UP : कानपुर में 8 दिन पहले लापता हुई किशोरी का मिला कंकाल, शरीर से गायब थीं कई हड्डियां
पोस्टमार्टम में गायब मिलीं बच्ची की कई हड्डियां, दोनों हाथ के पंजे नहीं थे, कई पसलियां नहीं मिलीं, एक पैर की हड्डियां नहीं मिलीं, रीढ़ की कुछ हड्डियां भी नहीं थीं...
मनीष दुबे की रिपोर्ट
जनज्वार, कानपुर। यूपी में कानपुर देहात के रूरा में जमीन विवाद में एक किशोरी की हत्या कर उसके टुकड़े कर दिए गए। शनिवार को खेत में मिले कंकाल के पास मिले कपड़ों से परिजन ने अपनी लापता बेटी कि पहचान की। आरोप है कि लापता बेटी की हत्या कर शव के टुकड़े कर इधर-उधर फेंक दिए गए। वारदात रूरा के गहोलिया गांव में हुई। परिजनों ने कल 3 अक्टूबर को खेत में मिले कंकाल की पहचान गायब हुई अपनी बच्ची के रूप में की।
मौके पर पहुंचे एसपी और फोरेंसिक टीम ने जांच पड़ताल की। पता चला कि रूरा कस्बे के गहोलिया गांव निवासी अनुसूचित जाति के ओमप्रकाश की 15 वर्षीय बेटी लक्ष्मी 26 सितंबर की सुबह खेत गई थी। इसके बाद घर नहीं लौटी। पिता ने 27 सितंबर को अज्ञात के खिलाफ अपहरण की रिपोर्ट दर्ज कराई थी।
शनिवार 3 अक्टूबर की सुबह बच्चों ने खेत में कुर्ता-पायजामी व कुछ दूरी पर कंकाल पड़ा देखकर परिजनों को जानकारी दी। मौके पर पहुंचे ओमप्रकाश ने कपड़ों के आधार पर अपनी बेटी के रूप में पहचान की। जानकारी लगते ही मां माया देवी व भाई महेंद्र पहुंचे और रोने बिलखने लगे।
परिजनों ने एसपी केशव कुमार चौधरी को बताया कि भाइयों से जमीन को लेकर पुरानी रंजिश है। मृतका के पिता ने बड़े दो भाइयों पर बेटी की रंजिश में हत्या की आशंका जताई। पुलिस ने आरोपी ताऊ बृजलाल और सियालाल को हिरासत में ले लिया। फोरेंसिक टीम ने मृतका का कंकाल व कपड़े सील कर पोस्टमार्टम हाउस भेजा।
खेत में मिला लक्ष्मी का अस्थि पंजर पुलिस ने पोस्टमार्टम के लिए भेजा। अकबरपुर में पोस्टमार्टम के दौरान कई हड्डियां नहीं मिलीं। दोनों हाथ के पंजे नहीं थे। कई पसलियां नहीं मिलीं। एक पैर की हड्डियां नहीं मिलीं। रीढ़ की कुछ हड्डियां भी नहीं थीं। एक पैर की हड्डी मिली, जिसमें से पैर का पंजा गायब था। सिर की सभी हड्डियां मिलीं। जबकि, निचला जबड़ा शव कई दिन पुराना होने और अस्थि पंजर बचने से कई हड्डियां अलग हो चुकी हैं।
शनिवार को खेत में कंकाल मिला तो परिजन बदहवास हो गए। ओमप्रकाश ने रुंधे गले से बताया कि हर पल बेटी की घर वापस की आस लगी रहती थी। मां माया देवी ने कहा कि कान में बेटी की आवाज गूंजती तो लगता वह आ गई। बेटे के सदमे से उभर नहीं सके थे कि दूसरा गम मिल गया। बेटे के बाद बेटी की इस तरह से मौत परिवार को दोहरा गम दे गई।
रंजिश की बात आ रही सामने
गहोलिया गांव के ओमप्रकाश ने पुलिस को बताया कि पिता फुंदीलाल की देखरेख पत्नी मायादेवी करती थी। इस पर खुश होकर पिता ने बहू माया देवी के नाम दो बीघे जमीन कर दी थी। इसकी रंजिश बड़े भाई बृजलाल और सियालाल मानते थे। बाद में पिता की मौत हो गई। कई बार इसी जमीन को लेकर भाइयों ने विवाद किया। बोलचाल तक बंद हो गई थी। बड़े भाई व उसकी पत्नी को दो बीघा मिली जमीन की रंजिश अर्से से पाले थे। आरोप लगाया कि इसी रंजिश में उन्होंने बेटी की हत्या कर दी।
रूरा पुलिस की छानबीन बेहद सुस्त रहने की बात सामने आ रही है। खेत में शौच जाने की जानकारी परिजनों से मिलने के बाद पुलिस ने खेतों में खोजबीन नहीं की। गांव में चर्चा रही कि यदि पुलिस पूर्व में ही खेतों में खोजबीन करती तो शव सही हालत में बरामद हो जाता।
यहाँ चूक गई पुलिस
लड़की के पिता ओमप्रकाश ने अपहरण की रिपोर्ट 27 सितंबर को दर्ज कराई थी, जबकि वह 26 सितंबर को लापता हुई थी। विवेचक दरोगा दो बार गांव गया, लेकिन उसने खेतों में पड़ताल करने की जरूरत नहीं समझी। परिजनों ने बेटी के शौच जाने की बात बताई थी। पुलिस की यहीं चूक रही कि शव तत्काल बरामद नहीं हो सका। मृतका की मां माया देवी ने बताया कि पुलिस दो बार घर आई, लेकिन पूछताछ कर चली गई। पुलिस को बताया था कि बेटी खेत की ओर गई थी। रोते हुए कहा कि यदि पुलिस छानबीन करती तो शव बरामद हो जाता। हत्या के सभी तथ्य सामने आ जाते। अब देरी होने से कंकाल ही बचा है।
गुमशुदगी वाले दिन ही अनहोनी की आशंका
लक्ष्मी जिस समय खेत पर गई थी इसी दौरान उसके साथ अनहोनी हो गई। शनिवार को कंकाल मिला तो यह बात सभी ने कही। पुलिस अधिकारी भी शव एक सप्ताह पुराना होने से अब कंकाल बचने की बात कह रहे हैं। पोस्टमार्टम में भी सप्ताह पुराना शव होने की बात डॉक्टर ने कही है। मृतका की मां ने बताया कि दो वर्ष पूर्व बड़ा बेटा राजेश संदिग्ध हालात में तालाब में डूब गया था। बाद में उसका शव मिला था। जवान बेटे को खोने का गम परिवार भुला नहीं सका था और बेटी के साथ अनहोनी हो गई।
रूरा के गहोलिया गांव में जिस बाजरे के खेत में लक्ष्मी का कंकाल मिला। वहां से कुछ दूरी पर जुआरियों का फड़ भी लगने की बात कही जा रही है। बाजरे की फसल की सिंचाई आदि नहीं होने से उस तरफ किसान नहीं गए। 26 सितंबर की सुबह किशोरी घर से शौच के लिए खेत पर गई थी। इसके बाद शनिवार को उसका कंकाल खेत में मिला।
कंकाल मिलने से लोगों ने गुमशुदगी वाले दिन ही उसकी हत्या किए जाने की आशंका जताई। बाजरे की फसल ऊंची होने से किसी को पता नहीं चला। अकबरपुर में हुए पोस्टमार्टम में कंकाल होने से मौत की वजह डॉक्टर साफ नहीं कर सके। हालांकि एक सप्ताह पुराना शव होने का जिक्र डॉक्टर ने किया है। मौत की वजह अब फोरेंसिक जांच से साफ होगी। डीएनए परीक्षण के लिए जांघ व रीढ़ की हड्डी का नमूना सुरक्षित किया गया है।
पुलिस अधीक्षक केशव कुमार चौधरी ने बताया कि किशोरी का कंकाल मिलने के मामले में भाइयों में जमीन को लेकर रंजिश की बात सामने आई है। मृतका के पिता ने अपने बड़े भाइयों पर बेटी की हत्या का आरोप लगाया है। अपहरण में दर्ज रिपोर्ट को हत्या में तरमीम कर आरोपियों को हिरासत में लिया गया है। गहराई से छानबीन के साथ आरोपियों से पूछताछ की जा रही है। आलाकत्ल बरामद करने का प्रयास किया जा रहा है। विवेचना में साक्ष्यों के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।