जानिये कौन है वो महिला डॉक्टर जिसे हाथरस गैंगरेप पीड़िता की नकली भाभी बता सोशल मीडिया पर कराया जा रहा ट्रेंड

नकली भाभी बता सोशल मी​डिया पर ट्रेंड करायी जा रही डॉ. राजकुमारी बंसल ने कहा एक फॉरेंसिक एक्सपर्ट होने के नाते वो पीड़िता के इलाज से संबंधित दस्तावेज देखना चाहती थीं, लेकिन उन्हें दस्तावेज देखने को नहीं मिले हैं, उल्टा नक्सली और नकली भाभी जरूर बना दिया गया...

Update: 2020-10-11 03:45 GMT

डॉ. राजकुमारी ने मीडिया को बताया उन्हें बनाया जा रहा है बलि का बकरा

मनीष दुबे की रिपोर्ट

जनज्वार। यूपी के चर्चित हाथरस कांड में जांच टीम लगातार एक के बाद एक दावे कर रही है। पहले कहा गया कि लड़की के साथ गैंगरेप ही नहीं हुआ था, उसके उसके परिजनों ने ही मौत के घाट उतारा। अब एक और खुलासा किया जा रहा है कि हाथरस में पीड़िता के घर रिश्तेदार बनकर यानी उसकी भाभी बनकर एमपी की डॉक्टर रह रही थी। सरकार ने उस महिला का संबंध नक्सलियों से होने का आरोप लगाया है।

यूपी के हाथरस में हुई नृशंस घटना में जांच टीम ने मध्य प्रदेश कनेक्शन जोड़ा तो एक नया पेंच सामने आया है। जबलपुर निवासी महिला डॉक्टर का हाथरस में पीड़ित परिवार की रिश्तेदार बनकर रहने का मामला मीडिया में लगातार तूल पकड़ रहा है। जांच टीम का कहना है कि यह महिला जबलपुर की एक डॉक्टर है, जो मीडिया और पुलिस से पीड़िता की भाभी बनकर बात करती थी।

गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश के हाथरस मामले को लेकर जांच पड़ताल चल रही है। देश की कई जांच एजेंसियां लगी हुई हैं। इसी जांच में कहा गया कि पीड़िता के गांव में फर्जी रिश्तेदारों ने भी डेरा डाला हुआ था। अपने आप को रिश्तेदार बता रही एक महिला बीते कई दिन से पीड़ित परिवार के साथ लगातार देखी जा रही थी, और अपने आप को पीड़िता की भाभी बता रही थी वह असल में नकली भाभी है। योगी सरकार ने उसका संबंध नक्सलियों से होने का भी आरोप जड़ज्ञ है।

जांच टीम के मुताबिक महिला जबलपुर की रहने वाली है तथा मध्य प्रदेश के जबलपुर मेडिकल कॉलेज की डॉक्टर है, जिसका नाम राजकुमारी बंसल है। महिला की तस्वीर और वीडियो मीडिया में आने के बाद जबलपुर मेडिकल कॉलेज प्रबंधन डॉक्टर राजकुमारी बंसल के खिलाफ सख्त हो गया है।

एक चैनल से बात करते हुए जबलपुर मेडिकल कॉलेज के डीन पीके कसार ने कहा, 'एक शासकीय सेवक द्वारा इस तरह के आंदोलनों में शामिल होने को गंभीर कदाचरण माना गया है। मेडिकल कॉलेज की डॉक्टर राजकुमारी बंसल को नोटिस जारी कर उनसे स्पष्टीकरण मांगा जाएगा और शासन के नियमों के मुताबिक उन पर कार्रवाई भी की जाएगी।'

दूसरी तरफ हाथरस में अपनी भूमिका पर उठ रहे सवाल पर खुद डॉक्टर राजकुमारी बंसल शनिवार 9 अक्टूर को मीडिया के सामने आईं। जबलपुर में पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने बताया कि वो इंसानियत के नाते हाथरस पहुंची थीं और पीड़िता के परिवार की मदद करना ही उनका मकसद था। राजकुमारी बंसल ने दावा किया है कि एक फॉरेंसिक एक्सपर्ट होने के नाते वो पीड़िता के इलाज से संबंधित दस्तावेज देखना चाहती थीं, लेकिन उन्हें दस्तावेज देखने को नहीं मिले हैं। उन्होंने कहा कि हाथरस की घटना ने उन्हें अंदर से झकझोर दिया था। लिहाजा पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने की लड़ाई में साथ देने ही वे हाथरस पहुंची थीं।

डॉक्टर के नक्सलियों से संबंध होने की बातें उठने पर उन्होंने कहा कि यदि उनके संबंध नक्सलियों से हैं तो जांच एजेंसियां इसे साबित करके दिखाएं। राजकुमारी बंसल ने खुद के फोन टैपिंग होने का भी आरोप लगाते हुए बाकायदा जबलपुर के साइबर सेल में इसकी शिकायत दर्ज कराने की तैयारी कर ली है। राजकुमारी बंसल ने नक्सलियों से संबंध होने की बात को सिरे से नकारते हुए शासन को जांच की चुनौती भी दी है।

डॉ. बंसल की नकली भाभी बताने पर वरिष्ठ पत्रकार पंकज चतुर्वेदी कहते हैं, 'हाथरस में पीड़ित लड़की के घर एक महिला तीन दिन रही, अचानक उसकी चर्चा हुयी, चूँकि वह जबलपुर की थी सो पहले पुलिस और उसके बाद मीडिया ने हाथरस का नक्सल कनेक्शन बना दिया। जान लें इन दिनों सारी सरकारी जांच एजेंसियों की जांच नक्सल, मुस्लिम गठजोड़ की थ्योरी पर ही चल रही हैं, भीका कोरेगाँव मामले में चार्जशीट में दर्ज है कि गौतम नवलखा अमेरिका में आईएसआई के एजेंट से मिले थे और नक्सलियों का नया केद्र भर्ती करने का टास्क कर रहे थे।'

इस मामले में पत्रकार संजीव खुदशाह ने अपने फेसबुक पर लिखा है, 'इस फोटो में नीले सलवार में बैठी हुई डॉक्टर राजकुमारी बंसल हैं। यह जबलपुर मेडिकल कॉलेज में पढ़ाती हैं। साथ साथ अंबेडकरवादी डॉक्टर एसोसिएशन की सदस्य भी हैं। एक समाज सेविका के रूप में जबलपुर में इनकी अच्छी खासी पहचान है। जहां कहीं भी कोई पीड़ित शोषित होता है उनके लिए लड़ने के लिए खड़ी हो जाती है। आज उनसे फोन पर मेरी बातचीत हुई उन्होंने बताया हाथरस के पीड़ित परिवार से मिलने के लिए वह गई थी। और वहां दो दिनों तक रुकी भी थी। इस समय पीड़ित परिवार को मानसिक संबल की बेहद जरूरत है। डॉ राजकुमारी ने यही किया उन्हें मानसिक सपोर्ट दिया, लेकिन मनुवादी सरकार और मीडिया इन्हें नक्सली बता रही हैं। आज डॉक्टर राजकुमारी बंसल बेहद परेशान है। जबलपुर में आने के बाद उनके साथ पूछताछ और नोटिस पेशी का सिलसिला चालू हो गया है। इस समय उन्हें आपके सपोर्ट की जरूरत है। जैसे भी हो आप संपर्क बनाए रखिए और उनका सपोर्ट करिए।'

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