बिहार जहरीली शराब कांड के मास्टरमाइंड रामबाबू महतो को दिल्ली पुलिस ने किया गिरफ्तार, 80 लोगों की हुई थी मौत
दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच के मुताबिक बिहार शराब कांड में पकड़े गए मास्टरमाइंड का नाम रामबाबू महतो है, जिसकी उम्र 35 साल है। आरोप यह भी है कि उसने जहरीली शराब कैमिकल डालकर तैयार की थी...
जहरीली शराब पीकर मरने वालों के परिजनों से मिलते पप्पू यादव
पिछले दिनों बिहार का शराब कांड मीडिया की सुर्खियां बना था, जिसे पीने से लगभग 100 लोगों की मौत हो गयी थी। आज 31 दिसंबर को दिल्ली पुलिस ने कथित तौर पर उसके मास्टरमाउंड को गिरफ्तार किया है। बिहार जहरीली शराब कांड के लिए दोषी बताये जाने वाले रामबाबू महतो के खिलाफ पहले से 7 आपराधिक मामले दर्ज हैं।
दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच के मुताबिक बिहार शराब कांड में पकड़े गए मास्टरमाइंड का नाम रामबाबू महतो है, जिसकी उम्र 35 साल है। आरोप यह भी है कि उसने जहरीली शराब कैमिकल डालकर तैयार की थी।
पुूलिस का यह भी दावा है कि वह पिछले कुछ दिनों से दिल्ली के द्वारका इलाके में छुपकर रह रहा था। दिल्ली क्राइम ब्रांच में तैनात इंस्पेक्टर संजय कुमार की टीम को सूचना मिली थी कि बिहार शराब कांड का आरोपी रामबाबू महतो पिछले कुछ समय से द्वारका इलाके में छुपकर रहा है, जिसके आधार पर क्राइम ब्रांच की टीम ने आरोपी को शुक्रवार 31 दिसंबर की देर रात गिरफ्तार किया।
गौरतलब है कि बिहार में जहरीली शराब बनाने में माफियाओं का एक पूरा तंत्र लगा हुआ है, जिसे प्रशासन का भी समर्थन हासिल है। स्थानीय थाना शक के घेरे में है, लेकिन केवल यह मशरख थाने की बात नहीं है, बल्कि आज पूरे राज्य में प्रशासन व शराब माफिया गठजोड़ ही जहरीली शराब के जरिए मौत का यह कारोबार कर रहा है।
शराब कांड में पुलिस और प्रशासन पर भी शराब कांड में तमाम आरोप लगे थे। पीड़ित परिवारों ने आरोप लगाये कि उनको पुलिस प्रशासन द्वारा धमकी दी जा रही है और दबाव बनाया जा रहा है कि वो लोग कहें जहरीली शराब से हुई मौत को ठंड से हुई मौत बताएं। साथ ही ऐसा नहीं करने पर उन्हें फंसाने की धमकी दी जा रही है। पीड़ितों का आरोप है कि लगातार पुलिस मुआवजे का लालच दे रही है, लेकिन सीएम नीतीश कुमार ने तो मुआवजा देने से साफ मना कर दिया है। सारण जिले के एक पीड़ित परिवार के सदस्य ने इसकी जानकारी मीडिया के साथ साझा की थी।
नकली शराब मामले की जांच के लिए गठित एसआई टीम ने 20 से अधिक लोगों को पकड़ा है। सभी से पूछताछ हो रही है। छपरा में जहरीली शराब से मौतों का सिलसिला शुरू हुआ था। पहले छपरा, फिर भागलपुर और उसके बाद सीवान में जहरीली शराब से मौतें हुई हैं। प्रशासन की सर्वे टीम प्रभावित इलाकों में घर-घर जाकर पीड़ितों की पहचान कर उन्हें अस्पताल लेकर गई। बिहार सरकार अपने आंकड़ों में सिर्फ 30 लोगों की मौत बता रही थी, यह कई गुना ज्यादा लगभग 100 के करीब था।
शराब कांड के बाद बीजेपी विधायकों ने नीतीश सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। विधानसभा अध्यक्ष के आदेश पर मार्शलों ने बीजेपी विधायकों के हाथों से पोस्टर छीने। सदन में नेता प्रतिपक्ष विजय सिन्हा का माइक बंद कर दिया गया। विपक्षी विधायकों के हंगामे को देखते हुए सदन की कार्यवाही को 30 मिनट के लिए स्थगित कर दिया गया था। छपरा का मामला आते ही सबसे पहले 14 दिसंबर को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार विधानसभा में भड़क गए थे।