Gurugram News : दक्षिणपंथी हिंदुत्ववादी संगठनों के विरोध के बाद प्रशासन ने रद्द की 8 स्थानों पर नमाज अदा करने की अनुमति

Gurugram News : प्रशासन ने मंगलवार 2 नवंबर को इन 37 निर्धारित स्थलों में से 8 की अनुमति वापस ले ली। गुरुग्राम पुलिस ने एक बयान में कहा कि अधिकारियों ने लोकल रेसीडेंट्स और रेसीडेंट्स वेल्फेयर एसोसिएशन्स की आपत्ति के बाद यह फैसला लिया है।

Update: 2021-11-03 10:03 GMT

(गुरुग्राम में खुले में नमाज के विरोध में प्रदर्शन करते स्थानीय निवासी)

Gurugram News : हरियाणा के गुरुग्राम में दक्षिणपंथी हिंदुत्ववादी समूहों (Right-Wing Groups) के विरोध के बाद प्रशासन (Gurugram Administration) ने खुले में नमाज अदा करने की अनुमति को रद्द कर दिया। इससे पहले गुरुग्राम पुलिस (Gurugrame Police) ने 26 दक्षिणपंथी प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया था। बता दें कि मई 2018 में प्रशासन द्वारा हिंदू और मुस्लिम समुदायों (Hindu And Muslim Community) के सदस्यों के साथ परामर्श के बाद 37 स्थलों को नमाज के लिए निर्धारित किया गया था।

प्रशासन ने मंगलवार 2 नवंबर को इन 37 निर्धारित स्थलों में से 8 की अनुमति वापस ले ली। गुरुग्राम पुलिस ने एक बयान में कहा कि अधिकारियों ने लोकल रेसीडेंट्स और रेसीडेंट्स वेल्फेयर एसोसिएशन्स की आपत्ति के बाद यह फैसला लिया है।

द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक गुरुग्राम के डिप्टी कमिश्नर यश गर्ग ने एक सब डिविजनल मजिस्ट्रेट, एक एसीपी स्तर के पुलिस अधिकारी, हिंदू-मुस्लिम समुदायों के सदस्य और सामाजिक संगठनों की एक समिति का गठन किया ताकि उन स्थानों की पहचान की जा सके जहां शुक्रवार की नमाज भविष्य में की जा सकती है।

गर्ग ने कहा, पिछले दो दिनों में मैंने दोनों समुदायों के प्रतिनिधिमंडलों से मुलाकात की है। एक समिति का गठन किया गया है और यह आने वाले दिनों में सभी हितधारकों के साथ विचार-विमर्श करेगी और समाधान निकालने की कोशिश करेगी। कमेटी की पहली बैठक बुधवार को होगी।

पुलिस के बयान में कहा गया है, 'समिति यह सुनिश्चित करेगी कि किसी सड़क, चौराहे या सार्वजनिक स्थान पर नमाज न पढ़ी जाए। नमाज के लिए किसी स्थान की पहचान करने या उसे निर्धारित करने का फैसला स्थानीय निवासियों से सहमति लेने के बाद लिया जाएगा। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि क्षेत्र के निवासियों को उस क्षेत्र में नमाज अदा करने का कोई विरोध नहीं है। प्रशासन यह सुनिश्चित करेगा कि फैसले से आम जनता को असुविधा न हो और कानून व्यवस्था बनी रहे। नमाज किसी भी मस्जिद, ईदगाह या किसी निजी/निर्धारित जगह पर पढ़ी जा सकती है।

इसमें आगे कहा गया है कि किसी भी सार्वजनिक या खुले स्थान पर नमाज अदा करने के लिए प्रशासन की अनुमति अनिवार्य है। आदेश जारी होने से कुछ घंटे पहले संयुक्त हिंदू संघर्ष समिति के बैनर तले आए दक्षिणपंथी संगठनों के सदस्यों ने सुबह करीब 11 बजे डीसी से मुलाकात की और इस बात को दोहराया कि वे सभी 37 निर्धारित स्थानों पर नमाज का विरोध करना जारी रखेंगे।

संयुक्त हिंदू संघर्ष समिति के प्रदेश अध्यक्ष महावीर भारद्वाज ने डीसी से मुलाकात के बाद कहा कि उन्हें सूचित किया गया है कि मुस्लिम समुदाय ने निर्धारित स्थानों पर नमाज नहीं पढ़ने का फैसला किया है।

''उन्होंने खुद पीछे हटने का फैसला ले लिया है लेकिन उन्होंने ऐसा क्यों और किसके दबाव में किया..सभी जानते हैं। हमने शुरू से ही यह सुनिश्चित किया है कि सार्वजनिक स्थानों पर नमाज अदा करने के लिए कोई स्थल निर्धारित नहीं किया गया है। 2018 की लिस्ट फर्जी है। इसमें हमारे संगठन के किसी व्यक्ति से हमारी सहमति या हस्ताक्षर नहीं है। हमारी मांग वही है कि किसी भी सार्वजनिक स्थान पर नमाज अदा नहीं की जाएगी। समाधान मिलने तक प्रशासन अगले कुछ हफ्तों के लिए वैकल्पिक व्यवस्था कर सकता है।''

भारद्वाज ने आगे कहा, शुक्रवार को उनका समूह सेक्टर 12 पर गोवर्धन पूजा करेगा, जहां से प्रदर्शनकारियों को 29 अक्टूबर को नमाज बाधित करने के प्रयास में गिरफ्तार किया गया था।

''हमने प्रशासन से उन 26 लोगों के खिलाफ मामला वापस लेने का भी अनुरोध किया है जिन्हें पिछले शुक्रवार को शांतिपूर्ण तरीके से नमाज का विरोध करने पर गिरफ्तार किया गया था। मीट की दुकानों को बंद करने से जुड़े कुछ पुराने मामले भी वापस लिए जाने चाहिए। इसेक बाद ही हम कमेटी में शामिल होंगे। हम पूजा के लिए 5000 से अधिक लोगों की भीड़ जमा होने की उम्मीद कर रहे हैं।''

वहीं मुस्लिम एकता मंच के अध्य7 शहजाद खान ने नमाज की अनुमति को वापस लेने के फैसले को 'असंवैधानिक' बताया। उन्होंने कहा, हम समति की बैठक में इसका विरोध करेंगे। मैं उस दबाव को समझने में विफल हूं जिसके तहत यह फैसला किया गया है। हमने नेकनीयती से अधिकारियों के साथ बैठकें की तीं। इस बात पर सहमति बनी कि अगर हिंदू समुदाय वहां पूजा करना चाहता है तो हम सेक्टर 12 साइट से स्थानांतरित हो जाएंगे। हमने कहा था कि अगर वक्फ बोर्ड की संपत्तियों से अतिक्रमण हटा लिया जाता है तो हम वहां नमाज अदा कर सकते हैं लेकिन यह आदेश उस भावना के खिलाफ है। हम कहां नमाज अदा करेंगे? गुड़गांव में 5 लाख से ज्यादा मुसलमान हैं और नमाज अदा करने के लिए 13 मस्जिदें हैं।

सोमवार 1 नवंबर को मुस्लिम समुदाय ने डीसी से मुलाकात की थी और मांग की थी कि प्रशासन या तो उन्हें मस्जिद बनाने के लिए अतिरिक्त जमीन आवंटित करे या फिर 19 मस्जिदों और वक्फ बोर्ड की संपत्तियों को अतिक्रमण मुक्त कराए। 

संयोग से हाल ही में 30 अक्टूबर को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने उत्तराखंड में भाजपा के चुनावी अभियान की शुरुआत करते हुए कथित तौर पर कहा था कि पहले के कांग्रेस शासन के दौरान उनके काफिले को राज्य के एक राजमार्ग पर रोक दिया गया था क्योंकि सड़क पर नमाज पढ़ी जा रही थी।

शाह ने कहा था, 'मेरे काफिले को रोक दिया गया और मैंने पूछा कि क्या हुआ। उन्होंने मुझे बताया कि शुक्रवार को राष्ट्रीय राजमार्ग बंद रहता है और लोगों को उस पर नमाज पढ़ने की इजाजत होती है। उन्होंने शुक्रवार को छुट्टी घोषित करने के बारे में भी सोचा। तुष्टिकरण करने वाले कभी देवभूमि के लिए काम नहीं कर सकते।'

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