दलितों पर पिछड़े वर्ग के हिंदुओं का ज़ुल्म, कहां हैं हिंदुओं की राजनीति करने वाले भाजपाई और संघी

इस घटना पर भी हिंदू संगठन और आईटी सेल चुप रहेंगे, बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद कोई ज्ञापन नहीं देगी, भाजपा का अनुसूचित मोर्चा भी प्रदर्शन नहीं करेगा....

Update: 2021-07-10 12:52 GMT

(इस प्रकार की दुःखद घटनाओं में निरंतर बढ़ोतरी हमारे मानव होने की विफलता की ध्योतक है ही, समाज के एक गिरोह में बदल जाने का संकेत भी है।)

सामाजिक कार्यकर्ता भँवर मेघवंशी की टिप्पणी

जनज्वार। मॉब लिंचिंग के प्रयास के यह फ़ोटो और विडियो राजस्थान के भीलवाड़ा जिले के माण्डलगढ़ थाना क्षेत्र का है, जो आज सुबह से वायरल हो रहा है। पीड़ित और उत्पीड़क सब हिंदू ही है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार जिसको घेर कर तथा पेड़ से बांध कर मारा जा रहा है और गुप्तांगों में नमक मिर्ची डालने की कोशिश की गई। वह दलित बच्चा मोहनपुरा धोरेला का रमेश बलाई बताया जा रहा है, जिसके पिता की मृत्यु हो चुकी है और माँ बुजुर्ग है। पीड़ित पर बकरी चोरी का आरोप लगाया जा रहा है, जिसको वह क़सम खा कर नकार रहा है।

पीड़ित बच्चा हिंदू बलाई समुदाय का है, मॉब लिंचिंग में जुटे लोगों के नाम बाबू लाल तेली, प्यार चंद कुम्हार आदि सामने आए है, मतलब आरोपी हिंदू तेली और हिंदू कुम्हार है। ज़ुल्म दलित हिंदू पर और ज़ालिम पिछड़े वर्ग के हिंदू !

इस घटना पर भी हिंदू संगठन और आईटी सेल चुप रहेंगे। बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद कोई ज्ञापन नहीं देगी? भाजपा का अनुसूचित मोर्चा भी प्रदर्शन नहीं करेगा, संघ परिवार का कोई भी संगठन कुछ नहीं बोलेगा क्योंकि सामने दूसरे धर्म के लोग नहीं है। अगर मुसलमान होते तो वे ज़रूर हल्ला मचाते, पर सम्मुख स्वधर्मी हैं, तो वे भी क्या और क्यों बोलेंगे ?

इस प्रकार की दुःखद घटनाओं में निरंतर बढ़ोतरी हमारे मानव होने की विफलता की ध्योतक है ही, समाज के एक गिरोह में बदल जाने का संकेत भी है। लोग अब रक्त पिपासु भीड़ में बदल चुके है। हर तरफ़ हिंसा का माहौल है।

शासन प्रशासन और क़ानून की तो बात ही क्या की जाये, उसके होने के कोई आसार नहीं नज़र आते। ऐसा लगता है कि प्रदेश में क़ानून और व्यवस्था पूरी तरह फेल हो चुकी है। अपराधियों में इतना आत्मविश्वास आ चुका है कि वे पेरेलल सरकार चला रहे हैं। गहलोत साहब सख़्ती बरतिये, वरना जंगल राज जैसी स्थित हो जायेगी।

दलितों पर बढ़ रहे ज़ुल्म बेहद चिंताजनक है। ऐसी निर्मम घटनाओं के ख़िलाफ़ एकजुट होकर आवाज़ उठानी होगी। पीड़ित दलित परिवार इतना भयभीत है कि उनकी तरफ़ से पुलिस को कोई शिकायत तक नहीं की गई है।

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