Deoria Crime News : जमीन विवाद को लेकर दो पक्षों में चली गोली, दो सगे भाइयों की मौत सहित आधा दर्जन से अधिक घायल

सीओ देवआनंद ने बताया कि रास्ते के विवाद को लेकर गोली चली है। जिसमें गोली लगने से रमेश और कोकिल की मौत हो गई। जबकि घायलों को इलाज के लिए भेजा गया है...

Update: 2021-11-23 09:24 GMT

(विवाद के बाद ग्रामीणों से घटना की जानकारी लेती पुलिस)

Deoria Crime News : यूपी के जनपद देवरिया से एक सनसनीखेज मामला सामने आया है। जिले के बरहज थाना क्षेत्र स्थित चकरा नोनार गांव में मंगलवार की सुबह दो पक्षों में पुराने विवाद को लेकर मारपीट के बाद फायरिंग शुरू हो गई। जिसमें 45 वर्षीय रमेश यादव और 35 वर्षीय कोकिल यादव पुत्र गण लालधारी समेत नौ लोग घायल हो गए। सभी को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां रमेश और कोकिल दो सगे भाइयों की मौत हो गई। चिकित्सकों ने हालत गंभीर देख चार को मेडिकल कालेज गोरखपुर के लिए रेफर कर दिया।

जानकारी के मुताबिक, चकरा नोनार गांव में लल्लन और हंसनाथ यादव के बीच करीब 20 साल से रास्ते का विवाद चल रहा है। विवाद को लेकर हुई कहासुनी के बाद फायरिंग में रमेश यादव, कोकिल यादव, बेचू यादव (70), राजा यादव, देवानंद (16), शिवानंद (20), अंकित (15), लालधारी (60), विनोद घायल हो गए। जिन्हें इलाज के लिए जिला अस्पताल ले जाया गया।

चिकित्सकों ने बेचू, राजा, देवानंद, अंकित को मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया। ग्रामीणों के अनुसार, कोकिल का बागीचे और गांव में मकान है। वह सुबह गांव वाले घर से बागीचा स्थित मकान पर जा रहे थे। रास्ते में हंसनाथ के घर के लोगों से कोकिल की कहासुनी होने लगी।

गांव में मचा हड़कंप

लालजी के ललकारने पर मारपीट शुरु हो गई। जानकारी होने पर कोकिल के घर के लोग भी पहुंच गए। मारपीट में लाइसेंसी असलहा और तमंचा निकल गया और ताबड़तोड़ फायरिंग होने लगी। गोलियों की तड़तड़ाहट से गांव में अफरातफरी मच गई।

सूचना पर एसडीएम ध्रुव शुक्ल, सीओ देव आनंद, प्रभारी थानाध्यक्ष सुभाष चंद्र पांडेय फोर्स के साथ मौके पर पहुंच गए। सीओ देवआनंद ने बताया कि रास्ते के विवाद को लेकर गोली चली है। जिसमें गोली लगने से रमेश और कोकिल की मौत हो गई। जबकि घायलों को इलाज के लिए भेजा गया है।

विवाद को लेकर दर्जनों बार हुई पंचायत

बरहज क्षेत्र के चकरा नोनार गांव में पूर्व प्रधान और सेवानिवृत्त शिक्षक लल्लन यादव और हंसनाथ के घर से रास्ते का विवाद चला आ रहा है। लोगों का कहना है कि साल 2000 में प्रधान बनने पर लल्लन यादव ने गांव के मुख्य सड़क से बैजनाथ के मकान तक लोगों के आने-जाने के लिए अपने जमीन में रास्ता निकाला था। बाद में जिस पर खड़ंजा कराने को लेकर विवाद होने लगा। विवाद में करीब 25 बार दोनों पक्षों में पंचायत हो चुकी है। पूर्व प्रधान लल्लन का 10 दिन पूर्व निधन हो गया था। जिनका 26 नवंबर को ब्रह्मभोज है।

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