भदोही में दबंगों ने जलाये मुसहरों के घर, माले ने लगाया प्रशासनिक संरक्षण में ऐसी घटनाओं को अंजाम देने का आरोप

जिस जमीन पर मुसहर लोग तीन-चार पीढ़ियों से रहते आ रहे हैं, उस पर गांव के सवर्ण दबंगों की नजर थी। उन्होंने एक माह पहले जमीन खाली करने नहीं तो आग लगाकर जला डालने की धमकी दी थी। इसकी शिकायत पीड़ित पक्ष द्वारा थाने में और एसपी से लिखित रुप से की गई थी, पर कोई कार्रवाई नहीं हुई....

Update: 2025-10-15 14:20 GMT

लखनऊ । भाकपा (माले) ने भदोही जिले में चौरी थानाक्षेत्र अंतर्गत चकभुईधर गांव में पुश्तों से बसे मुसहर परिवारों (अनुसूचित जाति) के घर दबंगों द्वारा जला देने की कड़ी निंदा की है। पार्टी ने कहा है कि प्रशासनिक संरक्षण से दबंगों के हौसले बढ़े, जिसके चलते उक्त घटना हुई।

भाकपा (माले) के राज्य सचिव सुधाकर यादव ने बुधवार को जारी बयान में कहा कि योगी सरकार में गरीबों, दलितों की सुनवाई नहीं हो रही है। प्रदेश में दबंग राज है। कमजोर वर्गों की जानमाल की सुरक्षा नहीं है। दलित समुदाय के व्यक्ति की रायबरेली में भीड़ हत्या होती है, तो भदोही में उनके घर जला दिए जाते हैं। भदोही में मुसहर परिवारों की पूर्व की शिकायतों पर पुलिस ने त्वरित कार्रवाई की होती, तो उनके घर और गृहस्थी का सारा सामान जला डालने की घटना नहीं होती। यहां तक कि घटना के बाद भी पुलिस ने न तो उचित एफआईआर दर्ज की है, न ही हमलावरों की गिरफ्तारी की है। दूसरी तरफ सर से छत छीन जाने के बाद पीड़ित मुसहर परिवार न्याय की आस में दाने-दाने को मोहताज हैं। प्रशासन से कोई मदद भी नहीं मिली है।

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सुधाकर यादव ने बताया कि भाकपा (माले) और ऐपवा की टीमों ने पीड़ितों से भेंट की है। घटना 11 अक्टूबर की देर रात की है। जिस जमीन पर मुसहर लोग तीन-चार पीढ़ियों से रहते आ रहे हैं, उस पर गांव के सवर्ण दबंगों की नजर थी। उन्होंने एक माह पहले जमीन खाली करने नहीं तो आग लगाकर जला डालने की धमकी दी थी। इसकी शिकायत पीड़ित पक्ष द्वारा थाने में और एसपी से लिखित रुप से की गई थी, पर कोई कार्रवाई नहीं हुई।

पीड़ितों ने माले और ऐपवा टीम को बताया कि हमलावर घरों में आग लगाकर भाग गए। पुलिस और दमकल विभाग को सूचना दी गई, लेकिन उनके आने तक सब जलकर राख हो चुका था। पीड़ितों द्वारा इसकी भी लिखित शिकायत देने पर पुलिस ने एनसीआर (गैर-संज्ञेय) रिपोर्ट लिखी।

माले नेता ने उक्त घटना में एससी-एसटी एक्ट सहित उचित धाराओं में एफआईआर दर्ज कर सभी हमलावरों की गिरफ्तारी, पीड़ित परिवारों को मुआवजा, सुरक्षा, आवास के लिए जमीन व पक्का घर देने और शिथिलता बरतने वाले दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।

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