मलाला यूसुफजई ने लिव इन रिलेशनशिप पर ऐसा क्या कह दिया जो परंपरावादियों की छाती पर लोट गया सांप
मलाला यूसुफजई को शादी पर वॉग मैगजीन को दिये गये एक बयान पर कट्टरपंथी समाज तमाम लानतें-मलानतें दे रहा है, न सिर्फ मलाला से बल्कि उनके पिता से तक पूछे जाने लगे हैं सवाल...
जनज्वार। मलाला यूसुफजई, यह नाम आज किसी पहचान का मोहताज नहीं है, लड़कियों की शिक्षा के लिए काम कर रही मलाला को नोबेल पुरस्कार तक मिल चुका है। तमाम सामाजिक राजनीतिक-सामाजिक मसलों पर अपनी तल्ख टिप्पणियों के लिये वो आये दिन चर्चा में रहती हैं। एक बार फिर से मलाला सोशल मीडिया पर चर्चा में हैं, मगर इस बार वह परंपरावादियों के निशाने पर हैं और उन्हें ट्रोल किया जा रहा है। ट्रोल किये जाने का कारण है लिव इन रिलेशनशिप पर दिया गया उनका चर्चित पत्रिका वॉग में दिया गया एक बयान, जिसको लेकर उन्हें मुस्लिम समाज तमाम लानतें-मलानतें दे रहा है। मलाला ब्रिटिश फ़ैशन मैगज़ीन वॉग के जुलाई अंक के कवर पेज पर हैं।
पाकिस्तान की 23 साल की मलाला को कुछ साल पहले दुनियाभर में लड़कियों की शिक्षा के लिए आवाज बुलंद करने की सजा के तौर पर आतंकियों ने जान से मारने की कोशिश की थी। आतंकियों की गोली का निशाना बनी मलाला तब बुरी तरह घायल हुयी थी और बमुश्किल उनकी जान बच पायी थी।
वॉग मैगजीन से हुई बातचीत में मलाला यूसुफजई कहती हैं, 'भले ही उनके माता-पिता ने अरेंज मैरिज की है, लेकिन वह शादी को इतना जरूरी नहीं मानती। मुझे आज भी समझ में नहीं आता कि लोग शादी क्यों करते हैं। अगर आपकी जिंदगी में कोई व्यक्ति है, तो आपको शादी के कागजों पर हस्ताक्षर क्यों करने होते हैं। यह एक पाटर्नरिशप ही क्यों नहीं रह सकती?'
जहां शादी के सवाल पर मलाला ने ऐसी टिप्पणी की कि पूरा समाज बिलबिला गयी, वहीं हिजाब पहनने को लेकर उन्होंने कहा कि यह उनकी धार्मिक आस्था से अधिक उनकी सांस्कृतिक पहचान को दर्शाता है। यह हम पश्तूनों का सांस्कृतिक प्रतीक है। इसलिए यह दर्शाता है कि मैं कहां से हूं। हम मुस्लिम लड़कियां, पश्तून लड़कियां या पाकिस्तानी लड़कियां, जब अपनी पारंपरिक पोशाक पहनती हैं, तो हमें दमित, बेजुबान या पितृसत्ता के अधीन रहने वाली कहा जाता है। मैं सभी को बताना चाहती हूं कि आपकी संस्कृति में भी आपकी अपनी आवाज हो सकती है और आपकी संस्कृति में समानता हो सकती है।'
मलाला के लिव इन रिलेशनशिप वाले बयान के बाद पूरा मुस्लिम समाज खासकर पाकिस्तान का परंपरावादी समाज बिलबिला गया है, लोग इसे लिव-इन रिलेशनशिप के तौर पर देख रहे हैं और उन्हें इसका सबसे बड़ा हिमायती करार दे रहे हैं। मलाला के आलोचक कह रहे हैं कि अब वह अपनी जड़ें भूल गई हैं।
मलाला ने अपने ट्वीटर हैंडल पर उनके तस्वीर वाला वॉग का कवर शेयर करते हुए लिखा है,'मैं जानती हूं कि एक जवान लड़की जिसका कोई मिशन, कोई विचारधारा हो उसके दिल में कितनी ताक़त होती है। और मुझे उम्मीद है कि हर लड़की जो इस कवर को देखेगी उसे पता होगा कि वह भी दुनिया को बदल सकती है।'
मलाला के इस ट्वीट पर हजारों हजार लोगों ने कमेंट किये हैं, कई ने उन्हें सराहा है तो कई ने उन्हें इस्लाम विरोधी करार दिया है।
BibliovertAfridi (Free Palestine नाम के यूजर ने ट्वीट किया है, 'आप फ़िलिस्तीनियों और कश्मीरियों के लिए मज़बूती से बात कर सकती थीं, लेकिन आपने ऐसा नहीं करने का फैसला किया। मेरी इच्छा है कि इस कवर को देखने वाली हर लड़की को पता चले कि आपके पास बदलाव में योगदान करने का मौका था और आपने अपने छोटे से लाभ के लिए ऐसा नहीं करने का फैसला किया।'
हुस्ना कहती हैं, 'आपकी सोच इस्लामिक मान्यताओं के खिलाफ क्यों जा रही है?'
अंसु ने ट्वीट किया है, 'फ़िलिस्तीन में भी बहुत सी ऐसी छोटी लड़कियां हैं, जिनके पास एक विजन और एक मिशन था। आप क्या कहती हैं? यदि आप चाहती तो आप उन छोटी लड़कियों के लिए अपनी आवाज का इस्तेमाल कर सकती थी, यदि आप वास्तव में यहां जो कह रही हैं उसका मतलब है... बस सोच रही थी।'
सैफुल्लाह ने ट्वीट किया है, 'मलाला को दुनियाभर के सभी मुसलमानों को सॉरी कहना चाहिए। आप कहती हैं कि लोग शादी क्यों करते हैं, बिना शादी के एक साथ क्यों नहीं रह सकते??? यह क्या है?'
मलाला की लानत-मलानत तो छोड़िये उनके लिव इन रिलेशनशिप पर दिये गये उनके बयान पर समाज के ठेकेदारों ने उनके पिता से भी सवाल करने शुरू कर दिये हैं। पेशावर में क़ासिम अली ख़ान मस्जिद के इमाम मुफ़्ती पोपलज़ई की तरफ़ से किये गए एक ट्वीट में मलाला के पिता ज़ियाउद्दीन यूसुफ़ज़ई से सफ़ाई मांगी गयी है, "सोशल मीडिया पर एक ख़बर घूम रही है, कि आपकी बेटी मलाला यूसुफ़ज़ई ने शादी को स्पष्ट रूप से ख़ारिज करते हुए कहा है कि शादी करने से बेहतर है कि निकाह के बजाय पार्टनरशिप की जाए। इस बयान से हम सभी बेहद आहत हैं। आप स्पष्ट करें।"
इसके जवाब में मलाला के पिता ने लिखा है, 'प्रिय मुफ़्ती पोपलज़ई साहब, ऐसी कोई बात नहीं है। मीडिया और सोशल मीडिया ने उनके इंटरव्यू के अंश को तोड़-मरोड़ कर अपनी-अपनी व्याख्याओं के साथ शेयर किया हैं और बस।"
लिव इन रिलेशनशिप के अलावा मलाला ने यह भी कहा है, 'यूनिवर्सिटी के दूसरे वर्ष तक मैं यही सोचती थी कि मैं कभी शादी नहीं करूंगी, बच्चे पैदा नहीं करूंगी, बस काम करूंगी। मैं ख़ुश रहूंगी और हमेशा अपने परिवार के साथ रहूंगी, लेकिन मुझे नहीं पता था कि हम हमेशा एक जैसे इंसान नहीं रहते। हमारे अंदर बदलाव आता है और हमारी सोच बदल जाती है। सबसे अच्छी शादी वास्तव में पार्टनरशिप होती है।"
गौरतलब है कि मलाला यूसुफ़ज़ई पर अक्टूबर 2012 में आतंकियों ने जानलेवा हमला किया था, जिसके बाद उन्हें इलाज के लिए इंग्लैंड भेजा गया था और ठीक होने के बाद वह वहीं पढ़ाई कर रही हैं। मलाला ने पिछले साल ही ऑक्सफ़ोर्ड यूनिवर्सिटी से दर्शनशास्त्र, राजनीति और अर्थशास्त्र में डिग्री हासिल की है 2014 में नोबेल पुरस्कार से सम्मानित मलाला दुनिया में अब तक की सबसे कम उम्र की नोबेल पुरस्कार विजेता हैं।