Kalicharan Maharaj : '12 साल तक मैंने अपने शरीर पर साबुन का इस्तेमाल नहीं किया, गोबर से नहाता था'

Kalicharan Maharaj : कालीचरण महाराज ने कहा कि अगर राष्ट्र और धर्म के लिए तलवार उठाना गलत है तो राम-राम कहने वाले गांधी ये देखें कि धर्म के लिए भगवान श्री राम ने भी शस्त्र उठाया था। कृपया मुझे साधु-संत, महापुरुष न समझें, मैं काली मां का बेटा हूं...

Update: 2022-04-08 15:00 GMT

Kalicharan Maharaj के जहरीले बोल, कहा - हिंदू राष्ट्र बनाने के लिए एकजुट हो सभी हिंदू, धर्म के आधार पर करें वोट

Kalicharan Maharaj : रायपुर की धर्म संसद में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी (Mahatma Gandhi) पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने के मामले में जेल की हवा खाने वाले कालीचरण महाराज (Kalicharan Maharaj) का कहना है कि वे गांधी के फॉलोअर थे लेकिन जब पढ़ाई की तो सच्चाई पता चली इसलिए अब उनसे नफरत करता हूं। कालीचरण को हाल ही में जमानत मिली है। जेल से बाहर आने के बाद उन्होंने कहा कि वे गांधी को फॉलो करते थे और ब्रह्मचर्य जीवन जीते थे। उन्होंने ये भी कहा कि 12 साल तक अपने शरीर पर साबुन का इस्तेमाल नहीं किया और गोबर से नहाते थे।

खबरों के मुताबिक कालीचरण ने कहा कि आजीवन ब्रह्मचर्य का व्रत लिया और पूरी तरह से गांधी को फॉलो करता था। खादी पहनता था। पूरी तरह से गांधीवादी था लेकिन जब मैंने आगे की पढ़ाई की तब समझ आया कि गांधी ने देश के साथ धर्म के साथ क्या किया है। इसलिए मेरे हृदय में गांधी के लिए नफरत भर गई। नफरत करता हूं मैं गांधी से।

कालीचरण महाराज ने आगे कहा कि अगर राष्ट्र और धर्म के लिए तलवार उठाना गलत है तो राम-राम कहने वाले गांधी ये देखें कि धर्म के लिए भगवान श्री राम ने भी शस्त्र उठाया था। कृपया मुझे साधु-संत, महापुरुष न समझें। मैं काली मां का बेटा हूं।

कालीचरण ने कहा कि गांधी ने अहिंसा क्या बताई। अब्दुल रशीद नाम के एक व्यक्ति ने स्वामी श्रद्धानंद जी का खून कर दिया तो गांधी ने उसको अपना भाई बताया। यह अहिंसा है? और सुखदेव भगत सिंह की फांसी नहीं रुकवाई।

उल्लेखनीय हैकि कालीचरण महाराज ने बीते साल 2021 की दिसंबर में छत्तीसगढ़ के रायपुर में धर्मसंसद में महात्मा गांधी के लिए आपत्तिजनकर शब्दों का इस्तेमाल किया था। यही नहीं उन्होंने गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे को नमन किया था। इसके बाद कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने छत्तीसगढ़ में कई जगह कालीचरण के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई थी। इसके बाद मध्यप्रदेश से कालीचरण को गिरफ्तर कर लिया गया था।

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