Kanpur Crime News : इतनी गोलियां मारो की जिंदा न बचने पाए, सपा नेता की हत्या में 5 को उम्रकैद

अदालत ने तीन को आर्म्स एक्ट में दोषी पाए जाने पर 5-5 हजार अतिरिक्त जुर्माना भी लगाया है। साथ ही चश्मदीद गवाह अशफाक के मुकरने पर अदालत ने उसपर भी मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए हैं...

Update: 2021-11-27 03:56 GMT

(हत्या के दोषी एक परिवार की तीन पीढ़ियों को उम्रकैद की सजा)

Kanpur Crime News : कानपुर के जूही मिलिट्री कैंप में उस वक्त हड़कंप मच गया था जब एक सपा नेता को भरी दोपहर दौड़ाकर गोलियों से भून दिया गया था। हत्या के दौरान आरोपी सागर सोनकर चीख रहा था कि, 'इतनी गोलियां मारना ये जिंदा ना बचने पाए।' लेकिन अदालत के फैसले के बाद कोर्ट के बाहर मौजूद परिवार में चीख पुकार मच गई। इस फैसले में परिवार की तीन पीढ़ियों के पांच लोगों को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है।

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भीड़भाड़ भरे इलाके में हुई हत्या के बाद लोग घरों में दुबक गये थे। राहगीर अपनी-अपनी जान बचाकर भाग रहे थे। तो वहीं हमलावर हत्या के बाद बेखौफ होकर तमंचा लहराते हुए चले गये थे। इस सनसनीखेज हत्याकांड की वजह जमीनी विवाद बताया गया था। दोनो के बीच कई बार समझौता भी करवाया गया था। लेकिन एक पक्ष ने दिल में खुन्नस पाल ली थी, जिसके बाद वारदात को अंजाम दिया गया था। 

क्या था मामला? 

कानपुर स्थित जूही के रत्तूपुरवा निवासी तीन भाई राघवेंद्र, गजेंद्र और राजीव मिश्रा 3 जनवरी 2014 को मेडिकल स्टोर दवा लेने जा रहे थे। कॉमरेड रिक्शा कंपनी के सामने इलाके के ही सागर सोनकर ने परिवार के अमित, कुलदीप, भीम व सीसामऊ के अंकुर के साथ मिलकर राजीव को एक के बाद एक गोलियां मारकर मौत के घाट उतार दिया था। अस्पताल ले जाते वक्त राजीव की मौत हो गई थी। वह समाजवादी पार्टी का सक्रिय सदस्य था।

बयान से मुकरा गवाह 

एडीजीसी गौरेंद्र त्रिपाठी ने बताया कि अभियोजन पक्ष की तरफ से कोर्ट में 12 गवाह पेश किए गये थे। अपर जिला जज- 14 अखिलेश्वर प्रसाद मिश्रा ने पांचों को उम्रकैद की सजा व 25-25 हजार जुर्माना लगाया है। इस सहित कुलदीप, अमित और अंकुर को आर्म्स एक्ट में दोषी पाए जाने पर 5-5 हजार अतिरिक्त जुर्माना भी लगाया है। साथ ही चश्मदीद गवाह अशफाक के मुकरने पर अदालत ने उसपर भी मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए हैं।

परिवार में कोहराम 

एक ही परिवार की तीन पीढ़ियों को सजा होते ही अदालत के बाहर मौजूद परिवार के लोगों में चीख पुकार मच गई। उम्रकैद की सजा की बात सुनकर परिवार की एक बुजुर्ग महिला जमीन पर बैठकर रोने लगी। परिवार और रिश्तेदारों का जमावाड़ा बढ़ता देख अदालत परिसर में अतिरिक्त सुरक्षा बल बढ़ाया गया। जिसके बाद कड़ी सुरक्षा में पाचों दोषियों को जेल भेजा जा सका। 

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