Madhya Pradesh Crime News : 'संत महाराज को खुश कर दो..करोड़ों के मालिक हैं, बड़े लोगों में उठना-बैठना है...', रेप पीड़िता की आपबीती

Madhya Pradesh Crime News : ''कमरे के अंदर आते ही संत ने दादा से पूछा- दारू वगैरह का इंतजाम है या नहीं, मैं घबरा गई, मैंने जाने का कहा तो दादा बोला- अब कहां जाओगी, रात हो रही है, संत महाराज को खुश कर दो.....'''

Update: 2022-04-12 09:00 GMT

Madhya Pradesh Crime News : 'संत महाराज को खुश कर दो..करोड़ों के मालिक हैं, बड़े लोगों में उठना-बैठना है...', रेप पीड़िता की आपबीती

Madhya Pradesh Crime News : मध्यप्रदेश के रीवा में नाबालिग से रेप के मामले में आरोपी महंत सीताराम महाराज दास (Rape Accused Sitaram Maharaj Das) उर्फ समर्थ त्रिपाठी की गिरफ्तारी के बाद जांच जारी है। महंत पर आरोप है कि उसने 28 मार्च को रीवा के सर्किट हाउस (राजनिवास) के कमरा नंबर चार में नाबालिग के साथ दुष्कर्म किया था। नाबालिग ने एफआईआर में अपनी आपबीती बताई है।

पीड़िता के मुताबिक- ''मैं सत्रह साल की हूं। उमरी (सतना) की रहने वाली हूं। 28 मार्च की सुबह दस बजे रीवा के रहने वाले विनोद पांडे उर्फ दादा का फोन आया। बोला- कहां हो? तुम्हारा कोई कॉलेज का काम हो तो बताओ। मैंने उसे बताया कि फीस जमा करनी है लेकिन लिस्ट में नाम नहीं आ रहा। बोला- रीवा आ जाओ। काम करवा दूंगा। कॉल डिस्कनेक्ट होने के बाद उसने कई बार पोन किए। मैं करीब साढ़े बारह बजे रीवा पहुंची। उसका फिर कॉल आया और पूछा- आ गई? मैं हा कहते ही बोला- सैनिक स्कूल की तरफ आ जाओ। मैंने कहा- दादा मैं कॉलेज जा रही हूं। वहां नहीं आऊंगी। कॉलेज पहुंची तो फीस जमा करने के लिए अपना नंबर ढूंढा लेकिन नहीं मिला। कॉलेज में ही तीन बजे फिर दादा का कॉल आया और बोला- सैनिक स्कूल के पास आ जाओ। खा-पीकर मैं कॉलेज चलकर तुम्हारा काम करा दूंगा।'

''मैं वहां ऑटो से चली गई। तब चार बज रहे थे। सैनिक स्कूल के पास पहुंची तो दादा का फिर फोन आया। मैंने बताया कि मेरे पास ऑटोवाले को देने के लिए पैसे नहीं है, सिर्फ फीस के पैसे हैं। उसने किसी लड़के को भेजने की बात कही। कुछ देर बात सफेद रंग की कार से लड़का आया। उसने ऑटोवाले को सौ रुपये दिए। वह मुझे कार में बैठाकर सर्किट हाउस ले गया। दूसरी मंजिल पर दादा मिला। वह बोला- डरो मत, कुछ देर में एक संत आने वाले हैं। उनसे मिल लो, आशीर्वाद ले लो, फिर तुम्हारा काम करवाते हैं।''

पीड़िता के मुताबिक आधे घंटे बाद लाल रंग की धोती कुर्ता पहने लंबे बालों का एक व्यक्ति कमरे में आया। दादा ने परिचय कराते हुए कहा - संत हमारे साथ खाते-पीते हैं। दोस्त की तरह रहते हैं, संत तो दूसरों के लिए हैं। संत के साथ चेला भी था। दादा ने उसका नाम धीरेंद्र मिश्रा बताया। कमरे के अंदर आते ही संत ने दादा से पूछा- दारू वगैरह का इंतजाम है या नहीं। मैं घबरा गई। मैंने जाने का कहा तो दादा बोला- अब कहां जाओगी, रात हो रही है। संत महाराज को खुश कर दो। करोड़ों के मालिक हैं। बड़े लोगों में उठना-बैठना है।

कुछ देर बात जो लड़का मुझे कार से लेने आया था वहीं शराब की बोतलें लेकर कमरे में आया। दादा ने उसे कहा- मोनू चखना और ले आओ। दादा शराब के पैग बनाने लगा और सभी शराब पीने लगे। मुझे बहुत डर लग रहा था। मैं घर जाना चाहती थी पर वो लोग जाने नहीं दे रहे थे। दादा कह रहा था- संत को खुश कर दो। संत का चेला बोला- तुम्हारी लाइफ बन जाएगी। संत अपने चेले को टोकते हुए बोला- ज्यादा मत समझाओ, समझ जाएगी।

पीड़िता ने आगे बताया, ''मैं चुपचाप से वीडियो बनाने लगी। संत के देखने पर वीडियो बनाना बंद कर दिया। इतने में दीदी का फोन आया तो दादा ने जबरदस्ती मुझसे बुलवाया कि मेरा काम नहीं हो पाया है, घर नहीं आ सकूंगी। हॉस्टल में फ्रेंड के पास रुकी हूं। दादा ने जबरदस्ती शराब पिलाई और किस करने लगा। मैं भागी तो थप्पड़ मारे। बोला - अब कहां जाएगी। संत की सेवा तो करनी ही पड़ेगी। दादा, संत का चेला और मोनू कमरे के बाहर निकल गए। दरवाजा बाहर से लॉक कर दिया।''

''संत ने कमरे की लाइट ऑफ कर दी। मुझे खींचकर बिस्तर पर ले गया। मैं चिल्लाई तो मेरा मुंह दबाकर बोला- मेरी फीलिंग्स समझो। जबरदस्ती की कोई बात नहीं है। बस किस करने दो। जबरदस्ती मुझे किस करने लगा। मैं फिर चीखी तो बोला- अब तो जबरदस्ती करना ही पड़ेगा। उसने रेप करने के बाद धमकाते हुए कहा- मेरा बब्बा अयोध्या मंदिर के अध्यक्ष हैं। किसी को कुछ बताया तो तेरे मां-बाप और पूरे परिवार को खत्म कर दूंगा, मेरा कुछ नहीं कर पाएगी। ''

वह अपना मोबाइल खोजने लगा। नहीं मिला तो मेरे मोबाइल से दादा को फोन लगाकर कमरा खुलवाया। सभी मुझे नीचे ले गए, वहां कमरे में खाना लगा हुआ था। संत मुझे जबरदस्ती सलाद खिलाने लगा। मैंने रोका दो दादा बोला- संत महाराज की कृपा है तुम पर...खा लो इतने प्यार से तो किसी को नहीं खिलाते। मैंने फिर कहा- मुझे जाने दो। सभी काफी नशे में थे और मुझे घेरे हुए थे। संत ने दादा से कहा- इसे (मुझे) किसी होटल में छुड़वा दो।

दादा के कहने पर मोनू कार से मुझे किसी होटल के लिए लेकर निकला। मैंने रास्ते में कार रुकवाई और गेट खोलकर भागने लगी तभी एक परिचित और उसका दोस्त महाराज होटल के पास मिले। उनको बताया कि एक कार वाला मेरा पीछा कर रहा है। परिचित मुझे वहां से सीधे सिविल लाइन थाने ले गए। मैं बहुत घबराई हुई थी। रात में पुलिस को कुछ नहीं बता पाई। पिता के थाने आने पर मुझे हिम्मत मिली, इसके बाद एफआईआर कराई। 

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