OBC समुदाय के युवक से रिलेशनशिप रखने पर माता-पिता ने गला दबाकर बेटी को मार डाला
कॉलेज से लौटने के बाद से लड़की बीमार हो गई थी और उसे मासिक धर्म नहीं हुआ था। उसके पिता उसे कुरनूल के एक निजी अस्पताल में ले गए, जहां डॉक्टरों ने बताया कि वह गर्भवती है।
जनज्वार ब्यूरो। तेलंगाना में सवर्ण समुदाय की 20 वर्षीय लड़की को एक ओबीसी (अन्य पिछड़ा वर्ग) व्यक्ति के प्यार में पड़ना महंगा पड़ गया। दोनों का संबंध जब बेटी के माता-पिता को नागवार गुजरा तो उसकी कथित तौर पर गला दबाकर हत्या कर दी। कथित रूप से गर्भवती होने के बाद महिला के माता-पिता ने बेटी को मार डाला। यह घटना रविवार 7 जून की सुबह जोगुलम्बा-गडवाल जिले के मनावापाडु मंडल में स्थित कालाकुंटला गाँव में घटी।
जोगुलम्बा-गडवाल जिला पुलिस के अनुसार, भास्करैया वुप्पला और वीरमम्मा (माता-पिता) की तीन बेटियां हैं और मृतक दिव्या उनमें से एक थी। दिव्या आंध्र प्रदेश के कुरनूल के एक निजी कॉलेज से अपनी स्नातक की डिग्री हासिल कर रही थी, जहाँ वह अपने प्रेमी से मिली, जो उसके साथ पढ़ रहा था।
प्रथम वर्ष की छात्रा दिव्या तालाबंदी शुरू होने के बाद मार्च में आंध्र प्रदेश से घर लौटी थी। दिव्या जो उच्च जाति के वैश्य समुदाय से ताल्लुक रखती थी, उसने अपने माता-पिता से अपने रिश्ते का खुलासा नहीं किया था क्योंकि उसका प्रेमी बोया समुदाय (अन्य पिछड़ा वर्ग) का था।
कॉलेज से लौटने के बाद से लड़की बीमार हो गई थी और उसे मासिक धर्म नहीं हुआ था। उसके पिता उसे शनिवार 6 जून को कुरनूल के एक निजी अस्पताल में ले गए, जहां डॉक्टरों ने उन्हें सूचित किया गया कि वह गर्भवती है।
भास्करैया और वीरम्मा कथित रूप से दिव्या को बच्चे का गर्भपात कराना चाहते थे लेकिन उसने कथित तौर पर ऐसा करने से मना कर दिया। पुलिस ने कहा कि उसके माता-पिता ने कथित तौर पर उसे गर्भपात की धमकी देकर कहा था कि वह गर्भवती होने की खबर को परिवार के लिए "अपमानित" करेगी।
अस्पताल से लौटने के बाद दिव्या अपने कमरे में सोने चली गई। रविवार को सुबह लगभग 4 बजे भास्करैया और वीरम्मा ने कथित तौर पर उसकी गला दबाकर हत्या कर दी। रविवार की सुबह दिव्या के माता-पिता ने कथित तौर पर अपने पड़ोसियों और रिश्तेदारों को सूचित किया कि कार्डियक अरेस्ट से उसकी मृत्यु हो गई है। हालांकि दिव्या के पड़ोसियों को जब शक गहराया तो उन्होंने कथित तौर पर ग्राम सचिव से बात की थी।
इसके बाद शांति नगर पुलिस ने बाद में रविवार दोपहर भास्करैया और वीरम्मा को हिरासत में लिया और उनसे पूछताछ शुरू की। शांति नगर पुलिस स्टेशन के सब इंस्पेक्टर श्रीहरि के ने कहा, 'उसके माता-पिता को पता चला था कि वह गर्भवती है और उसे एक नीची जाति के व्यक्ति से प्यार हो गया, उसके माता-पिता ने मान लिया कि यह गाँव में उनकी प्रतिष्ठा को धूमिल कर देगा। रविवार की सुबह उसके पिता ने उसका गला घोंट दिया, जबकि उसकी माँ ने उसका चेहरा तकिये से ढँक दिया था।
ग्राम पंचायत सचिव ने कथित तौर पर दिव्या के पड़ौसियों के साथ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी। रविवार को धारा 174 के तहत एफआईआर दर्ज की गई थी जो शिकायत दर्ज होने के बाद आपराधिक प्रक्रिया संहिता के तहत पुलिस को जांच का अधिकार देता है।
श्री हरि ने आगे बताया, 'जब हमने उसके शरीर की जांच की तो उसकी गर्दन पर कई छोटी चोटें आईं हुईं थीं। पूछताछ के दौरान दोनों माता-पिता ने अपराध कबूल कर लिया है। शव परीक्षण से पता चला कि दिव्या 13 सप्ताह की गर्भवती थी। पुलिस ने कहा कि दिव्या के माता-पिता ने कथित तौर पर उसे मार डाला क्योंकि उसने बच्चे का गर्भपात करने से इनकार कर दिया था। पुलिस द्वारा बयान दर्ज किए जाने के बाद भारतीय दंड संहिता की धारा 302 के तहत हत्या का मामला दर्ज किया गया है।'
शांतिनगर सर्किल इंस्पेक्टर के के वेंकटेश्वरु ने कहा कि आरोपियों को सोमवार को औपचारिक रूप से गिरफ्तार करने के बाद न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।