कानपुर नारी संरक्षण गृह में दुष्कर्म होने जैसी खबरें साबित हुईं मनगढ़ंत, पुलिस ने दर्ज कराया मुकदमा

खबर अगर गरीब की हो और मामला दुष्कर्म का हो तो मीडिया उसे ऐसे बेचने में लग जाती है मानो वह किसी की पीड़ा नहीं, ठेले पर लगी चाट-पकौड़ी हो और कानपुर नारी संरक्षण गृह मामले भी यही हुआ है...

Update: 2020-06-25 11:13 GMT

मनीष दुबे की रिपोर्ट

कानपुर, जनज्वार। उत्तर प्रदेश के कानपुर स्थित सरकारी शेल्टर होम की गर्भवती बालिकाओं को लेकर लखनऊ तक हंगामा मचा हुआ है। सब तरफ एक ही सवाल तैर रहा कि आखिर यह लड़कियां गर्भवती कैसे हो गईं। अधिनियम की बाध्यता है कि पहचान गोपनीय रखनी है, बावजूद इसके कुछ लोग नाम तक उजागर करने को उतावले दिख रहे हैं। सोशल मीडिया पर लगातार प्रचारित किया गया कि ये लड़कियां शेल्टर होम में आकर ही गर्भवती हुई हैं। तथ्यहीन खबरें प्रसारित—प्रचारित करने वालों के खिलाफ योगी प्रशासन सख्त हुआ है और अज्ञात के खिलाफ 23 जून को एफआईआर दर्ज की है।

चूंकि ये सभी किशोरियां भारतीय दंड संहिता की भुक्तभोगी पीड़िताएं हैं, परिवार के साथ जाने से इनकार के बाद इन्हें यहां लाया गया था। इनमें दो कानपुर की तथा 5 अन्य जिलों से लाई गई लड़कियां हैं।

हर कोई गर्भवती बालिकाओं को लेकर सनसनी रच रहा है, जबकि उन बालिकाओं की तरफ अधिक ध्यान देने की जरूरत है जो कोरोना संक्रमित निकली हैं। कोरोना जैसी खतरनाक बीमारी से पीड़िताओं की खबर सनसनियों के बीच दबकर रह गई है।

इस बारे में डीएम कानपुर नगर ब्रह्मदेव राम तिवारी कहते हैं, मेडिकल और बालकल्याण समिति के आदेशों के बाद ही बालिकाओं को रखा जाता है। बालिका गृह में आने से पूर्व इन बालिकाओं की यूपीटी जांच हुई थी, जो पॉजिटिव आई थी। यहां कोरोना का संक्रमण कैसे आया, इसका पता लगाने का प्रयास किया जा रहा है।


इन तारीखों में लाई गईं थीं शेल्टर होम में पहले से गर्भवती लड़कियां

●30 नवंबर 2019: कानपुर की गर्भवती किशोरी को यहां लाया गया था। बहला-फुसलाकर भगा ले जाने के बाद पुलिस उसे यहां लेकर आई थी।

●3 दिसम्बर 2019 : आगरा से एक किशोरी को यहां लाया गया था। मेडिकल में उसके गर्भवती होने की पुष्टि हुई थी। स्वजनों द्वारा दुष्कर्म और पॉक्सो के मामले में किशोरी को लाया गया था।

●19 दिसम्बर 2019 : कन्नौज से एक किशोरी को बाल कल्याण समिति के आदेश के बाद भेजा गया था। मेडिकल परीक्षण में वह गर्भवती पाई गई। उसे भी पॉक्सो आदि मुकदमे के बाद ढूंढा गया था।

●23 जनवरी 2020 : एटा से लाई गई किशोरी मेडिकल में गर्भवती मिली थी। उसे भी पॉक्सो एक्ट के मुकदमे के बाद ढूंढा गया था।

●16 फरवरी 2020 : फिरोजाबाद से यहां लाई गई किशोरी का जब यहां मेडिकल हुआ तो वह गर्भवती पाई गई। वह भी बहला-फुसलाकर भगा ले जाने की पीड़ित थी।

●23 फरवरी 2020: एटा के मेडिकल में मिली लड़की गर्भवती थी जिसे यहां लाया गया था।

●9 जून 2020 : कानपुर की किशोरी का बालिका गृह भेजने के दिन ही मेडिकल कराया गया जिसमें वह गर्भवती मिली थी।

कानपुर न्यायालय की वरिष्ठ अधिवक्ता आकृति दवे जनज्वार से हुई बातचीत में कहती हैं कि जो किशोरियां घर से भागकर प्रेम विवाह अथवा दुष्कर्म की पीड़िता होती हैं, उन्हीं को यहां रखा जाता है। वह इसलिए कि किसी के स्वजन उसे ले नहीं जाना चाहते या फिर लड़की खुद अपने परिजनों के साथ नहीं जाना चाहती। इन हालातों में उसे बालिग हो जाने की अवस्था तक यहां रखा जाता है।

मीडिया रिपोर्ट को लेकर अज्ञात के खिलाफ दर्ज हुआ मुकदमा

सोमवार 22 जून की देर रात हिंदी खबर के पत्रकार की पिटाई के बाद जिला प्रोबेशन अधिकारी ने मीडिया में छप रहीं रिपोर्टों के खिलाफ 23 जून को स्वरूप नगर थाने में मुकदमा पंजीकृत कराया है। दर्ज मुकदमे में कहा गया है कि जनपद कानपुर नगर के थाना स्वरूप नगर स्थित राजकीय बालिका गृह में पाई गई 57 कोरोना पॉजिटिव में से 7 लडकिया प्रेग्नेंट हैं, जिनमे दो कानपुर तथा अन्य 5 अन्य जिलों से लाकर रखी गई हैं। ये सभी लड़कियां पॉक्सो एक्ट में पीड़ित हैं। संस्था में प्रवेश से पहले ही सभी युवतियों का प्रेग्नेंसी टेस्ट करवाया जाता है। उक्त सभी लड़कियां संस्था में प्रवेश से पहले ही प्रग्नेंट थीं, जिनके रिकॉर्ड इनके पत्रावलियों में रक्षित हैं।

एफआईआर में आगे लिखा गया है कि दिनांक 21 जून 2020 से बिना किसी आधिकारिक सूचना के संस्था में रहने वाली 2 नाबालिगों के आठ माह से गर्भवती सहित एचआईवी व हेपेटाइटिस से पीड़ित होने की सूचना का प्रसारण किया जा रहा है, जिससे संस्था में रह रही युवतियों के स्थान की पहचान, उनकी अस्मिता व सम्मान को ठेस पहुंचाकर उनके विषय में भ्रामक, तथ्यहीन व झूठी खबरें प्रसारित कर बालिकाओं के सम्मान, गरिमा को दूषित किया गया। साथ ही प्रशाशन की छवि को धूमिल करने का प्रयास किया जा रहा है।

वर्तमान में विश्वव्यापी महामारी के संचरण की स्थिति में आपदा प्रबंधन अधिनियम के प्रावधानों का उल्लंघन कर लोक सेवको के सरकारी कार्यों में बाधा पहुंचाई गई है, जिनके स्क्रीन शॉट, कटिंग, ट्विटर की प्रति संलग्न हैं। जिला प्रोबेशन अधिकारी द्वारा दी गई शिकायत के आधार पर थाना स्वरूप नगर में मुकदमा संख्या 0135/2020 की धारा 188/228A/505 IPC, 74 जेजे एक्ट 2015, 23 पॉक्सो एक्ट व महामारी अधिनियम (3) सहित आपदा प्रबंधन 2005 की धारा 51 में अज्ञात के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत करवाया गया है।

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