध का सामना नहीं करना पड़ा। इसके बाद ये चोर सारा माल लोड कर उड़ा ले गए।

राधेश्याम सिंह को लग रहा था कि पुल जर्जर है और किसी के काम का नहीं है और लोग भी उस पर आवाजाही नहीं कर रहे हैं, तो इस कांड को आसानी अंजाम दिया जा सकता है और बचा जा सकता है। लेकिन यही उसकी गलती साबित हुई उसका भंडाफोड़ हो गया।

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