बिहार के फुलवारीशरीफ में दो महादलित बच्चियों का किडनैप कर बलात्कार के बाद एक की निर्मम हत्या, न्याय के लिए निकाला कैंडल मार्च
Biharsharif news : परिजनों का आरोप है कि जब वे लोग बच्चियों के शाम तक घर वापस नहीं लौटने पर फुलवारीशरीफ थाने में घटना की रिपोर्ट लिखाने गए तो थाना प्रभारी डांट फटकार कर भगा दिया। अगर फुलवारीशरीफ थाना प्रभारी उसी समय एक्टिव हो गये होते तो दोनों बच्चियों को बलात्कारियों के चंगुल से बचा सकते थे....
Patna news : पटना के फुलवारीशरीफ में महादलित समाज से ताल्लुक रखने वाली दो नाबालिग बच्चियों से बलात्कार और उनमें से एक की हत्या की घटना सामने आयी थी। इसके विरोध में तमाम सामाजिक संगठन न्याय आवाज उठाकर न्याय की मांग कर रहे हैं।
बिहारशरीफ के अंबेडकर चौक पचासा मोड़ स्थित डॉ भीमराव अंबेडकर संघर्ष विचार मंच के तत्वाधान में पटना के फुलवारीशरीफ स्थित हिन्दनी गांव में दो महादलित लड़की को अगवा कर बलात्कार करने एवं एक लड़की को जान से मार देने के विरुद्ध कैंडल मार्च निकाला गया। कैंडल मार्च निकालते हुए एक महादलित लड़की को श्रद्धांजलि दी गई एवं एक महादलित लड़की को जान से बचने की दुआ की गई।
इस अवसर पर डॉक्टर भीमराव अंबेडकर संघर्ष विचार मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल पासवान एवं प्रदेश अध्यक्ष रामदेव चौधरी ने संयुक्त रूप से कहा कि पूरे बिहार में महादलित की लड़कियां सुरक्षित नहीं हैं। चाहे वह तेल्हाडा थाना के निशानापूरा गांव की महादलित समाज की लड़की शिल्पी कुमारी हो या गया जिला के फतेहपुर गांव के मांझी समाज की एक 13 वर्षीय लड़की के साथ छेड़खानी का मामला हो। अब पटना के फुलवारीशरीफ में दो महादलित बच्चियों का मामला सामने आया है, जिनमें से लड़की की उम्र मात्र 8 वर्ष बताई जा रही है, जबकि दूसरी लड़की का उम्र 10 वर्ष बताई जाती है।
जानकारी के मुताबिक फुलवारीशरीफ थाना क्षेत्र के हिन्दनी गांव की रहने वाली दो सहेलियां सोमवार 8 जनवरी को अपने-अपने घर के लिए जलावन लाने के लिए गयी थीं। जब दोनों बच्चियां लापता हो गईं तो परिवार वालों ने दोनों को खोजने का काफी प्रयास किया, लेकिन कोई सुराग नहीं मिला। अगले दिन यानी मंगलवार 9 जनवरी को परिवार के लोगों को सूचना मिली कि दोनों लापता सहेलियों की लाशें एक चवर में पड़ी हैं। परिवार के लोग आननफानन में वहां पहुंचे तो देखा कि एक बच्ची बदहवास बैठी थी, जबकि एक की लाश एक बाउंड्री के नजदीक पड़ी हुई थी। इस घटना के बाद पूरे गांव में सनसनी फैल गई।
इस मामले में परिजनों का आरोप है कि जब वे लोग बच्चियों के शाम तक घर वापस नहीं लौटने पर फुलवारीशरीफ थाने में घटना की रिपोर्ट लिखाने गए तो थाना प्रभारी डांट फटकार कर भगा दिया। अगर फुलवारीशरीफ थाना प्रभारी उसी समय एक्टिव हो गये होते तो दोनों बच्चियों को बलात्कारियों के चंगुल से बचा सकते थे। मगर इसके उलट एक महादलित बच्ची अपनी जान से तक हाथ धो बैठी, जबकि दूसरी की हालत गंभीर बनी हुई है। निकम्मी पुलिस थाने में बैठकर परिजनों को सलाह दे रही थी कि का जाकर खुद खोजो।
डॉ भीमराव अंबेडकर संघर्ष विचार मंच से जुड़े पदाधिकारियों ने कहा, आज पूरे बिहार के थाना प्रभारियों को एक्टिव करने की जरूरत है, ताकि भविष्य में ऐसी दूसरी घटना न घट सके और दोषी को स्पीड ट्रायल के तहत फांसी की सजा हो। इसके अलावा पीड़िता के एक परिवार को सरकारी नौकरी एवं मुआवजे के रूप में 50 लाख रुपया सरकार दे। इस मौके पर डॉक्टर भीमराव अंबेडकर संघर्ष विचार मंच के जिला अध्यक्ष रविशंकर दास, जिला उपाध्यक्ष महेंद्र प्रसाद, महिला प्रकोष्ठ की जिला अध्यक्ष लालति देवी समेत दर्जनों लोग उपस्थित थे।