लखनऊ में मौत के घाट उतारा गया हिस्ट्रीशीटर और फर्जी मार्कशीट गैंग का सरगना दुर्गेश समीक्षा अधिकारी का किरायेदार

दुर्गेश के खिलाफ लूट, रंगदारी, फर्जीवाड़े के 8 मुकदमे गोरखपुर में दर्ज थे। वह राजधानी में प्रॉपर्टी डीलर का चोला ओढ़कर रह रहा था, जिस मकान में दुर्गेश यादव रहता था वो सचिवालय के एक समीक्षा अधिकारी का था....

Update: 2020-09-02 11:56 GMT

लखनऊ में मारा गया दुर्गेश प्रॉपर्टी डीलर नहीं हिस्ट्रीशीटर (file photo of Durgesh Yadav)

लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में पीजीआई थानाक्षेत्र में आज बुधवार 2 सितंबर को एक हिस्ट्रीशीटर दुर्गेश की गोली मारकर हत्या कर दी गई। हत्या का मुख्य आरोपी मनीष यादव गिरफ्तार कर लिया गया है।

लखनऊ डीसीपी चारु निगम ने बताया कि लखनऊ पीजीआई थाना क्षेत्र में वृंदावन कॉलोनी में दुर्गेश और उसका भाई साथ में रहते थे। यह गोरखपुर के पूर्वा थाने के हिस्ट्रीशीटर है। दुर्गेश सुबह अपने भाई से मिलने आया था। इस दौरान उससे मिलने मनीष यादव और पलक के साथ कई लोग आए। इन लोगों की आपस में किसी बात को लेकर कहा सुनी हुई। इनकी आपसी झड़प के बाद कुछ लोगों ने इनकी हत्या कर दी। पूरे मामले की जांच की जा रही है। जल्द खुालासा किया जाएगा।

पुलिस ने बताया कि दुर्गेश कोई प्रॉपर्टी डीलर नहीं है। उसके घर में जांच के दौरान स्टांप पेपर, मोहर और ज्वाइनिंग लेटर का मिलना इस बात का सबूत है कि वह जालसाजी का काम करता था।

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, दो स्कॉर्पियों कार से महिला समेत लगभग आधा दर्जन लोग दुर्गेश से मिलने पहुंचे। इस दौरान रुपयों के लेनदेन को लेकर विवाद हुआ। सभी ने दुर्गेश को पीटना शुरू कर दिया। इसी बीच उसे गोली मार दी। उसे गंभीर हालात में ट्रॉमा सेंटर ले जाया गया, जहां उसकी मौत हो गई। सूचना मिलने पर मौके पर पहुंची पुलिस मामले की छानबीन में लगी है। पुलिस ने मुख्य आरोपी मनीष यादव को गिरफ्तार कर लिया है।

किरायेदार ने बताया कि दो स्कॉर्पियों कार से महिला समेत पांच-छह लोग दुर्गेश को खोजते हुए आए। पहले उसके कमरे में किसी बात पर विवाद हुआ। उसके बाद सब लोग बाहर आ गए। इसी दौरान कहासुनी के बाद एक ने दुर्गेश के पेट में गोली मार दी।

पुलिस का कहना है कि दुर्गेश के खिलाफ लूट, रंगदारी, फर्जीवाड़े के 8 मुकदमे गोरखपुर में दर्ज थे। वह राजधानी में प्रॉपर्टी डीलर का चोला ओढ़कर रह रहा था। शुरुआती छानबीन के बाद पुलिस का यह भी कहना है कि जिस मकान में दुर्गेश यादव रहता था वो सचिवालय के एक समीक्षा अधिकारी का था। कमरे में हर जगह खून बिखरा था और इससे साफ हो रहा था कि दुर्गेश और आरोपियों में मारपीट हुई थी। यहां कमरे की तलाशी ली गई तो भारी मात्रा में फर्जी मार्कशीट और नौकरियों से जुड़े हुए दस्तावेज मिले। इतना ही नहीं सचिवालय से जुड़े हुए कई कागजात और मुहर पुलिस ने मौके से बरामद की हैं। आशंका है कि इसके तार सरकारी अधिकारियों से जुड़े हेा सकते हैं, जिनके जरिये वह फर्जी मार्कशीट का धंधा संचालित करता होगा। 

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