जिस बेटी की ऑनर किलिंग के जुर्म में UP पुलिस ने पिता और भाई को भेजा था जेल, वह निकली जिंदा

ऑनर किलिंग में मार दी गई किशोरी को जिंदा देखने के बाद उठ रहे यूपी पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल, ग्रामीणों ने किया हंगामा....

Update: 2020-08-08 06:23 GMT

मनीष दुबे की रिपोर्ट

जनज्वार। उत्तर प्रदेश की अमरोहा आदमपुर पुलिस ने 7 महीने पहले जिस किशोरी की हत्या में उसके पिता और भाई को जेल भेज था, अब शुक्रवार 7 अगस्त को वह जिंदा बरामद की गयी है।

इस मामले में यह बात सामने आयी है कि जिस किशोरी को पुलिस ने ऑनर किलिंग में मार दी गयी बताया है, वह अपने प्रेमी के साथ दिल्ली में रह रही थी और उनका एक बच्चा भी है। लॉकडाउन के समय जब किशोरी अपने प्रेमी के गांव परौरा लौटी, तब जाकर इस बात का खुलासा हुआ। खुद किशोरी ने ही एसपी और सीओ को इस बात की जानकारी दी। वहां मौजूद लोगों ने पुलिस की कार्यशैली के खिलाफ हंगामा भी किया। हंगामा और आक्रोश होता देख एसपी ने तत्कालीन एसओ अशोक कुमार शर्मा को सस्पेंड कर दिया है।

दरअसल अमरोहा के आदमपुर थानाक्षेत्र निवासी एक किसान की 15 वर्षीय बेटी 6 फरवरी 2019 को लापता हो गई थी, जिसके बाद उसके भाई होराम व पिता हरफूल ने बीजनपुर निवासी जयपाल तथा सुरेंद्र के खिलाफ अपहरण का मुकदमा दर्ज कराया था। शिकायत के बावजूद पुलिस ने उल्टा किशोरी के भाई होराम और पिता हरफूल को ही गिरफ्तार कर लिया था। ये दोनों 7 महीने से जेल में बंद हैं। बावजूद इसके पुलिस गायब किशोरी को नहीं खोज पाई थी।

इस घटना के बाद 28 दिसम्बर 2019 को आदमपुर पुलिस ने एसपी दफ्तर में एक के बाद एक कई चौंकाने वाले खुलासे किए थे। पुलिसिया थ्योरी के मुताबिक किसान की नाबालिग बेटी गलत संगत में पड़ गई थी, जिससे परिजनों की बेइज्जती हो रही थी।

पुलिस ने अपनी छानबीन के बाद बताया कि किसान ने अपने बेटे और एक रिश्तेदार के साथ बेटी को गोली मारकर मौत के घाट उतार दिया था। पुलिस ने यह भी बताया था कि किसान ने बेटी का शव एक बोरी में भरकर गंगा नदी में फेंक दिया था। पुलिसिया खुलासे में यह भी दावा किया गया था कि किसान ने जमीन के विवाद में अपने भाई के दामाद और उसके परिजनों पर हत्या का आरोप लगाया था।

किशोरी के कपड़े और तमंचा भी दिखाया था बरामद

पुलिस ने अपनी बताई कहानी और खुलासे में किशोरी के पिता की निशानदेही पर हत्या में प्रयुक्त तमंचा और किशोरी के कपड़े भी बरामद होने बताया था, जो उसके अनुसार जंगल मे छिपाया जाना बताया जा रहा था। शुक्रवार 7 अगस्त को किशोरी के उसके प्रेमी के घर मिलने की सूचना पर किशोरी के परिजन और गांव के अन्य लोग परौरा पहुंचे, जिसके बाद किशोरी को अपबे गांव लाकर पुलिस को सूचना दी।

बहन को भाई ने ससुराल में देखा था

गुरुवार 6 अगस्त को किशोरी के एक भाई ने उसे गांव परौरा में देखा था। वह अपनी बाइक खड़ी कर किशोरी के प्रेमी के घर पर लगे नल में पानी पी रहा था। इसी दौरान उसने घर में अपनी बहन को देख लिया था। वहां से लौटने के बाद उसने अपने परिजनों को इस बात की जानकारी दी थी।

शुक्रवार 7 अगस्त को परिजनों सहित गांव के सैकड़ों लोग गांव परौरा पहुंच गए। उन्होंने किशोरी और उसके प्रेमी को पकड़ लिया। पुलिस को इस बात की जानकारी दी गई। अब पुलिस किशोरी, उसके बच्चे और प्रेमी राकेश को थाने ले गई।

गिरफ्तारी के वक्त चिल्लाते रहे थे निर्दोष परिजन

किशोरी की हत्या के जुर्म में जेल में बंद पिता व भाई सहित रिश्तेदार अदालत से जमानत के लिए जद्दोजहद कर रहे हैं। उनकी तरफ से जमानत प्रार्थनापत्र में झूठे तरीके से फंसाये जाने की दलील दी गई है। न्यायालय को बताया गया कि यह मुकदमा खुद किशोरी के भाई ने दर्ज कराया थ, लेकिन पुलिस ने कोई भी कार्रवाई न करते हुए उल्टा उन्हें ही बंद करवा दिया था।

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