उड़ते मजाक से बेपरवाह जयपुर की लड़की ने 'ठाकुरजी' से रचाया ब्याह, बताया- क्यों इंसान से नहीं की शादी

Jaipur News: राजस्थान के जयपुर, गोविंदगढ़ में स्थित गांव नरसिंहपुरा में अनोखी शादी देखने को मिली। इस शादी में 300 लोग शरीक हुए। हाथों में मेहंदी लगाये दुल्हन वरमाला डालकर फेरे लिए। इसके बाद कन्यादान और विदाई भी हुई। इसमें सबसे जो आश्चर्य करने वाला रहा वो दुल्हा था...

Update: 2022-12-14 08:55 GMT

उड़ते मजाक से बेपरवाह जयपुर की लड़की ने 'ठाकुरजी' से रचाया ब्याह, बताया- इसलिए इंसान से नहीं की शादी

Jaipur News: राजस्थान के जयपुर, गोविंदगढ़ में स्थित गांव नरसिंहपुरा में अनोखी शादी देखने को मिली। इस शादी में 300 लोग शरीक हुए। हाथों में मेहंदी लगाये दुल्हन वरमाला डालकर फेरे लिए। इसके बाद कन्यादान और विदाई भी हुई। इसमें सबसे जो आश्चर्य करने वाला रहा वो दुल्हा था। क्योंकि इस अनोखी शादी में दुल्हा कोई इंसान नहीं बल्कि स्वयं ठाकुरजी मूर्तिरूप में विराजमान थे।  

तीस वर्षीय पूजा सिंह ने गांव के ही मंदिर में विराजमान भगवान ठाकुरजी की मूर्ति से शादी कर ली। शादी बीती आठ दिसंबर को हुई थी। शादी के बाद पूजा अपने घर में रहती है और ठाकुरजी मंदिर में निवास करते हैं। पूजा सुबह उनके लिए भोग इत्यादि लेकर जाती है। शाम को उनके लिए पोशाक बनाकर दर्शन करने जाती है। 

शादी ना करने का लिया निर्णय

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, 30 साल की हो चुकू पूजा के घर में 25 साल की उम्र से उसकी शादी की चर्चा होने लगी थी। लोग उसके मम्मी-पापा से कहने लगे थे कि शादी कर दो। लेकिन पूजा का मन इसके लिए तैयार नहीं था। इसका कारण पूजा बताती है कि उसने बचपन से ही देखा है कि पति-पत्नी के बीच झगड़े हुआ करते हैं। विवादों में फंसी उनकी जिंदगी बहुत तकलीफ देती है। इसलिए पूजा ने निर्णय लिया कि वह शादी नहीं करेगी। 

सब इतना आसान भी नहीं था

कॉलेज के बाद से ही पूजा के लिए रिश्ते आने शुरू हो गये थे। उसके मम्मी-पापा लोगों से कहते की उनकी बेटी के लिए कोई अच्छा रिश्ता हो तो बताना। बेटी बड़ी हो गई..इस तरह की घर में बातें होनी लगी थीं। लेकिन इधर पूजा ने अपने घरवालों से कह दिया कि उसे शादी नहीं करनी है। पूजा कहती है कि, सब इतना आसान नहीं था। घरवाले कहते थे कि तुम्हारी शादी की उम्र हो चुकी है..तुम्हें हर हाल में शादी करनी ही होगी। 

इस तरह लिया अनोखा फैसला 

पूजा बताती है कि उसने तुलसी विवाह देख रखा था। तभी उसके दिमाग में ख्याल आया कि जब ठाकुरजी तुलसाजी से विवाह कर सकते हैं तो वह उनसे क्यों नहीं कर सकती। इसके बार में पूजा ने एक पंडित से पूछा तोे उन्होंने उसे हो सकता है का जवाब दिया। फिर पूजा ने अपनी मां से बात की। मां ने कहा ऐसा कैसे हो सकता है? जबकि पूजा के पिता नाराज हो गये। और इसी नाराजगी के कारण पूजा के पापा उसकी अनोखी शादी में शामिल भी नहीं हुए। 

उड़ते मजाक को किया नजरअंदाज 

पूजा के इस निर्णय का तमाम लोगों ने सपोर्ट किया। तो बहुत से लोगों ने उसका मजाक बनाया। अनगिनत लोगों ने उसकी हंसी उड़ाई, लेकिन पूजा ने ये सब इग्नोर कर दिया। पूजा कहती है, मैने अपने परमेश्वर को ही अपना पति मान लिया है। उसने कहा कि उसके लिए ये सौभाग्य की बात है। भगवान तो अमर होते हैं इसलिए मैं हमेंशा के लिए सुहागन हो गई हूं। 

खुद से भरी मांग, जमीन पर सोती है पूजा 

शादी की परंपरा के अनुसार पूजा ने अपनी मांग खुद ही भरी। लेकिन मांग में सिंदूर की बजाय वह चंदन का प्रयोग करती है। शादी के बाद ठाकुरजी मंदिर में विराजमान हो गये और पूजा सिंह ने अपने कमरे में ही एक छोटा सा मंदिर बना लिया है। मंदिर में विराजे ठाकुरजी के सामने पूजा जमीन पर ही सोती है। सुबह उठकर ठाकुरजी के लिए भोग बनाना फिर शाम को भी इसी तरह की नियमित सेवा करने वह मंदिर जाती है। पूजा का कहना है कि अब वे लोग कुछ नहीं कहते जो कल तक उसका मजाक उड़ाया करते थे। 

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