कोरोना संक्रमण के बीच डिलिवरी के 15वें दिन ही बच्चे को लेकर काम पर लौटीं SDM, हो रही तारीफ

SDM का कहना है जब दूसरे कर्मचारी कोरोना संक्रमण से निबटने के लिए काम कर रहे हैं, तो वे कैसे लंबी छुट्टी ले सकती हैं...

Update: 2020-10-13 03:27 GMT

एसडीएम सौम्या पांडेय अपनी बेटी के साथ ऑफिस में।

जनज्वार। गाजियाबाद के मोदीनगर की एसडीएम कोरोना संक्रमण के बीच काम के प्रति अपने समर्पण को लेकर चर्चा में हैं। वे अपने बच्चे की डिलिवरी के 15वें दिन ही बेटी को गोद में लेकर काम पर लौट आयी हैं। सौम्या पांडेय इन दिनों अपनी बेटी को गोद में लिए अपने ऑफिस में दिखती हैं। वे बच्ची को गोद में लेकर ही अपने कामकाज का निबटारा करती हैं।

26 वर्षीया आइएएस अधिकारी सौम्या पांडेय अपने क्षेत्र में कोरोना संक्रमण को रोकने की दिशा में प्रभावी कदम उठाना चाहती हैं, इस वजह से उन्होंने ड्यूटी पर लौटने का निर्णय लिया। सौम्या पांडेय जब सात महीने की गर्भवती थीं तब उन्हें जुलाई में गाजियाबाद जिले में कोरोना संक्रमण नियंत्रित करने के लिए नोडल अधिकारी बनाया गया था। वे उस वक्त चाहती थीं तो स्वयं के गर्भवती होने का हवाला देते हुए इस कठिन जिम्मेवारी से बच सकती थीं, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया।

सौम्या पांडेय ने मैटरनिटी लीव नहीं लिया और लगातार जिले के प्रभावित इलाकों का दौरा जारी रखा और उस अनुसार आवश्यक कदम उठाया। उन्होंने लगातार विभिन्न विभागों से समन्यव बनाकर काम किया।

सौम्या पांडेय ने 17 सितंबर को मेरठ के एक अस्पताल में एक बेटी को जन्म दिया और फिर एक अक्तूबर को उस बच्ची को गोद में लेकर ऑफिस ज्वाइन कर लिया।

सौम्या पांडेय का कहना है कि डाॅक्टर, नर्स से लेकर विभिन्न प्रकार के कर्मचारी कोरोना संक्रमण के दौरान कार्य कर रहे हैं, ऐसे में अपनी ड्यूटी कैसे छोड़ सकती हूं। उनका कहना है कि जब वे गर्भवती थीं तो डीएम व जिला प्रशासन ने उन्हें पूरा सपोर्ट किया। उन्होंने कहा कि डिलिवरी के लिए 22 दिन की छुट्टी ली थी और बच्ची की जन्म के दो सप्ताह बाद ऑफिस ज्वाइन कर लिया।

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