सुख शांति पर प्रवचन देने वाला धार्मिक गुरु चरण सिंह फरीदाबाद से गिरफ्तार, ठगी और फ्रॉड रहा है उसका प्रिय धंधा

Delhi News : प्रवचन देने वाला धार्मिक गुरु चरण सिंह का संबंध राय सिख परिवार है। देश विभाजन के समय उनके पूर्वज पाकिस्तान से आकर दिल्ली में बस गए थे।

Update: 2022-11-12 04:26 GMT

नई दिल्ली। दिल्ली के अलीपुर इलाके में चोरी के 31 साल पुराने मामले के दो घोषित अपराधियों में से एक ने पुलिस से बचने के लिए अपना चोला बदल लिया और सुख शांति पर प्रवचन देने वाला धार्मिक गुरु बन गया। वह इलाके में बाबा ( Baba ) के नाम से लोकप्रिय हो गया, लेकिन आउटर नार्थ दिल्ली पुलिस ( Delhi Police ) ने आपरेशन प्रहर ( Operation Prahar ) के तहत उसे हरियाणा ( Haryana ) के फरीदाबाद ( Faridabad ) जिले के दसदिया गांव से गिरफ्तार कर लिया है। चोरी के आरोपी और धर्म गुरु का पार्टनर अर्जुन सिंह को भी पुलिस ने उसकी निशानदेही पर गिरफ्तार कर लिया है।

31 साल पहले अलीपुर में चोरी की एक घटना को अंजाम देने के बाद चरण सिंह फरार हो गया। वह अलीपुर इलाके से फरीदाबाद के ग्रामीण इलाकों में शिफ्ट हो गया था। दो में से एक अर्जुन सिंह ने अदालती रिकॉर्ड में मृत घोषित है। दूसरा चरण सिंह ( Charan singh alias baba )  हिंदू धर्मगुरु बन गया। बाबा के नाम से एक उपदेशक के रूप में काम कर रहा था। वह अपने शिष्यों के बीच बाबा के नाम से लोकप्रिय था। दिल्ली पुलिस ने बताया कि बाबा की पहचान 51 वर्षीय चरण सिंह के रूप में हुई है जो फरीदाबाद के रहने वाले हैं।

अदालत ने 1998 में कर दिया था भगौड़ा घोषित

चौंकाने वाली बात यह है कि अदालती कार्यवाही के दौरान अर्जुन सिंह ने खुद मृत घोषित कर दिया था। पुलिस ने कहा कि उसे फरीदाबाद के ददसिया गांव के एक वन क्षेत्र में चार दिन तक तक चले अभियान में पकड़ा गया। दिल्ली की तीस हजारी अदालत ने 15 जुलाई 1998 को दोनों को भगोड़ा घोषित किया था।

चरण सिंह उर्फ बाबा के हैं 500 अनुयायी

दरअसल, दोनों की गिरफ्तारी आपरेशन प्रहर के तहत हुई है। प्रहर आपरेशन के तहत दिल्ली पुलिस बवाना थाना पुलिस ने जिले के भगोड़े अपराधियों की सूची पर काम कर रही थी। इसी क्रम में पुलिस की एक टीम फरीदाबाद के इस्मायला गांव पहुंची। पुलिस को पता चला कि अर्जुन का परिवार शेरपुर गांव में बस गया था। जब पुलिस टीम शेरपुर गई तो पाया कि चरण सिंह पास के एक आश्रम में हिंदू धर्म का उपदेशक है और आश्रम में रहता है। उसके 500 से अधिक अनुयायी हैं जो उसके पास इलाज के लिए आते रहते हैं। पुलिस उपायुक्त (बाहरी उत्तर) देवेश कुमार महला ने बताया कि पुलिस ने चरण सिंह को उसके आश्रम से गिरफ्तार किया।

महला ने कहा कि चरण ने पूछताछ में बताया कि अर्जुन जीवित है, तो उसकी निशानदेही पर उसे भी गिरफ्तार कर लिया गया। आउटर नार्थ के डीसीपी देवेश कुमार महला ने बताया कि अर्जुन सिंह अकेले रहता है और जंगलों से चोरी की लकड़ी बेचता है।

पुलिस ( Delhi Police ) ने प्रहर आपरेशन के तहत दोनों को गिरफ्तार किया है। इसके लिए बवाना थाना एसएचओ राकेश यादव के नेतृत्व में एक टीम का गठन किया गया था। जांच पड़ताल में पुलिस को झंगोला गांव दिल्ली आवास का पता हाथ लगा। गांव से टीम को पता चला कि यहां पर सिख परिवार के लोग रहते हैं कि जो देश विभाजन के समय पाकिस्तान से यहां आकर रहने लगे थे। जांच आगे बढ़ने पर पता चला कि अर्जुन सिंह का जमानतदार उसका रिश्तेदार था, जो उसके संपर्क 25 साल से नहीं है। इस बीच पहली पत्नी की मौत के बाद अर्जुन सिंह ने दूसरी शादी कर ली। जांच के दौरान लोगों ने बताया कि फरीदाबाद के इस्मायला के कुछ लोगों से उसके ताड़ जुड़े मिले। वहां पर लोगों ने बताया कि अर्जुन सिंह के परिवार के कुछ सदस्य शेरपुर गांव में बस गए थे।

देश विभाजन के समय चरण का परिवार पाकिस्तान से आ गया था दिल्ली

शेरपुर में जांच पड़ताल के बाद पता चला कि राय सिख परिवार के लोग तीन पुनर्वास कॉलोनियों में बस गए। इनमें शेरपुर खादर, शेरपुर थाडर और शेरपुर सदर शामिल हैं। चार दिनों तक पूछताछ के बाद पता चला कि चरण सिंह पास के ही गांव में रहता है। अब वह उपदेशक बन गया है। उसके 500 से ज्यादा अनुयायी हैं। इसके बाद टीम आश्रम पहुंची और चरण सिंह को गिरफ्तार कर लिया। चरण सिंह ने ही अर्जुन सिंह के बारे में खुलासा किया कि वो जिंदा है और दासदिया गांव में रहता है।

बता दें कि आजादी के समय जब देश का विभाजन हुआ था कि राय सिख के कुछ परिवार पाकिस्तान से यहां आ गए थे। राय सिख परिवार से ही चरण सिंह और अर्जुन सिंह जुड़ा है।

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