#JusticeForVaniaShaikh की मांग ने पकड़ा जोर, आरोपी सिद्धांत पवार के बदले शाहरुख खान होता तो चैनल वाले चला रहे होते महा डिबेट
#JusticeForVaniaShaikh : क्या एक सभ्य समाज के न्याय का मापदंड यही है कि वो चेहरा, समुदाय, वर्ग, धर्म, जाति देखकर कर ही न्याय दिलाने के लिए आगे आएगा।
#JusticeForVaniaShaikh : हाल ही में उत्तर प्रदेश ( Uttar Pradesh ) के मेरठ ( Meerut ) के सुभारती यूनिवर्सिटी ( Subharti University ) में बीडीएस की छात्रा वानिया असद शेख ( Vania asad Sheikh ) का उसके ही सहपाठी छात्र सिद्धांत पवार ( Siddhant panwar ) ने किसी मसले पर मतभेद होने की वजह से सभी के सामने थप्पड़ जड़ दिया था। इस घटना से वानिया शेख इतनी मर्माहत हुई कि उसने सुभारती यूनिवर्सिटी के बिल्डिंग से कूदकर जान देने की कोशिश की। दो दिन पहले वानिया की मौत हो गई, लेकिन इसको लेकर कहीं कोई चर्चा नहीं है। मीडिया चैनलों पर बहस भी नहीं हुई। न तो हिंदू संगठन के लोग बाहर आये न ही मुस्लिम संगठनों के लोग।
दो दिन बाद ही सही, सोशल मीडिया में आम लोगों की वजह से जस्टिसफारवानियाशेख ( Vania Asad Sheikh ) के नाम से ट्विट ट्रेंड कर रहा है। लोग वानिया शेख को न्याय दिलाने की मांग कर रहे हैं। ट्विटर यूजर सवाल कर रहे हैं सिविल सोसाइटी के लोग, जनप्रतिनिधि, हिंदू संगठनों के लोग व समाज के अन्य प्रभावशाली लोग चुप क्यों हैं? क्या वानिया के सपने नहीं थे, क्या वानिया एक इंसान नहीं थी, क्या उसकी जिंदगी की कोई कीमत नहीं थी या बिगड़ैल सिद्धांत पवार के सनक का शिकार हो गई तो कोई कुछ बोलेगा ही नहीं, या फिर वानिया कोई शर्मा या खान में से नहीं है।
क्या एक सभ्य समाज के न्याय का मापदंड यही है कि वो चेहरा, समुदाय, वर्ग, धर्म, जाति देखकर कर ही न्याय दिलाने के लिए आगे आएगा। अगर मृतक खास समुदाय, वर्ग या संगठन न होने पर मीडिया भी नहीं उठाएगी।
भले ही इस मसले पर सब चुप रहे, लेकिन कुछ लोग बीडीएस की मृतक छात्रा वानिया असद शेख के मुद्दे को अपने स्तर पर उठा रहे हैं। अब जस्टिसफारवानियाशेख ट्विटर पर ट्रेंड करने लगा है। समाज के लोगों जागो, धर्म के नाम पर चुप मत बैठो, वानिया भी हमारे समाज में से ही किसी बहन या बेटी थी। सामने आओ और उसके हत्यारों को सख्त से सख्त सजा दिलाओ।
ट्विटर यूजर कह रहे हैं, वानिया असद शेख के साथ जो हुआ वो दुखद है। अपराध चाहे कोई भी करे, उसे सजा मिलनी चाहिए। वानिया के आरोपी को नियमानुसार सख्त से सख्त सजा मिले। आरोपी सिद्धांत पंवार ने जो पाप किया है उसे किसी भी सभ्य समाज में स्वीकार नहीं किया जा सकता।
आरोपी शाहरुख खान होता तो सभी चैनल वाले डिबेट चला रहे होते
ट्विटर यूजर वैभव शुक्ला @vaibhaw_g लिखते हैं कि जिन जनप्रतिनिधियों के लिए तमाम सरकारी सुविधा यहां तक कि चाटर्ड प्लेन की सुविधा उपलब्ध होती है, दिल्ली के करीब मेरठ तक इस घटना के बाद वानिया के परिजनों से मिलने क्यों नहीं पहुंचे। उन्हें पहुंचना चाहिए था, मगर वानिया के लिए कोई नहीं पहुंचा। चूंकि आरोपी शाहरुख खान भी नहीं था, वह होता तो भी मीडिया के तमाम चैनल पैनल डिस्कशन और ब्रेकिंग न्यूज चला रहे होते,
सिविल सोसायटी सड़कों पर होती और उसे सरेआम फांसी की सज़ा देने की मांग हो रही होती। तमाम विराट हिंदू सभा आयोजित होती और देश में एक समुदाय विशेष के आर्थिक सामाजिक बहिष्कार का आह्वान हो रहा होता। बदकिस्मती से वह सनकी सिद्धांत पवार की शिकार वानिया असद शेख जिसके परिजनों की पहुंच न तो हिंदू संगठनों है न ही मुस्लिम संगठनों, न ही मीडिया चैनलों में। वैभव शुक्ला लिखते हैं। वानिया शेख के सहपाठी छात्र सिद्धांत सिंह पंवार के छेड़छाड़ और परेशान करने का विरोध करने पर कालेज में सरेआम उसे थप्पड़ मारा। इससे व्यथित होकर कॉलेज की ही चौथी मंजिल से कूदकर आत्महत्या कर ली। आज उसके पक्ष में कोई सामने आने को तैयार नहीं है। धिक्कार है।
शुजा @ शुजा_2006 के ट्विटर यूजर ने आश्चर्य और अफसोस जाहिर करते हुए लिखा है कि मेनस्ट्रीम मीडिया पूरी तरह खामोश है क्योंकि पीड़िता एक मुस्लिम महिला है। जब अन्याय कानून बन जाता है तो प्रतिरोध कर्तव्य बन जाता है। अपनी आवाज उठाओ। #Save MuslimGirls #JusticeForVaniaShaikh
बता दें कि मेरठ के सुभारती यूनिवर्सिटी में बीडीएस की स्टूडेंट वानिया असद शेख ने 19 अक्टूबर को लाइब्रेरी की चौथी मंजिल से कूदकर आत्महत्या करने का प्रयास किया था। जिसके बाद उसे गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया था। वानिया को रीढ़ की हड्डी और सिर में गंभीर चोट आईं थी। वानिया ने आत्महत्या का प्रयास सहपाठी छात्र और अब हत्यारा सिद्धांत पवार की सनकीपन और छेड़छाड़ का विरोध करने पर उसके द्वारा सभी के सामने थप्पड़ मारने के बाद किया था। इसके बाद ही वानिया ने बिल्डिंग की चौथी मंजिल से कूदकर आत्महत्या करने का प्रयास किया था। इलाज के दौरान शुक्रवार को उसकी मौत हो गई।