Kanpur Crime Update: मृतका के गर्भवती होने के बाद भी करते रहे रेप, नौकरी पर हाजिर तो पुलिस रिकार्ड में फरार रहा लेखपाल

अपने जिंदा रहते किशोरी मदद के लिए दर-दर भटकी, उसने हर वो चौखट नापी जहां से न्याय मिलता है बावजूद इसके गरीब अभागी किशोरी को यह सड़ा हुआ सिस्टम उसकी मौत के बाद भी ठीक से न्याय दिला पाएगा कहना कठिन है...

Update: 2021-12-16 03:13 GMT

(किशोरी की मौत के बाद जेल भेजा गया आरोपी लेखपाल)

Kanpur Crime Update: कानपुर के बिल्हौर स्थित ककवन में 15 वर्षीय किशोरी से गैंगरेप का आरोपी लेखपाल भले ही सलाखों के पीछे पहुँच गया हो लेकिन किशोरी के साथ की गई हैवानियत पुलिस व समाज के लिए भी बड़ा प्रश्नचिंह है। इस मामले में किशोरी सहित उसके गर्भ में पल रहे बच्चे की भी मौत हो चुकी है।

अपने जिंदा रहते किशोरी मदद के लिए दर-दर भटकी, उसने हर वो चौखट नापी जहां से न्याय मिलता है बावजूद इसके गरीब अभागी किशोरी को यह सड़ा हुआ सिस्टम उसकी मौत के बाद भी ठीक से न्याय दिला पाएगा कहना कठिन है। मृतका का रोता बिलखता पिता अब वर्दी और खाकी के नाम से भी नफरत करने लगा है।

पुलिस से फरार लेखपाल करता रहा नौकरी 

दुष्कर्मी लेखपाल रंजीत वरबार हर सुबह नौकरी पर जाता था। और तो और केस दर्ज होने के बाद वह गांव भी गया था। तहसील परिसर में भी बेधड़क घूमता था। लेकिन हद यह रही की वह पुलिसिया रिकॉर्ड में फरार चलता रहा। इससे साफ होता है कि पुलिस उसे गिरफ्तार ही नहीं करना चाह रही थी। यही वजह रही की मंगलवार को पीड़िता की मौत होने के बाद जब दबाव पड़ा तो चंद घंटे बाद ही आरोपी को पकड़ लिया गया।

दो और आरोपी आए सामने 

पुलिस ने किशोरी की मौत के बाद जब गांव के किशोरों से पूछताछ की तो दो किशोरों ने कुबूल किया कि उन्होने किशोरी से संबंध बनाए थे। अब पुलिस इन्हें अज्ञात में में शामिल करेगी या फिर लेखपाल के दो अन्य साथियों को खोजेगी यह फिलहाल जांच का विषय है। क्योंकि किशोरी दोनो आरोपियों को नहीं पहचानती थी। यदि आरोपी गांव के होते तो जाहिर है किशोरी पहचान जाती।

 जांच के आदेश पर शून्य रही कार्रवाई 

इस पूरे केस में बिल्हौर सीओ राजेश कुमार, पूर्व एसओ ककवन केके कश्यप सहित वर्तमान एसओ कौशलेंद्र प्रताप सिंह सवालों के घेरे में हैं। पॉक्सो जैसे मामले में दो महीने के भीतर ही विवेचना पूरी करनी होती है उसमें सिर्फ एक गिरफ्तारी की गई। वो भी तब जब पीड़ित ने आईजी से गुहार लगाई। अफसरों ने लापरवाही तो मानी लेकिन अब तक किसी पर कार्रवाई नहीं हुई। 

पुलिस ने गांव नहीं ले जाने दिया शव 

मोर्चरी में सुबह एएसपी आउटर आदित्य शुक्ला, सीओ सदर, सीओ बिल्हौर, ककवन एसओ समेत अन्य पुलिसबल पहुँच गया था। आनन-फानन पोस्टमॉर्टम कराया गया। जिसके बाद परिजनों ने भैरव घाट पर अंतिम संस्कार किया। ककवन में घटना को लेकर कुछ विपक्षी नेता पहुँचे थे, जिस कारण पुलिस ने किशोरी का शव गांव नहीं ले जाने दिया। 

आईजी रेंज प्रशांत कुमार ने बताया कि, 'मुख्य आरोपी पहले ही जेल भेजा जा चुका है। साथ ही नामजद दूसरे आरोपी लेखपाल को भी गिरफ्तार कर जेल भेजा दिया गया है। केस में अज्ञात आरोपियों की तलाश की जा रही है। जल्द ही उनकी भी पहचान कर जेल भेजा जाएगा।' 

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