उत्तरकाशी में क्रिसमस की तैयारी कर रहे ईसाइयों पर विश्व हिंदू परिषद के लोगों ने किया हमला और तोड़फोड़, लगाया धर्मांतरण का आरोप

Conversion in Uttarakhand : आरोप है कि क्रिसमस की तैयारियों के लिए एकजुट हुए थे तो आयोजन की खबर मिलने पर विश्व हिंदू परिषद के कार्यकारी अध्यक्ष वीरेंद्र कुमार कुछ लोगों को लेकर मौके पर बवाल की नियत से पहुंच गया, जहां उसने सामूहिक धर्मांतरण का आरोप लगाते हुए आयोजनकर्ताओं के साथ मारपीट करते हुए कार्यक्रम स्थल पर जमकर तोड़फोड़ करनी शुरू कर दी...

Update: 2022-12-25 12:45 GMT

Conversion in Uttarakhand : उत्तराखंड के पहाड़ी जिले उत्तरकाशी में क्रिसमस मनाने की तैयारी कर रहे लोगों पर सामूहिक धर्मांतरण का आरोप लगाते हुए हिंदू संगठनों ने उनसे जमकर मारपीट कर दी। इस दौरान ईसाई धर्म के प्रवर्तक ईसामसीह के लिए भी अपशब्दों का प्रयोग किया गया। हिंदू संगठनों ने जमकर बवाल के बाद पुरोला शहर में विरोध प्रदर्शन भी किया। पुलिस ने इस मामले में एक नामजद समेत ईसाई मिशनरी के कुछ लोगों तथा विश्व हिंदू परिषद के जिलाध्यक्ष सहित अन्य आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है।

मामला उत्तरकाशी जिले के पुरोला का है, जहां पुरोला से लगे देवढुंग क्षेत्र में एक एनजीओ के नवनिर्मित भवन के बाहर कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा था। इस कार्यक्रम में एक ईसाई मिशनरी से जुड़े कुछ लोगों के साथ नेपाली मूल और स्थानीय लोग भी शामिल हुए थे। बताया जा रहा है कि यह लोग क्रिसमस की तैयारियों के लिए एकजुट हुए थे। इस आयोजन की खबर मिलने पर विश्व हिंदू परिषद के कार्यकारी अध्यक्ष वीरेंद्र कुमार को लगी तो वह कुछ लोगों को लेकर मौके पर बवाल की नियत से पहुंच गया, जहां उसने सामूहिक धर्मांतरण का आरोप लगाते हुए आयोजनकर्ताओं के साथ मारपीट करते हुए कार्यक्रम स्थल पर जमकर तोड़फोड़ करनी शुरू कर दी।

चर्च की शिकायत पर दर्ज एफआईआर

इतना ही नहीं इन लोगों ने ईसाई धर्म के प्रवर्तक ईसा मसीह को भी अपशब्द कहने शुरू कर दिए। मारपीट के बाद इन लोगों ने कार्यक्रम के आयोजकों पर सामूहिक धर्मांतरण की तोहमत मढ़ते हुए हंगामा खड़ा करना शुरू कर दिया। बाद में विवाद को बढ़ाने के उद्देश्य से इन लोगों ने नगर में जुलूस निकालकर कुमोला तिराहे पर चक्का जाम कर कार्यक्रम के आयोजकों के खिलाफ कार्रवाई की मांग शुरू कर दी। मारपीट व तोड़फोड़ करने के बाद इन लोगों ने एसडीएम के माध्यम से पुलिस को भी एक शिकायत दी, जिसमें इन्होंने आरोप लगाया कि देवढुग के रेवसाड़े नामे तोक में जगदीश (नेपाली मूल) के मकान में ईसाई मिशनरी के कुछ लोगो द्वारा कुछ स्थानीय लोगो्ं को लालच / प्रलोभन देकर बहला फुसलाकर धर्मान्तरण कर ईसाई बनाया जा रहा था।

धर्मांतरण रोकने का दावा करने एवं सत्यता जानने के लिए कुछ क्षेत्रीय जनप्रतिनिधि एवं धार्मिक संगठनों (हिन्दू) के प्रतिनिधि वहां गये। उन्होंने आरोप लगाया है कि आयोजित कार्यक्रम के बारे में जानकारी जुटाने की कोशिश कर रहे थे, इतने में ईसाई मिशनरी के पादरी एवं धर्मान्तरण करने के लिए बाहर से आये और उनके अन्य सहयोगी तथा जगदीश नेपाली और उसके लड़के ने गाली गलौच करना शुरु कर दिया।

हिंदू संगठनों का आरोप है कि देखते ही देखते लाठी डंडों से हमला कर दिया, जिसमे वीरेंद्र सिंह रावत पुत्र सुरपाल सिंह एवं श्रीमती सम्पता देवी को चोट आई। शिकायत में कहा गया है कि यह घटना तब हुई जब काजल पुत्री चन्द्रमोहन निवासी गांधीनगर (पुरोला) ने यह बताया कि मुझे भी धर्मान्तरण के लिए धोखे से बुलाया, जोकि सच्चाई जानकर वहां से निकल गई।

पुलिस ने विश्व हिंदू परिषद के कार्यकारी अध्यक्ष वीरेंद्र सिंह रावत की तहरीर पर पुलिस ने नेपाली मूल के जगदीश सहित ईसाई मिशनरी के कुछ लोगों के खिलाफ भारतीय दण्ड संहिता की धारा 153 ए, 323, 504 तथा उत्तराखंड धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम 2018 की धारा 3 के तहत मामला दर्ज कर लिया है।

विश्व हिंदू परिषद की ईसाई मिशनरी के खिलाफ की गयी धर्मांतरण की शिकायत और उस पर दर्ज एफआईआर

दूसरी ओर मसूरी यूनिन चर्च के लाजरस कुसनिलृस ने भी इन लोगों के खिलाफ पुलिस में मुकदमा दर्ज करवाया है। लाजरस कुसनिलृस की ओर से दी गई शिकायत में कहा गया है कि वह ग्राम छिबाला पुरोला में अपने ट्रेनिंग सेन्टर का उद्घाटन करने तथा सेंटर का निरीक्षण करने आए थे, जहां हमने भोजन का भी प्रबन्ध किया था। इतने में वहां पर कुछ असामाजिक तत्व पहुंच गए, जिसमें विरेन्द्र सिंह पुत्र स्वरुपाल सिंह निवासी कोटी, अनिल असवाल ग्राम पुरोला, बलदेव भण्डारी ग्राम करड़ा, लोकेश उनियाल, मीना सेमवाल ग्राम छिवाला के साथ करीब सौ-डेढ़ सौ लोग शामिल थे। इन लोगों ने आकर मेरे साथ मारपीट शुरू कर दी, जिसमें मेरी आंख पर चोट आई। साथ ही मुझे छाती पर भी लात-घूंसों से पीटा गया।

यूनिन चर्च द्वारा दर्ज करायी गयी शिकायत के मुताबिक कुछ और लोगों के साथ भी इनके द्वारा मार-पिटाई की गई। मारपीट के साथ ही इन लोगों ने पत्थरों और लाठी डंडे से मेरे ट्रेनिक सेन्टर में भी तोड़फोड़ कर उसे ध्वस्त कर दिया। मेरी गाड़ी के शीशों को भी तोड़ते हुए हमें जान से मारने की धमकी दी गई। इन लोगों ने हम में से कुछ लोगो के फोन भी छीन लिये गये, जो अभी तक वापस नहीं दिए गए हैं।

इन लोगों के द्वारा हमारे परमेश्वर ईसा मसीह के लिए अभद्र टिप्पणी करते हुए कहा कहा गया कि "जो परमेश्वर मर गया, अपने को नही बचा सका वह आपको क्या बचायेगा।" इसके साथ ही हम पर इनके द्वारा धर्मान्तरण करने का झूठा आरोप भी लगाया गया है। इसी के लिए हमारे साथ यह मार पिटाई की गयी है।

पुलिस ने लाजरस कुसनिलृस की इस तहरीर के आधार पर आरोपी विरेन्द्र सिंह, अनिल असवाल, बलदेव भण्डारी, लोकेश उनियाल, मीना सेमवाल आदि के खिलाफ भारतीय दण्ड संहिता की धारा 153ए, 323, 504, 506, 427, 147 के तहत मुकदमा दर्ज मामले की जांच शुरू कर दी है।

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