Munawwar Rana ने Yogi की तारीफ लिखा शेर, यू-टर्न देख पाठकों ने लिखा - यह भी कायर निकला

Munawwar Rana : मां से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मुलाकात की तस्वीर को साझा करते मशहूर शायर मुनव्वर राना ने शेर लिखकर तारीफ की, उनकी अब खूब आलोचना हो रही है....

Update: 2022-05-05 12:21 GMT

Munawwar Rana ने Yogi की तारीफ लिखा शेर, यू-टर्न देख पाठकों ने लिखा - यह भी कायर निकला

Munawwar Rana : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) इन दिनों तीन दिवसीय उत्तराखंड दौरे पर हैं। योगी आदित्यनाथ गुरुवार को हरिद्वार (Haridwar) पहुंचे हैं। इससे पहले वह अपने पौड़ी जिले स्थित गांव पंचूर पहुंचे। इस दौरान उन्होंने अपनी मां से भी वर्षों बाद मुलाकात की। मां के साथ योगी की तस्वीरें सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रही हैं और इनपर खूब चर्चा भी हो रही है। इस बीच मशहूर शायर मुनव्वर राणा (Munawwar Rana) ने भी उनकी तस्वीर अपने सोशल मीडिया हैंडल्स से साझा किया है। इस तस्वीर के साथ मुनव्वर राणा ने शायरी भरे अंदाज में लिखा- 'मेरी ख्वाहिश है कि मैं फिर से फरिश्ता हो जाऊं, मां से इस तरह लिपट जाऊं कि बच्चा हो जाऊं।'

योगी सीएम बने तो छोड़ दूंगा उत्तर प्रदेश...

अब मुनव्वर राणा (Munawwar Rana) के इस ट्वीट पर भी खूब चर्चा हो रही है। बता दें कि उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव 2022 से पहले मुनव्वर राना ने कहा था कि अगर प्रदेश में योगी की सरकार बनी तो वह पलायन कर लेंगे। राना ने कहा था कि अब यूपी में हालात ठीक नहीं हैं। इस बार यूपी में योगी की सरकार बनी तो पलायन कर लूंगा। इस बात को स्पष्ट तौर पर नोट कर लिया जाए। 

कैराना से हिंदुओं के कथित पलायन को लेकर राना ने कहा था कि अगर कैराना से दस हिंदुओं के पलायन का जिक्र किया जाता है तो हजारों मुसलमान भी यहां से पलायन कर रहे हैं जिस पर ध्यान दिया जाना चाहिए। मुख्यमंत्री योगी पर निशाना साधते हुए उन्होंने (Munawwar Rana) कहा था कि मुसलमानों ने अपने घरों में छुरी तक रखना बंद कर दिया है पता नहीं कब योगी उनको बद करवा दें। लेकिन अब योगी की तस्वीर साझा कर सोशल मीडिया यूजर्स इसे यू-टर्न मान रहे हैं। 

सोशल मीडिया यूजर्स कर रहे ऐसी टिप्पणी

चिरांद नाम के एक ट्विटर हैंडल ने तंज कसते हुए लिखा- मेरी ख्वाहिश है, मैं फिर सुधर जाऊं, जो एक मौका दे दें योगी महाराज, मैं उनके चरण भी धोकर पी जाऊं। 

संजय तिवारी नाम के ट्विटर यूजर ने लिखा- आजकल कहां हो चच्चा। यूपी से गए कहीं और या किसी कोने में यहीं पर हो आप। असल में आपने जुबान दी थी इसलिए पूछा, वरना तो आपका फैन मैं भी था कभी लेकिन आप भी खा पीकर छेद करने वालों में शामिल हो गए।

मुनव्वर राना ने इसी पोस्ट को फेसबुक पर पोस्ट किया है। इस पर भी तरह-तरह की टिप्पणियां आ रही हैं। आरती तिवारी नाम की यूजर ने प्रतिक्रिया देते हुए लिखा- हैं ये क्या हुआ? सूरज किधर से उग गया। वहीं अनीता सिंह ने लिखा- ऐसा तहलका मचा बदल गया चचा।

उनकी इस पोस्ट पर डॉ. सिराज ने टिप्पणी की- एक डरे हुए लेखक से उम्मीद भी क्या की जा सकती है। आपके व्यक्तित्व और कृतित्व में भारी अंतर दिखाई देता है। वहीं उमर खान नाम के यूजर ने लिखा- महाराज जी सभी बच्चे अपनी मां से ऐसे ही प्यार करते हैं..और मां भी अपने बच्चों से ऐसे ही प्यार करती है.. लेकिन जिनके घरों पर बुलडोजर चला है वो मां अपने बच्चों को लेकर बाहर बैठी हैं।

मोहम्मद अरशद नाम के यूजर ने टिप्पणी की- मुनव्वर राना साहब इसीलिए कहते हैं कि दानिशमंद होना और शायर होना दोनों मे फर्क होता है। जब कोई चीज को बदलना अपने हाथों में ना हो तब खामोशी से खुद को मजबूत बनाने की तरफ ध्यान देने की जरूरत और उलजलूल कहने से पहले इस बात को तय कर लेना जरूरी की बाद में मुंह देखी ना कहनी पड़े, इससे कद्दावर बनने की मुहिम को झटका लगता है और रुसवाई का भी सामना करना पड़ता है ! पहले जलाल देखा और अब मुंह देखी बात करते हुए देख रहा हूं, इसका मतलब पहले तौलो फिर बोलो इसी मे अकलमंदी !

पर्झ पोसाना नाम के यूजर ने टिप्पणी की कि मेरी ख्वाहिश है कि मैं योगी जी के गले लग जाऊं, घर वापसी कर मैं बजरंग दल का सदस्य हो जाऊं, दिल कहता है कुछ इस तरह लिपट जाऊं। वहीं अवधेश सिंह लिखते हैं- भारत में चारण और भाटों की लंबी परंपरा रही है। राना साहब इसी कड़ी के भांट साबित हुए। एक यूजर ने टिप्पणी कि यह भी कायर निकला। 

अब मुनव्वर राना ने क्या कहा

पोस्ट पर तमाम तरह की प्रतिक्रिया आने के बाद मुनव्वर राना ने कहा - योगी जी अपनी मां से मिले। उनके आंचल के नीचे खड़े हुए। जाहिर सी बात है कि हमारी पूरी जिंदगी की इबादत यह है कि मैंने मां से मोहब्बत की है और मुझे मां से मोहब्बत करने वाले अच्छे लगते हैं। पता नहीं यह मेरी कमजोरी है या मेरा नशा है या मेरा इश्क है। जो भी मां से मोहब्बत करता है वो दिन के कोने में बहुत अच्छा लगता है। पहले तो मेरी मां थी अब मौजूद नहीं है जिसके पास भी मां मौजूद हो तो वो अपनी मां से मिलता है। उसकी मां में मैं अपनी मां याद कर लेता हूं। योगी जी को मैंने मुलाकात में किताब दी थी, शायद उन्होंने पढ़ी हो। सारी जन्नतें हमारी मां के नीचे हैं। बल्कि हमारा एक शेर भी है- 'बुलंदियों का बड़े से बड़ा निशान छुआ, उठाया गोद में मां ने तब आसमान हुआ।'


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