छत्तीसगढ़ की गौशाला में हुई 50 से अधिक गायों की मौत, कुछ ही दिन पहले गोबर खरीद का आया था झुनझुना
भूपेश बघेल सरकार ने कुछ दिनों पहले ही गोधन योजना के नाम पर 2 रुपये किलो की दर से गोबर खरीदने की योजना शुरू की है, बिलासपुर जिले के मेड़पार गाँव के छोटे से पंचायत भवन में सरकारी गौठान के नाम पर सैकड़ो मवेशियों को कचरे कि तरह ठूसकर भरा गया था....
संजय ठाकुर की रिपोर्ट
बिलासपुर। छ्त्तीसगढ के बिलासपुर जिले के तखतपुर में 50 से अधिक गायों के मौत का मामला सामने आया है। जानकारी के मुताबिक सरकारी गौठान के नाम पर गांव के पंचायत भवन में सैकड़ों गायों को ठूसकर भरा गया था, जहां बारिश के बाद कीचड़ से भरे कमरे के अंदर 50 से अधिक गायों ने दम तोड़ दिया।
बता दें कि भूपेश बघेल सरकार ने कुछ दिनों पहले ही गोधन योजना के नाम पर 2 रुपये किलो की दर से गोबर खरीदने की योजना शुरू की है।
बिलासपुर जिले के मेड़पार गाँव के छोटे से पंचायत भवन में सरकारी गौठान के नाम पर सैकड़ो मवेशियों को कचरे कि तरह ठूसकर भरा गया था। आज सुबह जब गांववालो ने गायों के चीखने की आवाज सुनी तो गौठान में उन्हें 50 से अधिक गाय मरी हुई मिली। वहीं कुछ जिंदा गायो को गांववालो ने बाहर निकाला।
छ्त्तीसगढ में भूपेष बघेल सरकार ने नरवा-गरवा- घुरवा-बाड़ी योजना शुरू की थी, जिसमें हर गांव में एक गौठान का निर्माण होना था जहां आवारा मवेशियों के साथ ग्रामीणों की गायों को भी रखा जाता है लेकिन मेड़पार गांव में गौठान की जगह पंचायत भवन में ही गांयों को ठूस दिया गया था।
वहीं गांयों की मौत के इस मामले में कांग्रेस प्रवक्ता सुशील आनंद शुक्ला का कहना है कि, भूपेष बघेल सरकार गोवंश के संरक्षण के लिए काम कर रही है। गायों की मौत आपत्तिजनक है। दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी।