लॉकडाउन में ऑनलाइन बुकिंग से पैर पसारता देह व्यापार, कस्टमर बनकर पहुंची नोएडा पुलिस ने बरामद कीं 2 लड़कियां

जिस्मफरोशी गिरोह के सदस्य पांच हजार से 20 हजार में ग्राहक से डील तय करते थे, इसमें से लड़कियों को 1500 रुपये मिलते थे और बाकी का पैसा खुद हड़प जाते थे, डील तय होने के बाद गिरोह के सदस्य लड़कियों को ग्राहक की ओर से बताए गए निर्धारित स्थान पर पहुंचाते थे...

Update: 2021-06-20 07:39 GMT

ऑनलाइन माध्यम से लॉकडाउन में खूब पैर पसार रहा जिस्मफरोशी का धंधा

नोएडा, जनज्वार। लॉकडाउन में ऑनलाइन की दुनिया विस्तार पा रही है, मगर इसका उपयोग और दुरुपयोग दोनों सामने आ रहे हैं। कोविड लॉकडाउन के बीच जिस्मफरोशी का धंधा तक ऑनलाइन किया जा रहा है। ऐसे ही एक ऑनलाइन गिरोह का भंडाफोड़ नोएडा पुलिस ने किया है। पुलिस ने जिस्मफरोशी के धंधे में शामिल दो युवतियोंं के अलावा 2 आरोपियोंं को भी गिरफ्तार किया है।

मीडिया में आ रही जानकारी के मुताबिक शनिवार 19 जून को यूपी में नोएडा के सेक्टर-56 स्थित गेस्ट हाउस से थाना प्रभारी एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट के नेतृत्व में एएचटीयू की पुलिस ने ऑनलाइन बुकिंग के माध्यम से देह व्यापार कराने वाले एक गिरोह को पकड़ा है। जिस्मफरोशी का धंधा करने वाले 2 आरोपियों को पुलिस ने अपनी गिरफ्त में लेकर हिरासत में डाल दिया है। जिस्मफरोशी का धंधा करवाने वाले आरोपियों की पहचान नेपाल निवासी बुद्धिमान लामा और पंजाब निवासी मोनू के रूप में हुई है। ये दोनों दिल्ली से गिरोह को ऑपरेट करते थे।

पुलिस ने आरोपियों से आईटेन कार और तीन मोबाइल के अलावा तकरीबन 25 हजार रुपया कैश भी बरामद किया। पूछताछ के बाद पता चला कि जिस्मफरोशी के गिरोह में शामिल एक आरोपी मौके से फरार हो गया था, जिसकी तलाश की जा रही है। आरोपियों के खिलाफ थाना सेक्टर 58 में संबंधित धाराओं में केस दर्ज किया गया है।

मामले की जांच कर रही नोएडा पुलिस के डीसीपी वृंदा शुक्ला ने मीडिया से हुइै बातचीत में कहा कि देह व्यापार के साथ ही ह्यूमन ट्रैफिकिंग वाले पहलू को भी शामिल कर हम इस मामले की जांच कर रहे हैं। जो दो युवतियां हिरासत में ली गई हैं, उनमें से एक नेपाल और दूसरी लड़की प​श्चिम बंगाल की है। पुलिस का कहना है कि यह मामला ह्यूमन ट्रैफिकिंग का भी हो सकता है।

डीसीपी वृंदा शुक्ला के मुताबिक कुछ दिन पहले पुलिस को सूचना मिली कि ऑनलाइन बुकिंग कर एक गिरोह महिलाओं से जिस्मफरोशी का धंधा करवा रहा है। शिकायत करने वाले व्यक्ति ने पुलिस के साथ एक ईमेल आईडी भी साझा की थी और बताया था कि सारी डील वॉट्सऐप पर ही की जाती है। डील फिक्स करने के बाद लड़कियां देह व्यापार के लिए निर्धारित स्थान पर भेजी जाती हैं।

लीड मिलने के बाद पुलिसकर्मी कस्टमर बनकर इस गिरोह के पास पहुंचे। टीम के लोगों ने कस्टमर बनकर बातचीत की और गिरोह के सदस्यों से शनिवार 19 जून के लिए डील तय की। 19 जून को जब गिरोह के दो सदस्य डील के अनुसार ​निर्धारित जगह पर लड़कियों को छोड़ने आए तो पुलिस ने उन्हें पकड़ लिया।

डीसीपी वृंदा शुक्ला के मुताबिक जिस्मफरोशी गिरोह के सदस्य पांच हजार से 20 हजार में ग्राहक से डील तय करते थे। इसमें से लड़कियों को 1500 रुपये मिलते थे और बाकी का पैसा खुद हड़प जाते थे। डील तय होने के बाद गिरोह के सदस्य लड़कियों को ग्राहक की ओर से बताए गए निर्धारित स्थान पर पहुंचाते थे। इस डील में गिरोह की तरफ से नहीं बल्कि ग्राहक की तरफ से होटल, घर और कोठी का इंतजाम किया जाता था और आरोपी लड़कियों को सिर्फ छोड़कर चले जाते थे।

जिस तरह कोरोना के कारण दुनिया के ज्यादातर धंधे'ऑनलाइन मॉड पर आ गये हैं, उसी तरह जिस्म का धंधा भी ऑनलाइन डील किया जा रहा है। कोरोना काल में यह पहला मामला नहीं है, जब पुलिस ने जिस्मफरोशों को पकड़ा, बल्कि देशभर में कई जगहों से ऐसे मामलों का खुलासा हो रहा है। पिछले दिनों यूपी का हाई प्रोफाइल मामला सुर्खियों में रहा था, जिसमें बाहर से बुलायी गयी कॉलगर्ल की मौत हो गयी थी। 

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