उत्तराखण्ड के चर्चित अंकिता भंडारी मर्डर केस में रिजॉर्ट में ठहरे पर्यटक और आरोपी के करीबी पटवारी के बयान दर्ज, पुलकित आर्य के बारे में हुआ ये खुलासा
Dehradun news : कल 22 सितंबर को उत्तराखण्ड को दहला देने वाले चर्चित अंकिता भंडारी मर्डर मामले में अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश रीना नेगी की अदालत में सुनवाई हुई। इस सुनवाई में आरोपी पुलकित के रिजॉर्ट में ठहरे गुरुग्राम के टूरिस्ट मयंक अरोड़ा और पटवारी वैभव प्रताप सिंह के बयान दर्ज किये गये। पटवारी वैभव प्रताप को आरोपी पुलकित आर्य का काफी करीबी बताया जाता है। अंकिता की हत्या किये जाने के बाद उस पर केस को भटकाने का आरोप भी लगा था।
बताते चलें कि अंकिता हत्याकांड में पटवारी वैभव प्रताप को लापरवाही बरतने पर पहले ही सस्पेंड कर दिया गया था। उसके सस्पेंड होने के बाद आई कई कहानियों में वैभव की भूमिका संदिग्ध मिलने पर उससे पहले हिरासत में लेकर लंबी पूछताछ हुई, जिससे संतुष्ट न होने पर उसकी गिरफ्तारी की गई थी।
कल 22 सितंबर को अंकिता भंडारी मर्डर केस में हुई सुनवाई के दौरान अदालत को पर्यटक मयंक अरोड़ा ने बताया कि पिछले साल 17—18 सितंबर को अंकिता भंडारी रिजॉर्ट में ही थी, लेकिन अगले दिन वह कहीं नजर नहीं आयी। दूसरी तरफ पटवारी वैभव प्रताप सिंह ने कोर्ट को बताया कि 19 सितंबर को रिजॉर्ट के मालिक पुलकित ने उसे फोन कर अंकिता के लापता होने और गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराने को कहा था।
जब कल कोर्ट में पर्यटक मयंक अरोड़ा और पटवारी वैभव प्रताप की गवाही हुई, उस दौरान अदालत में तीनों हत्यारोपी पुलकित आर्य, सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता भी मौजूद थे। एसआईटी की ओर से अंकिता भंडारी हत्याकांड में 97 गवाह बनाए गए हैं। अब तक 21 लोगों की गवाही हो चुकी है। इस मामले में अगली सुनवाई 29 सितंबर को होनी है। एसआईटी ने विवेचना के बाद लगभग 500 पेज की चार्जशीट अदालत में पेश की है।
विशेष लोक अभियोजक अवनीश नेगी ने मीडिया को बताया कि पटवारी वैभव प्रताप सिंह ने कोर्ट को बताया कि पिछले साल 19 सितंबर की सुबह करीब 10 बजे वनंत्रा रिजॉर्ट के मालिक पुलकित आर्य ने उनके पास फोन किया था। पुलकित ने उससे रिजॉर्ट में रिसेप्शनिस्ट का काम करने वाली अंकिता भंडारी की गुमशुदगी दर्ज कराने की बात कहते हुए गंगा भोगपुर के प्रधान के दफ्तर में बुलाया था।
वैभव प्रताप ने अपने बयान में कहा कि उसी दिन यानी 19 सितंबर की शाम को अंकिता के पिता ने फोन कर बेटी के गुम होने की जानकारी दी। शाम को वह वनंत्रा रिजाॅर्ट पहुंचे और घटनास्थल का मुआयना किया था।
मगर चौंकाने वाली बात यह है कि अंकिता भंडारी मर्डर केस में यह बात तभी सामने आ गयी थी कि अंकिता के पिता जब सबसे पहले राजस्व पुलिस व्यवस्था के स्थानीय पटवारी और रेवेन्यू इंस्पेक्टर वैभव प्रताप सिंह के पास गुमशुदगदी की रिपोर्ट दर्ज कराने पहुंचे, तो उनकी सुनवाई नहीं हुई थी। शिकायत पर रिपोर्ट तक दर्ज नहीं की गई थी। पटवारी वैभव प्रताप का कहना था कि 19 सितंबर की रात को दो बजे पुल्कित आर्य उसके पास आया था। पुल्कित आर्य ने उसे अंकिता के गायब होने की खबर दी थी।
अंकिता हत्याकांड में मुख्य आरोपी पुलकित आर्य पर आईपीसी की धारा 302 (हत्या), 201 (साक्ष्य छुपाना), 354 (ए) (छेड़खानी व लज्जा भंग) और अनैतिक देह व्यापार अधिनियम के तहत लगे आरोपों का ट्रायल कोर्ट में चल रहा है। दूसरे आरोपी सौरभ भास्कर और तीसरे अंकित गुप्ता पर हत्या, साक्ष्य छुपाने और अनैतिक देह व्यापार अधिनियम के तहत आरोप दर्ज किये गये हैं।