हरिद्वार में ढाई लाख में हुआ था चोरी हुए 8 माह के बच्चे का सौदा, आशा वर्कर और आंगनवाड़ी कार्यकत्री भी थीं शामिल
Haridwar news : 11 दिसंबर को पुलिस जब बच्चे की तलाश के लिए कब्रिस्तान में सर्चिंग कर रही थी उसी समय हरिद्वार के पत्रकार नरेश तोमर के कडच्छ निवासी कैमरामेन हर्ष तिवारी के पास इन महिलाओं का फोन आया कि वह बच्चे को सौंपना चाहती है...
Haridwar news : धर्मनगरी हरिद्वार की ज्वालापुर कोतवाली के कड़च्छ से शनिवार को चोरी हुए 8 माह के बच्चे को सकुशल बरामद करते हुए मामले में आधा दर्जन महिलाओं सहित सात लोगों की गिरफ्तारी की गई है। गिरफ्तार महिलाओं में बच्चे के पड़ोस में रहने वाली एक महिला के साथ ही एक आशा वर्कर और एक आंगनवाड़ी कार्यकत्री भी शामिल है।
बच्चा बरामदगी के दौरान एक पत्रकार की भूमिका भी प्रशंसनीय रही। बच्चा चोरी करने वाली कोई और नहीं बल्कि पड़ोसन ही निकली। जिसने पैसों के लालच में आकर पड़ोस की रहने वाली महिला ने बच्चा चुराकर आगे ढाई लाख में इस बच्चे को हरिद्वार के एक कपड़ा व्यापारी को बेचना था।
मामले का खुलासा करते हुए डीआईजी गढ़वाल करण सिंह नागन्याल ने बताया शनिवार 10 दिसंबर को पुलिस को बच्चा चोरी होने की सूचना मिली थी, जिस पर तत्काल कार्रवाई करते हुए पुलिस ने सीसीटीवी कैमरे खंगाले। जिसमें बच्चा ले जाने वालों का पता चल गया। आज बच्चा सकुशल प्राप्त कर परिजनों को सौंप दिया है। एसएसपी कार्यालय में शिवांग अपहरण कांड का खुलासा करते हुए डीआईजी रेंज करन सिंह नगन्याल ने बताया कि शनिवार 10 दिसंबर को मोहल्ला कड़च्छ से अपह्रत रविंद्र के बेटे शिवांग को पड़ोसी युवती किरण ने अपहरण कर बच्चे को अपनी मां सुषमा को सौंप दिया था। सुषमा ने उसे मोहल्ले में रहने वाली समधन अनीता को दे दिया। अनीता ने बच्चे को आगे आशा कार्यकत्री रुबी, आंगनबाड़ी कार्यकत्री आशा निवासी मोहल्ला कड़च्छ को दे दिया था।
इन दोनों ने पहले ही इस बच्चे का सौदा ढाई लाख रुपए में संजय पुत्र अशोक निवासी श्यामपुर कांगड़ी से कर रखा था, जिसके लिए पचास हजार की रकम इन्होंने पहले ही ले ली थी। दो लाख बाद में देना तय हुआ था, जिस कारण बच्चे को इस व्यापारी को सौंप दिया गया, लेकिन जब तक बच्चा व्यापारी के पास पहुंचा तब तक बच्चा चोरी की खबरें सोशल मीडिया पर जमकर चलने और पुलिस की सक्रियता को देखते हुए व्यापारी के हाथ पांव फूल गए। उसने अपने को बचाने के लिए अपहृत बच्चे को तत्काल ही दोनों महिलाओं को वापस सौंप दिया। बच्चा वापस मिलने पर रूबी और आशा भी घबरा गईं, जिसके बाद इन्होंने बच्चे को वापस करने के लिए मुहल्ले के ही अपनी जान पहचान के एक पत्रकार की मदद लेने का निर्णय लिया।
रविवार 11 दिसंबर को पुलिस जब बच्चे की तलाश के लिए कब्रिस्तान में सर्चिंग कर रही थी उसी समय हरिद्वार के पत्रकार नरेश तोमर के कडच्छ निवासी कैमरामेन हर्ष तिवारी के पास इन महिलाओं का फोन आया कि वह बच्चे को सौंपना चाहती है। इन दोनो महिलाओं ने बच्चा सौंपने के लिए पत्रकार को भारत माता मंदिर सप्तऋषि बुलाया। इस बारे में नरेश तोमर ने सीधे एसएसपी अजय सिंह को इसकी पूरी जानकारी दी। फिर पुलिस को भरोसे में लेते हुए पत्रकार महिलाओं के बुलाए गई जगह पहुंच गए।
पत्रकार नरेश तोमर ने बताया कि महिलाओं ने उन्हें भारत माता मंदिर आने के लिए बोला था। लेकिन जब वह मौके पर पहुंचे तो महिलाएं वहां नहीं मिली, लेकिन कुछ देर बात दोनों महिलाएं एक ई रिक्शा में बैठी दिख गई। नरेश तोमर ने दोनों महिलाओं को विश्वास में लिया और कहा कि उन्हें कुछ नहीं होगा और ना ही उनका नाम आएगा। इसके बाद नरेश तोमर उन्हें पास की चाय की दुकान पर ले गए जहां उन्होंने बच्चे की सुपुर्दगी ले ली।
इधर महिलाओं ने बच्चे को पत्रकार को सौंपा, उधर निकट ही मौजूद पुलिस भी मौके पर पहुंच गई, जिसके बाद पुलिस ने दोनों महिलाओं को हिरासत में ले लिया और अपने साथ ले गई। शुरुआत में महिलाओं ने बताया था कि उन्हें बच्चे को किसी व्यक्ति ने ऋषिकुल पर दिया था और वह बच्चे को सौंपना चाहती थी। जिस कारण उन्होंने पत्रकार को इसलिए फोन किया क्योंकि इस मामले में वह अपना नाम आने देना नहीं चाहती थी, लेकिन बच्चे की सकुशल बरामदगी के बाद पुलिस ने जब दोनों महिलाओं से सख्ती से पूछताछ की तो पूरे मामले का खुलासा हो गया।